मीर मो० शहनवाज - दरभंगा- बिहार। ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा में भारतीय मौसम विज्ञान विभाग, पटना के सहयोग से स्वचालित मौसम स्टेशन की स्थापना की गई है। कुलपति प्रो. संजय कुमार चौधरी ने रविवार को मौसम स्टेशन की कार्यशैली का जायज़ा लिया । कुलपति ने कहा कि यह स्वचालित मौसम स्टेशन मिथिला विश्विद्यालय के विद्यार्थियों और अनुसंधानकर्ताओं को नई संभावनाओं की दिशा में ले जाने में मदद करेगा, साथ ही जलवायु विज्ञान में नवीनतम अनुसंधान को प्रोत्साहित करेगा। उन्होंने इस तकनीकी उन्नति के लिए विश्वविद्यालय भूगोल विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. विनय नाथ झा तथा शिक्षकों को बधाई दी है। विभागीय शिक्षक डॉ. मनु राज शर्मा इस मौसम स्टेशन के समन्वयक के रूप में काम करेंगे और सूचना प्रसार करने में सहयोग करेंगे। डॉ. शर्मा ने बताया कि यह विश्वविद्यालय में अनुसंधान को प्रोत्साहित करने के लिए दृष्टिकोण से मौसमी आँकड़ों की उपलब्धता को सुनिश्चित करेगा और प्राकृतिक आपदाएँ जैसे बाढ़, सूखा, लू और एक्सट्रीम वेदर के अनुमान करने में सहयोग करेगा। यह मौसम स्टेशन वायु तापमान, वर्षा, वायुमंडलीय दाब, हवा की गति और दिशा पर हर 15 मिनट की अवधि पर आँकड़े उपलब्ध करने के लिए नवीनतम तकनीक से निर्मित है। मौसम स्टेशन के भ्रमण के दौरान प्रो. अजय नाथ झा, डॉ. कामेश्वर पासवान, मो. जमाल की विशेष उपस्थिति रही । विश्विद्यालय ने भारतीय मौसम विभाग, पटना के वैज्ञानिकों में आनंद शंकर, संदीप झा, आशीष कुमार, आर. डी शर्मा के इस स्टेशन के स्थापना में विशेष सहयोग पर आभार व्यक्त किया है।

दरभंगा । क्षेत्र के हरिहरपुर पश्चिमी पंचायत अंतर्गत बहुआरा बुजुर्ग गांव में टैलेंट कोचिंग की तरफ से एक सम्मान समारोह का आयोजन हुआ। सम्मान समारोह की अध्यक्षता करते हुए निदेशक मो० मकबूल ने मैट्रिक एवं इंटरमीडिएट में सफल होने वाले छात्र-छात्राओं को किया सम्मानित। मौके पर मुख्य अतिथि शायरे हिन्द नेपाल हिसामुद्दीन माहिर भारती , डा० सुरेश कुमार , पंडित शशिकान्त झा , मो० ओबैस , मो० मुस्ताक , मो० अफरोज , मौलाना जमाल अब्दुल नासिर साहब कासमी , आदि मौजूद रहे। मैट्रिक एवं इंटरमीडिएट में सफल होने वालों बच्चों में फातिमा परवीन , मो० अबु तालिब , कुणाल कुमार दास , महाब शेख , रुबी परवीन , सुबी परवीन , नाजदा अहमद , मो० मोतईन सहित कुल 165 छात्र-छात्राओं को किया गया सम्मानित। निदेशक मो० मकबूल ने बताया कि इस वर्ष मैट्रिक एवं इंटरमीडिएट में सफल होने वाले कुल 165 बच्चों के बीच कप मेडल आदि बांटकर उन्हें सम्मानित किया गया है। सफलता पाने वाले छात्र छात्राओं के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए आगे कहा कि शिक्षा की बुनियाद पर सबकुछ हासिल किया जा सकता है। मीर मो० शहनवाज ने कहा सम्मानित होने वाले छात्र-छात्राओं को लगन और परिश्रम के साथ आगे बढ़कर अपनी मंजिल को पाप्त करना है। इस सफर में शिक्षकों के साथ-साथ माता पिता का भी अहम योगदान होता है। सफल होने वाले छात्र-छात्राएँ बधाई के पात्र हैं।

