बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ" के नारे से रंगी हुई लॉरी, टेम्पो या ऑटो रिक्शा आज एक आम दृश्य है. पर नेशनल काउंसिल ऑफ एप्लाइड इकोनॉमिक रिसर्च द्वारा 2020 में 14 राज्यों में किए गए एक अध्ययन में कहा गया है कि योजना ने अपने लक्ष्यों की "प्रभावी और समय पर" निगरानी नहीं की। साल 2017 में नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की रिपोर्ट में हरियाणा में "धन के हेराफेरी" के भी प्रमाण प्रस्तुत किए। अपनी रिपोर्ट में कहा कि बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ स्लोगन छपे लैपटॉप बैग और मग खरीदे गए, जिसका प्रावधान ही नहीं था। साल 2016 की एक और रिपोर्ट में पाया गया कि केंद्रीय बजट रिलीज़ में देरी और पंजाब में धन का उपयोग, राज्य में योजना के संभावित प्रभावी कार्यान्वयन से समझौता है।

सिवान जिले के पचरूखी मे स्वाभिमान कोचिंग सेंटर सहालौर के छात्र छात्राओं का मैट्रिक में लहराया परचम। इस दौरान कोचिंग के संचालक रंजीत कुमार और उनके टीम द्वारा बच्चों के उज्वल भविष्य हेतू बृहस्पति वार को सम्मानित किया गया। इस दौरान घड़ी,कॉपी , पेन , कप तथा मेडल पहना अनेक प्राइज देकर समानित किया गया। मैट्रीक के छात्र शाहबाज अली 452, आदित यादव 441, अंकुश कुमार 438, कुशुम कुमारी, 415 शिवम कुमार 404, आकृति कुमारी, अंकित कुमार, रविकृष्ण कुमार, बिकी कुमार, प्रिंस कुमार, अमीषा कुमारी, प्रीतम कुमार, गुरगेश कुमार, अनूप कुमार, शुभम शर्मा, रोबिन कुमार सहित कुल तीन दर्जन छात्र छात्राओं को सम्मानित किए गए। ये सभी छात्र छात्राओं ने इस संस्था के साथ अयोध्या अग्रवाल सनातन धर्म उच्च बिद्यालय सह इंटर कालेज बडकगांव का भी नाम रोशन किए है। मोके पर शिक्षक अरेंद्र प्रसाद, अशोक सिंह, अमरेश प्रसाद गौरीशंकर कुमार मौजूद थे।

बनो नई सोच ,बुनो हिंसा मुक्त रिश्ते की आज की कड़ी में हम सुनेंगे महिलाओं के साथ होने वाले दुर्व्यवहार और हिंसा के बारे में।

सिसवन सीवान। सिसवन प्रखंड के माधोपुर स्थित राजकीय मध्य विद्यालय के शिक्षक पर ग्रामीणों द्वारा अनियमितता का आरोप लगाते हुए स्कूल में हंगामा शुरू कर दिया गया। ग्रामीणों का आरोप था कि स्कूल के शिक्षक न समय पर आते हैं न सही ढंग से बच्चों पढ़ते हैं।स्कूल में बच्चों को खाने वाला मध्यान भोजन भी नियमित नहीं बनता है। इस संबंध में ग्रामीण पूर्व मुखिया गुप्तेश्वर प्रसाद, मुखिया पति धर्मनाथ शाह, शिवनारायण शाह तथा स्कूल की सचिव नीलम देवी सहित दर्जनों लोगों स्कूल में पहुंचकर शिक्षकों के इस रवैया पर नाराजगी जताई।सचिव नीलम देवी ने आरोप लगाया कि स्कूल के प्रभारी प्रधानाध्यापक राजेश कुमार सिंह द्वारा सादे चेक पर साइन कर लिया जाता है और उन्हें बताया भी नहीं जाता चेक से निकासी की गई राशि किस मद में खर्च किया जा रहा है। वही सिसवन प्रखंड के सोशल मीडिया ग्रुप में स्कूल के प्रभारी प्रधानाध्यापक का एक वीडियो भी वायरल हो रहा है जिसमें मध्यान भोजन न बनने की बातें भी कहीं जा रही है। इस संबंध में जब प्रभारी प्रधानाध्यापक राजेश कुमार सिंह व सहायक शिक्षक संदीप कुमार तिवारी से सवाल किया गया तो उन्होंने सारे आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए निराधार बताया। सिसवन प्रखंड विकास पदाधिकारी राजेश कुमार ने कहा कि मामला संज्ञान में है तथा प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को जांच कर प्रतिवेदन देने को लेकर कहा गया है।

भारत में शादी के मौकों पर लेन-देन यानी दहेज की प्रथा आदिकाल से चली आ रही है. पहले यह वधू पक्ष की सहमति से उपहार के तौर पर दिया जाता था। लेकिन हाल के वर्षों में यह एक सौदा और शादी की अनिवार्य शर्त बन गया है। विश्व बैंक की अर्थशास्त्री एस अनुकृति, निशीथ प्रकाश और सुंगोह क्वोन की टीम ने 1960 से लेकर 2008 के दौरान ग्रामीण इलाके में हुई 40 हजार शादियों के अध्ययन में पाया कि 95 फीसदी शादियों में दहेज दिया गया. बावजूद इसके कि वर्ष 1961 से ही भारत में दहेज को गैर-कानूनी घोषित किया जा चुका है. यह शोध भारत के 17 राज्यों पर आधारित है. इसमें ग्रामीण भारत पर ही ध्यान केंद्रित किया गया है जहां भारत की बहुसंख्यक आबादी रहती है.दोस्तों आप हमें बताइए कि *----- दहेज प्रथा को लेकर आप क्या सोचते है ? और इसकी मुख्य वजह क्या है ? *----- समाज में दहेज़ प्रथा रोकने को लेकर हमें किस तरह के प्रयास करने की ज़रूरत है ? *----- और क्यों आज भी हमारे समाज में दहेज़ जैसी कुप्रथा मौजूद है ?

