जंगलों के मामले में पूरे देश में झारखंड का 10वां स्थान आता है,लेकिन वनों की अंधाधुंध कटाई होने के कारण देश का वन क्षेत्र घटता जा रहा है, जो पर्यावरण की दृष्टि से अत्यंत चिंताजनक है। पर्यावरण को संतुलित बनाये रखने में वनों का बहुत अधिक योगदान रहता है । अब हमारे सामने सवाल यह है कि क्या बढ़ती जनसंख्या के साथ वनों का क्षेत्रफल घटता जा रहा है? क्या जनसंख्या वृद्धि के साथ साथ वनों का विनाश भी बढ़ने लगा है? क्या वर्तमान में लोगो के अपने निजी स्वार्थो की पूर्ति वनों की कटाई ,पर्यावरण सन्तुलन को बिगाड़ने एवं बढ़ते हुए प्रदूषण के कारण होने वाले प्रभावो का कारण बन गयी है ? आपके अनुसार जंगलो में आग की समस्या ,पहाड़ों की अंधाधुंध खुदाई के कारण किस स्तर तक जंगल घटे है?साथ ही वनों की कटाई में बिचौलियों की क्या भूमिका होती है और वे किस तरह पदाधिकारी व अधिकारियों से साठ-गांठ कर वनों की कटाई को अंजाम दे रहे है ? वन विभाग व प्रशासन द्वारा वनों की हो रही अंधाधुंध कटाई को रोकने के लिए किस तरह के ठोस कदम उठाने की जरुरत है ?इस मुद्दे पर अपनी राय व अपने क्षेत्र की स्थिति के बारे में हमें जरूर बताये मोबाइल वाणी के निःशुल्क नंबर -08800097458 पर मिस्ड कॉल देकर।

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जिला जमशेदपुर के पूर्वी सिंहभूम से धरनी जी मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि जमशेदपुर-1 के उत्क्रमित हाई स्कूल हरमाड़ीह में तक़रीबन 250 बच्चे है जो इस प्रतिदिन स्कूल में शिक्षा ग्रहण करने आते है।इस स्कूल में एक ही शिक्षक पदस्थापित है जिनके भरोसे स्कुल की कक्षाएं चल रही है.इस स्कुल में कक्षा 1 से 10 तक की पढ़ाई होती है। शिक्षको की कमी होने से बच्चो का पठन पाठन असंतुलित हो गया है। शिक्षको की कमी से सिर्फ बच्चो की पढ़ाई ही प्रभावित नहीं हो रही है वरन शिक्षको की कमी का प्रभाव स्वयं शिक्षको पर भी पड़ रहा है की उन्हें एक साथ कई कक्षाएं लेनी पड़ रही है।इनका कहना है कि यह एक गंभीर मुद्दा है।सरकार को इस पर विचार-विमर्श करना चाहिए।और जल्द से जल्द इस स्कूल में अनिवार्य रूप से अन्य दूसरे शिक्षक प्रदान किये जाने चाहिए क्योकि एक शिक्षक के लिए कक्षा 1 से 10 तक पढ़ाना काफी मुश्किल है।

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स्वच्छ भारत अभियान भारत सरकार द्वारा आरम्भ किया गया एक राष्ट्रीय स्तर का अभियान है जिसका उद्देश्य देश का हर हिस्सा कचरा मुक्त और साफ-सुथरा करना है। यह अभियान महात्मा गाँधी के जन्मदिवस 2,अक्तूबर 2014 को आरम्भ किया गया। लेकिन क्या 2 साल पुरे हो जाने के बाद भी इस अभियान से हमारा झारखण्ड स्वच्छ हो पाया है? स्वच्छता अभियान में प्रचार-प्रसार के नाम पर काफी राशि खर्च किए जा रहे है। पर क्या इन राशियो का सही स्तेमाल हो रहा है?

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March 6, 2017, 8:40 p.m. | Tags: int-CP   discussion   alcoholsale   governance   int-DT   tribal   | Category: governance


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March 7, 2017, 1:54 p.m. | Tags: int-CP   discussion   alcoholsale   governance   int-DT   tribal   | Category: governance

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