ईद पर्व को लेकर बाजारों में चहल पहल देखने को मिला।

मो० मुमताज अंसारी उर्फ चांद बाबू .जन सुराज, युवा जिला अध्यक्ष -दरभंगा

जिले के हनुमाननगर नगर प्रखंड में महागठबंधन समर्थित राजद प्रत्यासी श्री ललित यादव को पार्टी का सींबल मिलने के बाद पहली बार दरभंगा आगमन पर कार्यकर्ताओं ने जोरदार अभिनंदन किया मौके पर राजद के पूर्व विधायक ने पुष्प माला से स्वागत किया। पूर्व विधायक श्री हरिनंदन यादव से आशिर्वाद लेने के बाद रोड सो करते हुए उखड़ा नरसरा बिशनपुर डिलाही होते हुए दरभंगा की ओर प्रस्थान कर गये। इस अवसर पर प्रखंड से लेकर जिला तक के सैकड़ो कार्यकर्ताओं ने भाग लिया।

जदयू के एलएनएमयू महासचिव ने अपने पद से दिया इस्तीफा

खुशियों और रंगों का महापर्व होली . सूरज कुमार गुप्ता की तरफ से हार्दिक शुभकामनाएं #holi @highlight #happyholi2024

दरभंगा मोबाइल वाणी पर आज गोल्डन सर का विचार

समाज में भाईचारे का संकल्प लेने का आह्वान

दरभंगा। केवटी प्रखंड की माधोपट्टी गांव स्थित महादेव मंदिर परिसर में चल रहे श्री शत् चण्डी महायज्ञ सह संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के के सातवें दिन रविवार की रात भागवताचार्य मुरली मनोहर पांडेय जी महराज ने विभिन्न प्रसंगों पर प्रवचन दिए। उन्होंने भगवान श्रीकृष्ण की अलग - अलग लीलाओं का वर्णन किया। मां देवकी के कहने पर छह पुत्रों को वापस लाकर मां देवकी को वापस देना, सुभद्रा हरण का आख्यान कहना एवं सुदामा चरित्र का वर्णन करते हुए कथा वाचक ने बताया कि मित्रता कैसे निभाई जाए यह भगवान श्रीकृष्ण व सुदामा जी से समझा जा सकता है। सुदामा अपनी पत्नी के आग्रह पर अपने मित्र कृष्ण से मिलने के लिए द्वारिका पहुंचे। सुदामा ने द्वारिकाधीश के महल का पता पूछा और महल की ओर बढ़ने लगे लेकिन द्वार पर द्वारपालों ने सुदामा को भिक्षा मांगने वाला समझकर रोक दिया। तब उन्होंने कहा कि वह कृष्ण के मित्र हैं, इसपर द्वारपाल महल में गए और प्रभु से कहा कि कोई उनसे मिलने आया है। अपना नाम सुदामा बता रहा है। जैसे ही द्वारपाल के मुंह से उन्होंने सुदामा का नाम सुना सुदामा - सुदामा कहते हुए तेजी से द्वार की तरफ भागे। सामने सुदामा सखा को देखकर उन्होंने उसे अपने सीने से लगा लिया। सुदामा ने भी कन्हैया - कन्हैया कहकर उन्हें गले लगाया। दोनों की ऐसी मित्रता देखकर सभा में बैठे सभी लोग अचंभित हो गए। कृष्ण सुदामा को अपने राज सिंहासन पर बैठाया। उन्हें कुबेर का धन देकर मालामाल कर दिया। जब भी भक्तों पर विपदा आई है। प्रभु उनका तारण करने अवश्य आए हैं। अंत में भागवत भगवान की आरती की गई।