बिहार के सिवान जिला के बड़हिया की रिपोर्ट: प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी राजीव कुमार पांडेय ने विभिन्न विद्यालयों का औचक निरीक्षण किया। इसी कड़ी में बीइओ ने बड़हरिया के उत्क्रमित मध्य विद्यालय भलुआं पहुंचकर शिक्षक की भूमिका निभायी। उन्होंने विद्यालय की आठवीं कक्षा में पहुंचकर हिंदी पढ़ायी। दरअसल, शिक्षक के अभाव में स्कूल की आठवीं और सातवीं कक्षा संयुक्त रुप से चल रही थी और शिक्षिका कुमारी रोशनी सातवीं कक्षा की हिंदी पुस्तक का चिकेता पाठ रही थीं। साथ ही औचक निरीक्षण के दौरान उन्होंने बच्चों को व्याकरण के तहत संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण, क्रिया आदि के बारे में वृहत जानकारी दी। उन्होंने नचिकेता के चरित्र से बच्चों को प्रेरणा लेने की बात कहते हुए कहा कि विपरीत परिस्थितियों में सत्य और ईमानदारी की राह नहीं छोड़नी चाहिए। दृढ़संकल्प से कोई भी मुकाम प्राप्त कर सकते है। इधर स्कूल के शिक्षकों ने भी बीईओ द्वारा पढ़ाई जा रही शैली को प्रेरणास्त्रोत किया।

सुनिए डॉक्टर स्नेहा माथुर की संघर्षमय लेकिन प्रेरक कहानी और जानिए कैसे उन्होंने भारतीय समाज और परिवारों में फैली बुराइयों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई! सुनिए उनका संघर्ष और जीत, धारावाहिक 'मैं कुछ भी कर सकती हूं' में।

जेपी यूनिवर्सिटी के पीजी के नए सत्र में एडमिशन लेने वाले स्टूडेंट्स जिनका अभी पेमेंट नहीं हुआ है। उन्हें पेमेंट के लिए यूनिवर्सिटी के तरफ से लिंक दी गई है। जहां एडमिशन लेने वाले स्टूडेंट्स अपना पेमेंट कर सकते है। पीजी सत्र 2022-24 में एडमिशन के लिए ऑनलाइन आवेदन लिया गया था। एक से दो दिन बाद वेबसाइट पर पेमेंट बंद हो गया। जिसके कारण काफी स्टूडेंट्स ने अपना पेमेंट नहीं किया। हालांकि यूनिवर्सिटी के तरफ से डेट भी आगे बढ़ाया गया, लेकिन वेबसाइट पर पेमेंट नहीं हो पाया। इसको लेकर यूनिवर्सिटी के पीआरओ प्रोफेसर डॉ. हरिशचंद ने बताया की पेमेंट वाली एजेंसी से तरफ से टेक्निकल समस्या के कारण पेमेंट नहीं हो पाया था। पेमेंट नहीं लिए जाने के बाद रोकी गई थी एडमिशन वैसे स्टूडेंट जिन्होंने आवेदन दे दिया था, लेकिन पेमेंट अभी बाकी था उनके लिए यूनिवर्सिटी के वेबसाईट jpvadmission.org पर पेमेंट लिंक पर क्लिक कर अपना पेमेंट कर सकते है । साथ ही अपने आवेदन का स्कैन कॉपी और पेमेंट स्लिप वेबसाइट पर उपल फॉर्म मे संलग्न कर अपलोड करेंगे।

2016 में 14% छात्र औपचारिक शिक्षा से बाहर थे जो कि देश में 2023 में भयानक सुधार होने के बाद भी अब मात्र 13.2 फीसद बाहर हैं ... 2016 में 23.4 फीसद अपनी भाषा में कक्षा 2 का पाठ नहीं पढ़ पाते थे आज 2023 में अति भयानक सुधार के साथ ये आंकड़ा 26.4 प्रतिशत है ... देश के आज भी 50 फीसद छात्र गणित से जूझ रहे हैं ... मात्र 8 साल में गणित में हालात बद से बदतर हो गए ... 42.7% अंग्रेजी में वाक्य नहीं पढ़ सकते हैं... अगर आप सरकार से जवाब माँगिए , तो वे कहती है कि वो लगातार बैठकें कर रहे हैं लेकिन असर की रिपोर्ट बताती है कि ये बैठकें कितनी बेअसर हैं... तो विश्व गुरु बनने तक हमें बताइये कि *-----आपके गांव या जिला के स्कूलों की स्थिति क्या है ? *-----वहां पर आपके बच्चों को या अन्य बच्चों को किस तरह की शिक्षा मिल रही है ? *-----और आपके गाँव के स्कूलों में स्कुल के भवन , बच्चों की पढ़ाई और शिक्षक और शिक्षिका की स्थिति क्या है ?

सरकार का दावा है कि वह 80 करोड़ लोगों को फ्री राशन दे रही है, और उसको अगले पांच साल तक दिये जाने की घोषणा की है। वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में यह भी दावा किया कि उनकी सरकार की नीतियों के कारण देश के आम लोगों की औसत आय में करीब 50 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है। इस दौरान वित्त मंत्री यह बताना भूल गईं की इस दौरान आम जरूरत की वस्तुओं की कीमतों में कितनी बढ़ोत्तरी हुई है।