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धनबाद जिले के बाघमारा प्रखण्ड, से बीरबल महतो जी झारखंड मोबाईल वाणी के माध्यम से बता रहे है कि सभी माता-पिता को अपने बच्चों का सहयोग करना चाहिए।जब बच्चे किशोवास्था में हो तो उनकी भावनाओं को समसझना चाहिए।और बच्चो को समझने में माँ का सबसे ज्यादा सहयोग होना चाहिए। क्योंकि माताये अपनी किशोर बच्चियों के बारे जितना जान सकती है, उतना उनके पिता नहीं जान सकते।किशोवास्था में बहुत सी ऐसी अड़चने आती है जिससे लड़कियाँ घबरा जाती है। ऐसी स्थिति में उन्हें साँत्वना देना चाहिए और साथ-ही-साथ स्कूल भी भेजना चाहिए। और उन्हें शिक्षित करना चाहिए ताकि बाल विवाह रुके।साथ ही जबतक बच्चे परिपक्व ना हो जाये उनकी शादी नहीं करनी चाहिए।

झारखंड राज्य के धनबाद जिला के बाघमारा प्रखंड से बीरबल महतो जी मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते हैं कि, 1 जुलाई 2017 से जीएसटी लागू हुई है।सरकार द्वारा एक देश और एक कर का निर्देश दिया गया जिससे देश भर में वस्तु की दर से एक सामान कर होगा और ये आम लोगों के हित में रहेगा।इससे निश्चित तौर पर वस्तु की दर घटेगी और देश के साथ-साथ आम जनता को भी लाभ मिलेगा। आज जीएसटी ऑनलाइन होने से आम जनता काफी खुश हैं उन्हें किसी भी वस्तु की दर जानने में और खरीदारी करने में आसानी हो रही है।अतः सरकार द्वारा जीएसटी लागू करना आम लोगों और देश के लिए काफी हित में हैं।आने वाले समय में देश के सभी लोगों को लाभ मिलने की पूरी संभावना है इससे भारत विकसित देश बन जाएगा तथा लोगों को कोई परेशानी नहीं होगी।

झारखंड राज्य के धनबाद जिला के बाघमारा प्रखंड से बीरबल महतो जी मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते हैं कि झारखंड को प्रकृति ने अनेक दर्शनीय स्थल दिये हैं, जो पर्यटकों के लिए बहुत अच्छी बात है।इसी के तहत बाघमारा प्रखंड अंतर्गत लिलोरी नामक स्थान है जंहा बहुत ही आकर्षक नदियां है। साथ ही यहां पर माँ लिलोरी की मंदिर भी है।जंहा समय-समय पर शादी समारोह का आयोजन किया जाता है।लेकिन यह क्षेत्र आज भी विकास का बाट जोह रहा है। अतः बाघमारा के जनप्रतिनिधि एवं ग्रमीणो के सहयोग से इस स्थान का सौंदर्यीकरण होना चाहिए।क्योंकि यह एक अच्छा पर्यटन स्थल है और इसकी शोभा बढ़ानी चाहिए।ताकि लोगो को आने-जाने में कोई परेशानी ना हो सकें। और इस स्थल पर अधिक संख्या में लोग पहुँच सके।

जिला धनबाद के बाघमारा प्रखंड से बीरबल महतो जी बताते हैं कि डोभा निर्माण के बाद कई ऐसे बच्चे हैं जिनकी मृत्यु डोभा में डूब कर हो गई जो एक अप्रिय घटना है। दूसरी बात धनबाद की जमीन काफी खोखली हो गई है जिसके कारण कुआँ और तालाब में पानी नहीं ठहर पाता तो प्रश्न यह उठता है कि डोभा में कैसे पानी ठहर सकता है..? अर्थात इसमें केवल सरकारी खजानों की लूट हुई है।केवल दिखावटी के कारण डोभा का निर्माण किया गया था आज किसी भी डोभा में पानी नहीं रहता है।

