प्रखंड सह अंचल कार्यालय के सभागार में गुरुवार को सहायक निर्वाचक निबंधन पदाधिकारी सह अंचल अधिकारी अशोक राम ने आसन्न संसदीय चुनाव को  लेकर विभिन्न विद्यालयों के विद्यार्थियों (वोलेंटियर्स) के साथ कार्यशाला का अयोजन किया गया. विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर। कार्यशाला के दौरान वोलेंटियर के कार्यों को बताया गया और इसे सुचारू रूप से संचालन करने के लिए कई तरह की जानकारियां दी. बता दे कि गोमिया विधान सभा क्षेत्र संख्या 34 के तहत पड़ने वाले पेटरवार प्रखंड के विभिन्न विद्यालयों में शिक्षा प्राप्त कर रहे छात्र - छात्राओं को मतदान दिवस के लिए वोलेंटियर का काम सौपा गया है. ये स्टूडेंड्स 14 वर्ष से अधिक व 18 वर्ष से कम उम्र के होंगे. वोलेंटियर मतदान केंद्रों में कैसे करेंगे इस विषय पर विस्तार से जानकारी दी गई.  सहायक निर्वाचक निबंधन पदाधिकारी ने वोलेंटियर को उसके कार्य का बोध कराते हुए कहा कि वोलेंटियर्स मतदान केंद्रों पर कतार के प्रबंधन, दिव्यांग, वरिष्ठ व शारीरिक रूप से अक्षम मतदाताओं और हेल्प डेस्क पर बीएलओ की सहायता करेंगे. कहा कि मतदान केंद्र पर उपलब्ध व्हील चेयर के इंचार्ज वोलेंटियर होंगे. प्रत्येक वोलेंटियर को फोटो पहचान पत्र निर्गत किया जायेगा.

जे,पी,एस,सी, की गड़बड़ी में छात्रों ने महाघेराव की चेतावनी दी है 1 अप्रैल को लाखों अभ्यर्थी करेंगे जे,पी,एस,सी,का महाघेराव विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

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तमाम गैर सरकारी रिपोर्टों के अनुसार इस समय देश में बेरोजगारी की दर अपने उच्चतम स्तर पर है। वहीं सरकारें हर छोटी मोटी भर्ती प्रक्रिया में सफल हुए उम्मीदवारों को नियुक्त पत्र देने के लिए बड़ी-बड़ी रैलियों का आयोजन कर प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री सहित मंत्रियों को भी आमंत्रित कर रही हैं, जिससे की बताया जा सके कि युवाओं को रोजगार उनकी पार्टी की सरकार होने की वजह से मिल रहा है।

भारत में हर पाँच मिनट पर घरेलू हिंसा की एक घटना रिपोर्ट की जाती है। नेशनल फैमिली हेल्थ रिपोर्ट के अनुसार सख्त घरेलू हिंसा कानून- 2005 होने के बावजूद देश में हर तीन महिलाओं में से एक महिला घरेलू हिंसा की शिकार हैं। रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि 79.4% महिलाएं कभी अपने पति के जुल्मों की शिकायत ही नहीं करती। दोस्तों, हर रोज महिलाओं के खिलाफ जुर्म बढ़ रहे हैं , क्या अब हमारी संस्कृति को ठेस नहीं पहुंच रही , जिस पर इतने डींगे हाँकते है ? समाज में उत्पीड़न, शोषण और हिंसा का निरंतर बढ़ता ग्राफ अब बढ़ता ही जा रहा है। और जिस पर हमें अपनी चुप्पी तोड़नी ही होगी। हमें इस मुद्दे पर अपनी आवाज़ उठानी ही होगी।

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सुनिए जेंडर हिंसा के खिलाफ चलने वाले इस कार्यक्रम, 'बदलाव का आगाज़', में आज सुनिए पतोत्री वैद्य जी को, जिनका कहना है युवाओं की सोच में एक नई उम्मीद और दृष्टिकोण है जो समाज में जेंडर के खिलाफ होने वाली हिंसा को रोकने के लिए सक्रिय रूप से उतर रहा है। युवा समझते हैं कि जेंडर परिवर्तन का मतलब सिर्फ नारा नहीं है, बल्कि सोच और आदतों में भी बदलाव लाना है।अब आप हमें बताएं कि जेंडर आधारित हिंसा के खिलाफ आप क्या सोच रहे हैं और इसे खत्म करने के लिए क्या कोशिश कर रहे हैं? अपने विचार और सुझाव हमें बताएं अपने फ़ोन में नंबर 3 दबाकर

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