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सुषमा कुमारी,जिला बोकारो के पेटरवार प्रखंड स्थित तेनुघाट से मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती है कि बोकारों जिले में 12 जगहों पर खोली गई है सरकारी शराब की दुकानें।इस तरह की दुकानें लोगों के लिए अनुचित है लेकिन सरकार सिर्फ अपना फायदा देखती है.इससे जनताओ तथा खासकर युवाओं को क्या प्रभाव पड़ेगा इससे सरकार को कोई मतलब नहीं है।शराब की लत से लोगो की स्थिति दयनीय होती जा रही है।इसके लत के कारण लोगो द्वारा अपने बच्चों की पढ़ाई -लिखाई पर कोई ध्यान नहीं दिया जाता है।यह मामला खासकर न्यूनतम या माध्यम वर्ग के परिवार में आता है.वही इस शराब के कारण कुछ लोग अपनी पत्नी और बच्चों की पिटाई भी करते है जिसकारण घरों का माहौल गंभीर होता जाता है।शराब के कारण लोगो द्वारा दहेज़ की मांग भी की जाती है और अगर दहेज़ देने से इंकार किया जाता है तो जान से मार भी दिया जाता है अर्थात शराब पीकर महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार किया जाता है।इसलिए इनका सरकार से निवेदन है कि जनताओ को होने वाली मुश्किलें,परेशानियों और नुकसानों को गहराई से सोचकर इसपर कोई भी कानून या मामले को लागु करे।
क्यों आज के समय में युवाओं को उच्च ध्वनि यानि डीजे साउंड के गाने सुनना अधिक अच्छा लगता है...? क्या जनता द्वारा क्षेत्र में इस तरह डीजे साउंड में बजते गानों पर कोई रोक लगाई जाती है...? परीक्षा की तैयारी करते छात्रों को डीजे साउंड से क्या-क्या परेशानी होती है..? सरकार और प्रशासन द्वारा डीजे व साउंड सिस्टम पर तो पहले से ही रोक लगाई गई है फिर भी यह हमारे कानो तक किसी न किसी रूप में पहुंचते है इससे यह प्रश्न उठता है की सरकार की यह पहल कितनी कारगर साबित हो रही है..? श्रोताओ आपके अनुसार हमारे जीवन को डीजे साउंड की ध्वनि किस हद तक प्रभावित करती है और यह किस तरह से शारीरिक और मानशिक तौर पर लोगों के स्वास्थ्य को नुकसान पंहुचा रही है ?
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जिला बोकारो के तेनुघाट प्रखंड से सुषमा जी मोबाईल वाणी के माध्यम से बताती हैं कि महिला जनप्रतिनिधि चाहती थी की विकास करे पर उन्हें आगे नहीं बढ़ने दिया जाता है। पति,पुत्र आदि भरस्टाचारी के दबाव में आकर महिलाओ के साथ अत्याचार बढ़ने लगा है। पंचायत राज्य में महिलाओ को कई अधिकार प्रदान किये गए पर महिलाएं उसे सही ढंग से नहीं कर पा रही है। कारण यह है कि महिलाओ को जानकारी का आभाव है और पुरुष भी अधिकार से वंचित रखते हैं। महिलाओ को पुरुष की बात मान कर चलनी पड़ती है नहीं तो उसे पड़ताड़ना का शिकार होना पड़ता है। इसलिए उन्होंने सरकार से आग्रह किया है की प्रशिक्षण शिविर लगाकर महिलाओं को अधिकार की जानकारी दी जाए।
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