जिला बोकारो,से पवन कुमार ने झारखण्ड मोबाईल वाणी के माध्यम से कहते है की उनसे झारखण्ड मोबाईल वाणी पसंद है और इससे उन्हें काफी लाभ भी मिलता है इसलिए ये झारखण्ड मोबाईल वाणी को धन्यवाद देते है। इनका कहना है की पारा शिक्षको के हड़ताल से इनके गाँव के स्कूल बंद हो गए है।और मधुपुर पंचायत के स्कूल में पारा शिक्षको की हड़ताल से स्कूल में सिर्फ एक मास्टर आते है जो की सरकारी है लेकिन छात्र स्कूल नहीं आते है क्योँकि वर्ग 1 से लेकर 10 तक के बच्चो को सम्भालना मुश्किल हो जाता है। इसलिए ये लोग जानना चाहते है की पारा शिक्षको की हड़ताल कब ख़त्म होगी
जिला बोकारो से गोपाल कुमार झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते है कि पारा शिक्षक की मांग है आय में वृद्धि जिसमे सरकार की ओर से कोई पहल नहीं की जा रही है।अत: शिक्षको की मांग पूरी नहीं की जाएगी तबतक हड़ताल जारी रहेगी।
बोकारो से भुनेश्वर महतो मोबाइल वाणी के माध्यम से ये बता रहे है कि सुदेश महतो के आगमन के बाद इन्होने रैली किये और जादा से जादा संख्या में लोगो को इक्कठा किये।
मुमताज अंसारी,बोकारो से पारा शिक्षक है ये झारखण्ड सरकार से कहना चाह रहे है की 28 अगस्त से 16 सितम्बर तक 20 वा दिन गुजर गया है लेकिन सरकार द्वारा कोई पहल नहीं हो रहा है.बहुत दुःख की बात है की सरकार खुद को गर्वानित हो रही है की हम मुख्य मंत्री,शिक्षा मंत्री तथा उपमुख्य मंत्री है लेकिन राज्य के अन्दर कोई भी ऐसे कार्यो का सही क्रियान्वय नहीं हो रहा है जिससे राज्य एवं समाज को लोग प्रसंसा करे.वह अपने में ही फुला नहीं समा रहे है की वह मंत्री है.वह सरकारो से आग्रह करते है की वह पारा सिक्षाको की जायज मांगो पर अबिलम्भ विचार करे.अप खुद इस बात का मंथन कर सकते है की पारा शिक्षको को जो 5000-6000 मिल रहे है तो क्या उस पैसे से वह भरण पोषण कर सकते है तथा सभी मूल अवास्यक्ताओ की पूर्ति कर सकते है साथ ही लाखो-करोड़ो बच्चो का जीवन अंधकार में न लेजाकर उनके उज्वल भविष्य की कामना करे.
Omprakash Mahto, Binyato village requests Baijnath Ram ji, State Education Minister, to recognize the efforts of para teachers in many areas. Besides education, they also contribute to village election administration, census efforts, but the government is still not compensating them adequately. Only by doing so will Jharkhand shine, he says.
सुरेश,बोकारो से इनका कहना है की पारा शिक्षक संघ की और से हड़ताल है तथा माननीय शिक्षा मंत्री बैजनाथ राम से कहना चाहते है की पारा शिक्षक को 1000 -5000 तक मानदेय मिल रहा है यहाँ मुख्य मंत्री,शिक्षा मंत्री सहित पदाधिकारी हस्ताक्षर कर चूका है लेकिन हेमंत सोरेन ने फाइल को आगे नहीं बढ़ाया।इनका कहना है हेमंत सोरेन से की फाइल आगे नहीं बढ़ा रहे है तो जो पारा शिक्षक है वह 1000-5000 के मानदेय पर काम कर रहा है ये बहुत गलत बात है.ये हेमंत सोरेन से कहना चाह रहे है की वह अतिसिघ्र ही फाइल को बढ़ावे तथा पारा शिक्षको का कल्याण करे अन्यथा आन्दोलन करने के लिए तैयार है और सारा जवाबदेह मंत्री मंडल को होगा।
पुरन्त सिंह,बोकारो से ये पारा शिक्षक है तथा ये अपने स्कूल के पारा शिक्षको से अनुरोध कर रहे है की 17 नवम्बर 2012 को बाबु चंद्र के अगुवाई में बैठक की जाएगी जो आगे की रणनीति बनाई जाएगी जो 28 से हड़ताल में है उस रणनीति पर बात होगी और आगे की कार्यवाई की जाएगी।तथा ये सेवा शुरु करने के लिए धन्यबाद कह रहे है.
कैलाश गिरी,बोकारो से उनका कहना है की ग्राम शिक्षा समिति के अध्यक्ष 6 माह से नहीं है उसके बाद भी 32,00,000 की स्वीकृति के तहत भवनो का निर्माण किया गया है जिसमे 16 कमरो का निर्माण हो गया है इसमें यह भी देखा गया की अध्यक्ष के नहीं रहने के बाद भी काम हो रहा है.ग्राम शिक्षा समिति में मध्यान भोजन की पैसा निकासी सचिव व अध्यक्ष तक होता है उसी तरह भवन निर्माण के कार्य में भी उन्ही के आधार पर होता है.अगला साल स्कूल भवनो की गुणवता में बहुत सी खामिया बोकारो जिला में आया था जिसमे dsc तथा स्कूल के प्रधानाध्यापिका फसे थे जो अभी जेल के सलाखे पर है.शिक्षा मंत्री वैजनाथ राम तथा मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा से आग्रह करना चाह रहे है की इन सब की जाँच करे तथा उचित कारवाई करे।
महेंद्र प्रसाद,बोकारो से वहा के अध्यक्ष का कहना है की उनके गांव के स्कूल में पठन-पाठन की सुविधा इतनी ख़राब है और उनका कहना है की वह कैसे स्कूल चला रहे है वह उनको ही पता है.सरकार न ही पैसे देती है और न ही हड़ताल पर गए शिक्षको की कोई सुनवाई हो रही है और न ही कोई वैवास्था की गयी है.और इनका कहना है की स्कूल को बंद कर दे और बच्चो को छोड़ दे.वैजनाथ राम जी मंत्री है वह कुछ भी नहीं कर रहे है.इसलिए वह कहना चाह रहे है की जल्द से जल्द कोई रास्ता निकाले।
बोकारो: तुलबुल पंचायत बोकारो निवासी कशीनाथ प्रजापति झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते हैं कि सरकार द्वारा पारा शिक्षको को काफी काम वेतन दिया जाता है जिससे पारा शिक्षको को काफी परेशानी होती है.