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झारखंड के धनबाद जिला से बीरबल महतो जी झारखंड मोबाईल वाणी के माध्यम से कह रहे है कि बाल विवाह का अर्थ लिंग में भेदभाव करना होता है।आज के ज़माने में भी अज्ञानता के कारण लड़कियों की जल्दी शादी करा कर उनसे छुटकारा पाना, जो की हमारे देश के लिए बहुत ही शर्मनाक है।लड़का हो या लड़की दोनों समान होते है और अगर सही शिक्षा मिले तो लड़कियाँ किसी भी काम से पीछे नहीं हटती है।लड़का और लड़की गाड़ी के दो पहिये के समान होते है, जिस प्रकार अगर गाड़ी का एक पहिया पंक्चर होने से गाड़ी सही प्रकार से नहीं चलती है। ठीक उसी प्रकार सभी को लड़का और लड़की को समान मानकर पढ़ाना-लिखाना चाहिए।और सही समय पर ही उनकी शादी करनी चाहिए।अन्यथा पूरा परिवार ही परेशान हो जाता है। परिवार को सही रूप से चलाने के लिए लड़का की उम्र 21 वर्ष और लड़की की उम्र 18 वर्ष होने के बाद ही शादी करनी चाहिए।लड़कियों को कमजोर नहीं समझाना चाहिए क्योंकि आज के समय में लड़कियां डॉक्टर, इंजीनियर और कलेक्टर भी बन सकती है।
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जिला धनबाद प्रखंड बाघमारा से बीरबल महतो जी मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि भारत एक कृषि प्रधान देश है और 80 प्रतिशत जनता कृषि पर ही निर्भर रहती है। उनमे से झारखण्ड भी एक ऐसा राज्य है जहाँ पर 80 प्रतिशत लोग खेती पर ही निर्भर रहते है।पर उन्नत किस्म के बीज ना होने के कारण यहाँ के किसानों की फसल अच्छी नहीं हो पाती है।और अच्छी फसल के लिए रासायनिक खाद और कीटनाशक दवाओं का प्रयोग करते है जिस वजह से यहाँ की ज़मीन की उर्वरक शक्ति कम हो गयी है।पहले जिस अनुपात में उत्पादन होता था वर्तमान समय में उतना नहीं होता है इसका एक मुख्य कारण किसानो में जैविक खाद की जानकारी का आभाव भी है। यहाँ के किसान जैविक खाद का प्रयोग नहीं करते हैं । बीरबल जी कहते हैं कि जैविक खाद जमीन को उपजाऊ तो बनाती ही है,साथ ही उत्पादन में भी बढ़ोतरी करती है जबकि इसके विपरीत रासायनिक खाद उत्पादन तो दुगुना कर देती है पर जमीन की उर्वरक शक्ति को घटा देती है, साथ ही वातावरण में कई तरह की बीमारियों को भी जन्म देती है ।अत: राज्य सरकार को चाहिए की वे किसानो को जैविक खाद की जानकारी अच्छे से दे।
जिला धनबाद, प्रखंड बाघमारा से मदन लाल चौहान जी मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते हैं कि भारत एक कृषि प्रधान देश है।किसान अपनी खेतों की उपज बढ़ाने के लिए रासायनिक खाद,हाइब्रिड बीज एवं कीटनाशक दवाओं का इस्तेमाल करते हैं। जबकि रासायनिक खाद एवं कीटनाशक दवाओं का प्रयोग करने से खेतों की उर्वरक क्षमता कम होती जाती है और मानव शरीर के लिए रोग जैसे हार्ट अटैक,ब्लड प्रेशर,ब्लड शुगर,अन्धापन एवं मानसिक रोग से ग्रसित हो जाते हैं। इसके लिए सरकार को जैविक खाद एवं प्रयोगशाला, कृषि से सम्बंधित कृषि केंद्र एवं कृषि पदाधिकारी तथा गोबर से जैविक खाद बनाने की विधि एवं गौ मूत्र को कीटनाशक के रूप में प्रयोग करने के लिए किसानों को प्रशिक्षण देना चाहिए। साथ ही किसानों की कृषि सबंधित जानकारी बढ़े और वे अच्छे से खेती कर पाएं इसके लिए कृषि से संबंधित पुस्तक,अख़बार आदि सरकार को उपलब्ध करानी चाहिए।इसके अलावा किसानों की यह भूमिका होनी चाहिए कि वे खेतों की उर्वरक क्षमता को सामान्य रखें और इसके के लिए जरुरी है कि किसान अपने खेतों में केवल जैविक खाद का ही प्रयोग करें।
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जिला धनबाद प्रखंड बाघमारा से मदन लाल चौहान जी मोबाइल वाणी के माध्यम से बाल विवाह कार्यक्रम के संदर्भ में बताते हैं कि, झारखण्ड राज्य में बाल विवाह का प्रचलन जोरों पर था। किन्तु अब शिक्षा के प्रचार,प्रसार से बाल विवाह में काफी कमी आई है। सरकार द्वारा कई कानून बनाई जाती है,परन्तु जानकारी के अभाव में लोग इसका लाभ नहीं उठा पाते हैं। बाल विवाह को पूर्ण रूप से रोकने के लिए आंगनबाड़ी सेविका, मुखिया,वार्ड सदस्य एवं पंचायत समिति आदि को पूर्ण जिम्मेदारी के साथ प्रखंड कार्यालय तक सूचना पहुंचाने का कार्य करना चाहिए, साथ हीं यदि कही बाल विवाह होती है तो प्रशासन इन जिम्मेदार लोगों पर जुर्माना एवं क़ानूनी प्रक्रिया के अंतर्गत करवाई करेगी।
जिला धनबाद बाघमारा से बीरबल महतो जी मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते हैं कि राज्य में अधिकतर बाल विवाह किया जा रहा है जो की नहीं होना चाहिए। बाल विवाह होने के मुख्य कारण गरीबी,अशिक्षा और जागरूकता की कमी। अतः राज्य सरकार द्वारा प्रत्येक जिले,प्रखंड और राज्य में एक प्रचार करें जिसमे बाल विवाह के विरुद्ध बातें किया जाए।
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