झारखण्ड राज्य के हजारीबाग जिला के इचाक प्रखंड से झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से टेक्नारयण प्रसाद कुशवाहा बताते है, की सब्जी का उत्पादन इचाक प्रखंड में अधिकतम मात्रा में होती है इस प्रखंड में सबसे ज्यादा खेती आलू और धनिया की होती है।परन्तु इस प्रखंड में सब्जी उत्पादन के लिए बहुत सारि कमियां किसानों के लिए समस्या का कारण है।इस प्रखंड के किसान रासायनिक खाद का प्रयोग करते हुए खेती करते है इसके प्रयोग से लोगों के जीवन के साथ -साथ जमीन का भी नुकसान होता है।साथ ही खेतों की उर्वरक छमता बढ़ाने के लिए जैविक खाद का उपयोग, केचुवा खाद का उपयोग तथा पोटास का उपयोग किया जाना चाहिए। लेकिन इस प्रखंड में इस चीजों की कमी है।यहाँ पर सब्जी का उत्पादन तो होता है पर कोल्ड स्टोर नहीं होने के कारण किसान सब्जियों को ओने -पौने दामों में बेचने पर मजबूर हो जाते।जैसे आलू ,भिंडी ,बैगन इत्यादि कई तरह की सब्जियां को नुकसान होने के भय से किसान कम मूल्यों में बेच देतें हैं।झारखण्ड राज्य में सब्जी मंडी की उचित व्यवस्था नहीं होने के कारण किसानों को अपने सब्जी का उचित मूल्य नहीं मिल पाता है ,तथा उन्हें आर्थिक तंगी का शिकार होना पड़ता है।किसानो के लिए सिंचाई की उचित साधन नहीं तथा वैज्ञानिक तरीकों का भी अभाव है। अतः सरकार को किसानों की ऐसी गंभीर समस्या पर का समाधान करतें हुए उनका मनोबल बढ़ाना चाहिए। ताकि प्रखंड में किसान उत्सुकता से सब्जी का उत्पादन कर सके।

Transcript Unavailable.

Transcript Unavailable.

Transcript Unavailable.

Transcript Unavailable.

Transcript Unavailable.

Transcript Unavailable.

झारखण्ड राज्य के हज़ारीबाग ज़िला के इचाक प्रखंड से टेकनारायण प्रसाद कुशवाहा मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते हैं कि रोजगार के ख्याल से हमारे झारखण्ड सरकार ने डेयरी फॉर्म का परियोजना बनाया।हजारीबाग जिले में मात्र एक डेयरी फॉर्म है,जहाँ पर गाय पालन और दुग्ध का उत्पादन किया जाता है।लेकिन इसके अलावा आस पास के क्षेत्र में कोई ऐसा केंद्र नहीं खुला है जहां पर आस पास के लोग उत्पादित दुग्ध को बेच सके। अत: झारखण्ड सरकार से वे कहना चाहते हैं कि रोजगार के ख्याल से प्रत्येक प्रखंडों में और प्रत्येक जिलों में जगह जगह पर डेयरी फॉर्म की स्थापना किया जाना चाहिए जिससे लोगो को रोजगार मिलेगा और पलायन भी रुकेगा।

Transcript Unavailable.

झारखण्ड राज्य के हज़ारीबाग ज़िला के इचाक प्रखंड से टेकनारायण प्रसाद कुशवाहा मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते हैं, इनके क्षेत्र के बाबू लाल महतो जी अपने जीवनभर गायों और मवेशियों का पालन पोषण किये। और इसी से अपने बच्चों को पढ़ाया लिखाया।और अब बाबू लाल जी की बहु मंजू देवी जी का कहना है कि इनके पिताजी गायों और मवेशियों का पालन पोषण करके अपने परिवार का पालन-पोषण और उन्हें स्वावलम्बी बनाने का काम किये है। मंजू जी का कहना है की ये मछली पालन के साथ-साथ मुर्गी पालन, बत्तख पालन भी करना चाहती है। और पुरे झारखंड को बताना चाहती है की घर में भी रहकर के अच्छा-से-अच्छा रोजगार किया जा सकता है। जिससे की किसी को पलायन करने की जरूरत नहीं होगी। मंजू जी इसके लिए सरकार से सहायता चाहती है ताकि ये घर में रहकर कृषि और पशुपालन के क्षेत्र में काम कर सके