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झारखण्ड राज्य के हज़ारीबाग ज़िला के इचाक प्रखंड से टेकनारायण प्रसाद कुशवाहा मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते हैं कि रोजगार के ख्याल से हमारे झारखण्ड सरकार ने डेयरी फॉर्म का परियोजना बनाया।हजारीबाग जिले में मात्र एक डेयरी फॉर्म है,जहाँ पर गाय पालन और दुग्ध का उत्पादन किया जाता है।लेकिन इसके अलावा आस पास के क्षेत्र में कोई ऐसा केंद्र नहीं खुला है जहां पर आस पास के लोग उत्पादित दुग्ध को बेच सके। अत: झारखण्ड सरकार से वे कहना चाहते हैं कि रोजगार के ख्याल से प्रत्येक प्रखंडों में और प्रत्येक जिलों में जगह जगह पर डेयरी फॉर्म की स्थापना किया जाना चाहिए जिससे लोगो को रोजगार मिलेगा और पलायन भी रुकेगा।

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झारखण्ड राज्य के हज़ारीबाग ज़िला के इचाक प्रखंड से टेकनारायण प्रसाद कुशवाहा मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते हैं, इनके क्षेत्र के बाबू लाल महतो जी अपने जीवनभर गायों और मवेशियों का पालन पोषण किये। और इसी से अपने बच्चों को पढ़ाया लिखाया।और अब बाबू लाल जी की बहु मंजू देवी जी का कहना है कि इनके पिताजी गायों और मवेशियों का पालन पोषण करके अपने परिवार का पालन-पोषण और उन्हें स्वावलम्बी बनाने का काम किये है। मंजू जी का कहना है की ये मछली पालन के साथ-साथ मुर्गी पालन, बत्तख पालन भी करना चाहती है। और पुरे झारखंड को बताना चाहती है की घर में भी रहकर के अच्छा-से-अच्छा रोजगार किया जा सकता है। जिससे की किसी को पलायन करने की जरूरत नहीं होगी। मंजू जी इसके लिए सरकार से सहायता चाहती है ताकि ये घर में रहकर कृषि और पशुपालन के क्षेत्र में काम कर सके

झारखण्ड राज्य के हज़ारीबाग के इचाक प्रखंड से तेजनारायण कुशवाहा ने मोबाईल वाणी के माध्यम से बताया कि सरकार द्वारा जून 2013 में झारखंड वासियों के लिए दुग्ध उत्पादन कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की बात सोची गई थी । परन्तु आज हजारीबाग जिले के इचाक प्रखंड में कही भी कोई सरकारी डेरी फॉर्म का निर्माण नहीं गया है। जिससे लोग दुग्ध उत्पादन कर अपना रोजगार चला सकें। मजबूरन जो लोग गाय रख कर दुग्ध उत्पादन किया करते थे वे आज इस कार्य को छोड़ कर कृषि कार्य में लग गए हैं। कई लोगों के घरों में अब मवेशी देखने को नहीं मिलती है। अतः झारखण्ड सरकार इचाक प्रखंड के किसानों महिलाएं जो बेरोजगार हैं उनके बीच गायों का वितरण कर उन्हें दुग्ध उत्पादन के लिए साधन बनाया जाए। ताकि उन्हें रोजगार प्राप्त हो सके। देखा जाता हैं कि कई क्षेत्रों में बेरोजगारी के कारण लोग शराब बेचने पर मजबूर हो जाते हैं। कई लोगों के घरों में पुरुष रोजगार की तलाश में दूसरे राज्य में रोजगार करने चले जाते हैं जिसके कारण ग्रामीण क्षेत्र में रह रही महिलाएं दुग्ध का कार्य नहीं कर पातीं हैं।अतः सरकार को इस समस्या पर विचार विमर्श अवश्य करना चाहिए।

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झारखण्ड राज्य के हजारीबाग जिला के इचाक से टेकनारायण प्रसाद कुशवाहा जी मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते हैं कि झारखंड राज्य के सभी व्यक्तियों को आत्म निर्भर और गाँव को रोजगार उपलब्ध कराने की दिशा में जून 2013 में सरकार ने दुग्ध उत्पादन के लिए योजना बनाई।सरकार का लक्ष्य इससे राज्य को दूध के मामले में आत्म निर्भर बनाना था। परन्तु सरकार के इस प्रयास के बावजूद सरकारी डेयरी का उतनी तेज़ी से विकास नहीं हुआ। कुछ लोग गाय खरीदने के नाम पर लोन लेकर उस पैसे से बूढी गाय खरीद लेते है। इसका कारण यह की लोग यह सोचते है अगर वह समय पर लोन नहीं चूका पायंगे तो क्या होगा ? जिससे उतने मात्रा में दूध का उत्पादन नहीं होता है , जितनी की किसानो द्वारा उम्मीद की जाती है।

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