हम सभी रोज़ाना स्वास्थ्य और बीमारियों से जुड़ी कई अफवाहें या गलत धारणाएं सुनते है। कई बार उन गलत बातों पर यकीन कर अपना भी लेते हैं। लेकिन अब हम जानेंगे उनकी हकीकत के बारे में, वो भी स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मदद से, कार्यक्रम सेहत की सच्चाई में। याद रखिए, हमारा उद्देश्य किसी बीमारी का इलाज करना नहीं, बल्कि लोगों को उत्तम स्वास्थ्य के लिए जागरूक करना है।सेहत और बीमारी को लेकर अगर आपने भी कोई गलत बात या अफवाह सुनी है, तो फ़ोन में नंबर 3 दबाकर हमें ज़रूर बताएं। हम अपने स्वास्थ्य विशेषज्ञों से जानेंगे उन गलत बातों की वास्तविकता, कार्यक्रम सेहत की सच्चाई में।

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डेंगू को लेकर स्वास्थ्य विभाग के द्वारा तैयारी शुरू कर दी गयी है। नगर निगम व नगर परिषद को 15 जून से पहले नाला नाली की सफाई व निचले स्थान से पानी की निकासी करने की व्यवस्था करने को सीएस ने पत्र लिखा है। फॉगिंग मशीन को दुरुस्त रखने व फॉगिंग के लिये दवा की व्यवस्था करने को कहा है। सभी चिकित्सा प्रभारी को निर्देश दिया है कि डेंगू जांच किट सहित सभी प्रकार की दवा का भंडारण बरसात से पूर्व कर लें। जानकारी डीआईओ डॉ शरद चन्द्र शर्मा ने दी। बताया कि 15 जून तक मॉनसून आने की संभावना है। बरसात में डेंगू पनपता है। इसका प्रकोप भी बढ़ जाता है। इसको लेकर तैयारी शुरू कर दी गयी है। जिला मुख्यालय में डेंगू के लिये 10 बेड, अनुमण्डल स्तर पर 5 बेड और प्राथमिक चिकित्सा केंद्र पर 2 बेड की व्यवस्था करने का निर्देश सीएस के द्वारा दिया गया है। बताते हैं कि पिछले साल जुलाई से ही जिले में डेंगू का प्रकोप शुरू हो गया था और नवंबर तक रहा। करीब 125 से अधिक डेंगू के मरीज चिन्हित किये गए थे। इसमे सदर प्रखंड में सबसे अधिक मरीज डेंगू के थे। सावधानी बरतने की सलाह डेंगू से बचाव के लिए घर के कूलर का हर रोज पानी बदलें, एसी का पानी जो डब्बा में गिरता है उसे बदलें या एक चम्मच पेट्रोल डाल दें। घर के छत पर बाल्टी या बर्तन को उलट कर रखें। घर के आस पास जलजमाव नहीं होने दें। दिन में भी मच्छरदानी का प्रयोग करें। शरीर को पूरी तरह ढक कर रखें। डेंगू की करें पहचान डेंगू मच्छर के काटने पर शरीर में लाल लाल दाना, तेज बुखार, प्लेटलेट्स का कम होना, उल्टी का होना है। अगर ऐसा लक्षण मिले तो डाक्टर से सम्पर्क करें।

डेंगू एवं चिकनगुनिया की जांच एवं ईलाज की सुविधा सरकारी अस्पतालों में नि:शुल्क उपलब्ध है। तेज बुखार के उपचार हेतु एस्प्रीन अथवा ब्रुफेन की गोलियां कदापि इस्तेमाल न करें।

जल—भराव वाले क्षेत्र या बाढ़ प्रभावित इलाकों में कौन—कौन सी बीमारियां होने का खतरा होता है? * बीमारी होने के प्रमुख कारण क्या हैं? * किस प्रकार के क्षेत्र बीमारी की चपेट में आ सकते हैं? * बाढ़ के बाद हुई बीमारियों से बचने के घरेलू उपाय क्या हैं? * किस प्रकार की साफ—सफाई रखना चाहिए? * किन चीजों के इस्तेमाल से बचें और कौन सी दवाएं खाएं? इन सारे सवालों का जबाब जानने के लिए इस ऑडियो को क्लिक करें