झारखण्ड राज्य के धनबाद जिला से मदन लाल चौहान जी मोबाइल वाणी के माध्यम से असुरक्षित पलायन के बारे में अपने विचार हमारे साथ साझा करते हुए बता रहे हैं कि जीवनयापन के लिए बेहद जरुरी है,अच्छी आय और अच्छी आय के लिए आवश्यक है,अच्छा रोजगार जब आर्थिक हालत अच्छे होंगे,तब ही लोग अपने परिवार का भरण-पोषण सही तरीके से कर सकते हैं।राज्य सरकार ने बहुत बड़ी-बड़ी बातें की मजदूरों को अपने ही क्षेत्र में रोजगार दिलाने की परन्तु सरकार की ये बातें सिर्फ बड़े-बड़े होर्डिंगस और बैनर तक ही सिमट कर रह गयी।सरकार हर एक परिवार को रोजगार प्रदान करने में पूर्ण रूप से असमर्थ दिख रही है।जिसका परिणाम यह है की मजदुर वर्ग जीविकोपार्जन के लिए दूसरे शहरों में पलायन कर रहे हैं।जिसका भयावह दुष्परिणाम मजदुर वर्ग के परिजनों और खुद मजदूरों को उठाना पड़ रहा है।रोजगार की तलाश में ये मजदुर इतने विवश और असहाय हो जाते हैं,की फर्जी दलाल लोंगो के जाल में फँस जाते हैं।ये दलाल इन्हे रोजगार का लालच दे कर अपने साथ ले जाते हैं,और गैर निबंधित कम्पनियों से मोटी रकम ले कर इन मजदूरों को बेच देते हैं। गैर निबंधित कम्पनियाँ इन मजदूरों को कैद कर एक कमरे में रखते हैं,और उनसे काम करवाते हैं।मजदूरों का मानसिक,शारीरिक एवं आर्थिक रूप से भी शोषण करते हैं।जब इन मजदूरों को अपना भविष्य अंधकारमय नजर आता है,तो कई मजदुर निराश हो कर आत्महत्या तक कर लेते हैं।उधर पलायनकर्ता के परिजन उनका बांट जोहते रहते हैं,कभी एटीएम में जा कर पैसे देखते हैं,तो कभी पोस्टमैन और मनीऑर्डर का इंतज़ार करते रहते हैं।कई लोग तो वहीं जा कर अपने परिवार के साथ बस जाते हैं।उनके माता-पिता यहाँ अकेले रह जाते हैं,वो अपने बच्चों की राह देखते-देखते थक जाते हैं,और थक कर खुद भिक्षायटन कर अपना जीवन बिताने को मजबूर हो जाते हैं।सरकार को इस समस्या का समाधान निकालने के लिए अपने ही राज्य के जिले एवं प्रखंडो में निबंधन कार्यालय खुलवाना चाहिए।जिससे आतंरिक पलायन में कमी आती।इसके साथ ही एनजीओ की सहायता से पलायन को रोकने के लिए कानूनी जागरूकता भी समाज में प्रसारित करने की आवश्यकता है।

जिला धनबाद,प्रखंड बाघमारा से बीरबल महतो जी बाल विवाह मुक्त झारखण्ड अभियान कार्यक्रम के संदर्भ में बताते हैं कि, हमारे देश भारत में बहुत से ऐसे राज्य हैं, जंहा आज भी बच्चों का बाल विवाह किया जाता है।इसे रोकने का फर्ज हर नागरिक का है। क्योंकि बाल विवाह करने से लड़कियों का जीवन संकट में पड़ जाता है। बाल विवाह करने का मुख्य कारण यह है, कि भारत की वायु गर्म होती है जिसके कारण लड़कियाँ जल्द ही परिपख हो जातीं हैं, और समाज में कई घटनाएँ सुनने को भी मिलती है जिसके डर से माता-पिता अपने बच्चों का बाल विवाह कर देते हैं।दूसरी ओर दहेज़ प्रथा और अशिक्षित होने के कारण भी बाल विवाह किया जाता है।अभिभावक यह नहीं सोचते कि, शादी के बाद बच्चों को शारीरिक एवं मानसिक रूप से क्या-क्या समस्याओं का सामना करना पड़ेगा।अतः सभी जनता को मिल कर बाल विवाह पर रोक लगानी चाहिए ताकि हमारा समाज बाल विवाह मुक्त समाज बन सकें।

झारखण्ड राज्य के जिला धनबाद ,प्रखंड बाघमारा से मोबाइल वाणी रिपोर्टर मदन लाल चौहान मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते हैं कि हमारा देश 15 अगस्त सन 1947 को आजाद हुआ।देश की आजादी में अनेकों माता-पिता ने अपने औलाद को खो दिया ,तो कइयों ने अपने भाई को कुर्बान कर दिया।और हजारों की संख्या में बच्चे अपने बालअवस्था में ही पिता के प्यार से महरूम हो गए।जैसे ही देश आजाद हुआ सम्पूर्ण देश जश्न के माहौल में डूब गया।आजादी के बाद से आज तक में देश का काफी विकास हो चूका है,लेकिन देश के आजादी में शहीद हुए जवानों का गांव ,घर एवं परिवारों की दशा आज भी जस की तस बनी हुई है। शहीद हुए जवानों की परिवारों को आज भी किसी सरकारी योजना जैसे पेंशन आदि की सुविधा बड़ी ही मुश्किल से मिलती है।एक बात गौर करने वाली यह भी है कि चुनाव के समय वोट बैंक के लिए बड़े -बड़े राजनेताओं द्वारा रैली निकालकर शहीद हुए जवानों को याद कर श्रधंजलि दी जाती है और उनके परिवारों से बड़े-बड़े वादे किये जाते हैं लेकिन ये वादे सिर्फ अख़बारों तक ही सिमटकर रह जाती है। और यही वजह है कि शहीद हुए जवानों की परिवारों की स्थिति आज भी दयनीय है। वे कहते हैं कि शहीद हुए जवानों की परिवारों की स्थिति में सुधार लाने के लिए देश में एक कानून बननी चाहिए जिसमें यह प्रावधान होने चाहिए कि देश सेवा यानि फ़ौज में शामिल हुए जवानों के पुत्र एवं भाई-भतीजा होने पर विधायक,सांसद एवं राज्य सभा के सदस्य के लिए नॉमिनेट किया जायेगा ,तभी जाकर राजनीतिक स्थिति में सुधार आयेगा ।