जिला हजारीबाग,प्रखण्ड इचाक से तेजनारायण जी झारखण्ड मोबाईल वाणी के माध्यम से बता रहे है की खनन कार्य में जो घोटाला हो रहा है और मजदूरों की जो मौत हो रही है इसके पीछे खनन कार्य कराने वाली कम्पनी का दोष है।और ऐसी कम्पनियों को किसी प्रकार की कोई चिंता नहीं है इसलिए लगातार ऐसी घटनाये बढ़ती जा रही है। इनका कहना है की ऐसी कम्पनिया जो खनन कार्य करवाती है वो सिर्फ खनन से मतलब रखती है,उसे मजदूरों की कोई चिंता नहीं होती है।ऐसी कम्पनियों को बदल कर कोई और कम्पनी या सरकार अपनी कम्पनी खोले ताकि यह खनन कार्य को अच्छे से कर सके।ऐसी लापरवाह कम्पनियों की कोई जरुरत नहीं है क्योंकि इन कपंनियों को सिर्फ कोयला खनन से मतलब होता है।
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तेज नारायण प्रसाद कुशवाहा जिला हजारीबाग के इचाक प्रखंड से मोबाईल वाणी के माध्यम से बताते हैं कि उमा को स्कुल जाने देना चाहिए,समाज की बातो को नहीं सूनना चाहिए,दहेज़ की जंहा तक बात है तो सरकार से ये अनुरोध करना चाहते हैं कि बच्चे और अभिभावक के बिच में इस का जागरूकता पैदा किया जाए की बच्चे आत्मनिर्भर हों इसके साथ ही शादी के लिए तैयारी माँ-बाप के मर्जी से करनी चाहिए उससे न माता पिता को ठोकर लगेगी और न ही बच्चे की भविष्य खराब होगी
जिला हजारीबाग,प्रखण्ड इचाक से तेज नारायण कुशवाहा जी झारखण्ड मोबाईल वाणी के माध्यम से बता रहे है की बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ स्वरोजगार के लिए प्रशिक्षण देना चाहिए । ताकि वो स्वलम्बी हो सके। चाहे कोई भी क्षेत्र हो उस क्षेत्र में आगे बढ़ सके ।इसलिए उन्हें ऐसी प्रशिक्षण मिलनी चाहिए जिससे उन्हें रोजगार पाने की और पढ़ाई करने की क्षमता मिल सके। ताकि वो आगे अपने जीवन में अपने बल पर कुछ कर सके।
जिला हजारीबाग,प्रखण्ड इचाक से तेज नारायण कुशवाहा जी झारखण्ड मोबाईल वाणी के माध्यम से बता रहे है की बच्चियों की शादी के लिए माता पिता चिंतित रहते है क्योंकि वो सोचते है अगर बच्चियां समझदार है तो अच्छा है और अगर नासमझ हो तो कही न कही वो कुछ अनैतिक कार्य ना कर ले।और साथ ही माता पिता को यह चिंता भी सताता रहता है की शादी में तिलक और दहेज़ देना पड़ेगा,साथ ही ज्यादा उम्र हो जाने पर लोग उसे ताना मारते है।इनका कहना है की समाज के लोगो में जागरूकता होनी चाहिए की लड़कियाँ अपने पैरो पर खड़ी हो जाये,शारीरिक और मानसिक रूप से भी मजबूत हो जाये उसके बाद उसकी शादी होनी चाहिए।सरकार को भी इस ओर ध्यान देना चाहिए ताकि लड़कियों की शादी समय से हो सके।
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तेजनारायण प्रसाद कुशवाहा मोबाईल वाणी के माध्यम से बताते हैं कि, लड़कियों की शशक्तिकरण के लिए बहुत जरुरी कदम उठाना चाहिए,और उनकी शादी 18 वर्ष से पहले नहीं होनी चाहिए क्योकि उसे शारीरिक और मानसिक विकास करने का मौका मिलना चाहिए,लकड़कियों को बस इतना ही नहीं उसे 15 वर्ष की उम्र से हर क्षेत्र में उसे प्रशिक्षण देना चाहिए जिससे की जब उसकी शादी हो जाए और अपना घर सम्भाल ले। माता और पिता को भी अपने बच्चे को ट्रेण्ड करना चाहिए क्योकि उनके गाव में भी एक परिवार ने अपनी बच्ची को ऐसी शिक्षा दी है कि वो बच्चियाँ अभी खुद शशक्त हो गई है
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