मोतिहारी : कालाजार उन्मूलन को लेकर जिला मलेरिया कार्यालय मोतिहारी की प्रतिबद्धता सराहनीय है। जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ जितेंद्र प्रसाद ने बताया कि हमलोग टीम वर्क के जरिये इस बीमारी के उन्मूलन पर लगातार काम कर रहे हैं। विभाग के निर्देशानुसार घर-घर कालाजार के रोगियों का खोज अभियान चलाया जा रहा है। जिले में 27 अगस्त से 4 सितंबर तक यह अभियान चलेगा। कालाजार रोगियों की खोज के लिए 423 आशा और 141 आशा फैसिलेटर को जिम्मेवारी दी गई है। अभी तक सात संभावित मरीज मिले हैं, जिनकी जांच की जा रही है। ऑडियो पर क्लिक कर पूरी खबर सुनें और मोबाइल वाणी के टोल फ्री नंबर 9266544111 पर भी कॉल कर सुन सकते हैं।

बेहतर साफ-सफाई और पोषण , नौनिहालों का भविष्य हो रौशन पटना/ 30 जुलाई- राज्य मेंअत्यधिक बारिश के कारण बाढ़ का कहर छाया हुआ है। यह समय अपने साथ मच्छरों की तादाद के साथ दूषित जल और उनके द्वारा होने वाले कई प्रकार की संक्रामक बीमारियाँ भी घर में लाता है. मलेरिया भी उनमें से हीं एक है और इससे सबसे ज्यादा खतरा छोटे बच्चों को होता है क्योंकि उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बड़ों के मुक़ाबले कम होती है। पहले से हीं कोविड के कारण काफी आतंक का माहौल है उपर से बारिश के मौसम ने माताओं की चिंता बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर और बढ़ा दी है। सरकार अपनी तरफ से कोरोना और बाढ़ दोनों से मुस्तैदी से जूझ रहा है साथ हीं हमारे द्वारा बरती गईं सावधानियाँ और जागरूकता हमें और हमारे बच्चों के स्वास्थ्य को ठीक रख सकता है। ऑडियो पर क्लिक कर सुने विस्तृत रिपोर्ट। श्रोताओं 8800984861पर मिस कॉल कर स्वास्थ्य, पोषण कोविड 19 और जिले की हर छोटी बड़ी खबर सुने और 3 नंबर का बटन दबा कर अपनी समस्या या प्रतिक्रिया भी साझा करे। यदि आप समार्टफोन उपयोगकर्ता है! तो मोबाईल वाणी एप्प् प्ले स्टोर से डाउनलोड कर जिले से संबंधित हर छोटी बड़ी खबर को एप्प् पर सुने और लाल वाली माइक बटन दबा कर अपनी समस्या या प्रतिक्रिया भी रिकार्ड करे। धन्यवाद

मोतिहारी : बाढ़ की विभीषिका ने प्रभावित इलाकों में जलजनित रोगों की आशंका बढ़ा दी है। बाढ़ का पानी घटने के बाद डेंगू-मलेरिया जैसे रोगों की आशंका और बढ़ जाती है। इसी को देखते हुए जिला मलेरिया कार्यालय ने अपनी तैयारी तेज कर दी है। डीभीडीसीओ (जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी) डॉ जितेंद्र प्रसाद ने बताया कि अभी जिला प्रशासन की ओर से बाढ़ में फंसे लोगों को तात्कालिक राहत के तमाम उपाय युद्ध स्तर पर किए जा रहे हैं। पानी घटने के बाद बाढ़ प्रभावित इलाकों में ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव सहित फॉगिंग का कार्य करने की तैयारी की जा रही है। अभी कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव किया जा रहा है। ऑडियो क्लिक कर पूरी जानकारी सुनें।