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बिहार राज्य के पश्चिमी चम्पारण ज़िला के सिकता प्रखंड के कठियामठीया ग्राम से शभनम ,मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती है कि इनके ग्राम में बिजली पोल पर बल्ब नहीं है

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संस्कृत विद्या सभी भाषाओं की जननी मानी जाती है परन्तु संस्कृत विद्या के प्रति समाज और सरकार दोनो उदासीन है और अब तो संस्कृत जो समाज की धरोहर एवं सनातन की रक्षक कही जाती थीं वह समाप्ति की ओर हैं

बिहार राज्य के पश्चिम चंपारण जिला के कठिया मठिया प्रखंड से हमारी श्रोता मोबइल वाणी के माध्यम से बता रही है की उन्हें क्षेत्र में चापानल की जरुरत है।

दिन-प्रतिदिन परम्परागत खेती अब विलुप्त होते जा रहा है अब तो अरहर, कोदो, मडुवा, टकुनी, सवा तो दिख भी नही रहा है यहाँ तक की धान, गेहूँ, मक्का और गन्ना की भी तमाम प्रजाति विलुप्त होती जा रही है जो मानव जीवन के काफी उपयोगी माना जाता रहा है। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

बिहार राज्य के पश्चिम चंपारण जिला से मोबाइल वाणी संवाददाता अशोक शास्त्री जानकारी दे रहे हैं कि विद्यालय भवन चकाचक, शिक्षक भरपुर और छात्र भी समुचित लेकिन सरकारी विद्यालय में आज भी पढ़ाई नदारत है। शिक्षक बैठकर गपशप करते हैं। यह लगभग एक दर्जन स्कूलों की बात है। शिक्षा प्रणाली शिक्षकों की स्थिति में सुधार लाने में लगी हुई है , लेकिन ये माननीय शिक्षक अपनी कार्य शैली में सुधार करने के बारे में नहीं सोचते हैं। बिहार के स्कूलों में सुधार नहीं हो पा रहा है और जिसके कारण बिहार की शिक्षा प्रणाली पूरे देश में चर्चा का विषय बनी हुई है

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