उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती जिला फूलमती चौधरी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि बरसात के मौसम में लोग पौधरोपण कर रहे हैं। पेड़ों की कटाई के कारण हमारे प्रकृति ही हानि हो रही है और वातावरण में बदलाव आ रहे है, इसलिए हमें पौधा जरूर लगाना चाहिए
उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती जिला से रमजान अली ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि महिलाओं को जमीन पर मालिकाना हक़ पाने के लिए जागरूक करने की आवश्यकता है। महिलाओं को पुरुषों के समान अधिकार मिलना चाहिए।
उत्तरप्रदेश राज्य के बलरामपुर जिला से विजय पाल चौधरी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि उन्होंने अमित चौधरी से सुझाव माँगा था महिलाओं के भूमि अधिकार से सम्बंधित। जिसके बाद अमित चौधरी ने सुझाव दिया कि महिलाओं को भूमि पर अधिकार प्राप्त करने के लिए, उन्हें पहले शिक्षित होना चाहिए। उनका कहना है कि जब महिलाएं शिक्षित होती हैं और अपने अधिकारों के बारे में जागरूक होती हैं, तो उन्हें अपने अधिकार मिल सकते हैं।
उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती जिला से रमजान अली ने बताया कि उन्होंने स्थानीय निवासी पिंटू से बातचीत किया था। बातचीत के दौरान पिंटू ने बताया था कि संविधान में महिलाओं को पुरुषों के समान अधिकार दिए गए हैं, लेकिन हमारे देश में हर जगह इसका पालन नहीं होता है। हमारे देश कि जो संस्कृति है उसका भी ध्यान रखा जाना चाहिए, जो हमारे देश की संस्कृति धीरे-धीरे गायब हो रही है, महिलाओं की पोशाक पूरी तरह से बदल गई है। साथ ही उन्होंने कहा कि उन्हें हर जगह अपने अधिकार नहीं मिलने चाहिए, जब तक कि महिलाएं शादी नहीं कर लेती तब तक ही उन्हें भूमि, संपत्ति आदि का अधिकार होना चाहिए।
उत्तरप्रदेश राज्य के जिला बस्ती से मोहम्मद इमरान , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहते है कि आज भी लोग महिलाओं को केवल काम के दृष्टिकोण से देखते हैं। पुरुष प्रधान समाज में लोग महिलाओं को भूमि अधिकार नहीं देना चाहते हैं। भाई या ससुराल वाले नहीं चाहते कि पति महिलाओं को भूमि का अधिकार दें, लेकिन इसके लिए एक जन आंदोलन की आवश्यकता है। तभी महिलाओं को भूमि से संबंधित मुद्दों पर अपना अधिकार मिल सकता है, चाहे वह पिता की पैतृक संपत्ति हो या पति की पैतृक संपत्ति। महिलाओं को जमीनी अधिकार दिया जाना चाहिए लेकिन आज यह देखा जाता है कि लड़की अपने माता-पिता की पैतृक संपत्ति में हिस्सेदारी नहीं करती है। उसका पैसे का हिस्सा भाइयों से बंधा हुआ है, जबकि ऐसा नहीं होना चाहिए, हर कोई कहानी कहता है कि हम अपनी बहनों को एक हिस्सा देंगे, लेकिन नहीं देते है।
उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती ज़िला से विजय पाल चौधरी ,मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि भारत में महिलाओं को सुप्रीम कोर्ट के निर्देश अनुसार जमीन में अधिकार दिया जाने लगा। अब महिलाओं के नाम जमीन होने लगा। महिलाओं के नाम जमीन होने से वो सशक्त होती है। उनका मान सम्मान होता है। अक्सर देखा जाता है कि अगर महिला के पास कुछ नहीं होता है तो उनका महत्व समाज व परिवार में नहीं होता है। सरकार द्वारा अब महिलाओं का जमीन पर मालिकाना हक़ बन रहा है। लेकिन भी कुछ प्रतिशत महिला भूमि से वंचित है क्योंकि लोग इसका महत्व नहीं दे रहे है
उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती जिला से विजय पाल चौधरी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि भारत में केवल अट्ठाईस प्रतिशत महिलाओं को जमीन में हिस्सेदारी मिली है। जब कि खेती में महिलाओं का ज्यादा योजगाद रहता है और उनकी हिस्सेदारी भी है। इसलिए भारत के कानून में महिलाओं को जमीन में मालिकाना हक़ मिला है। लेकिन देश में महिलाओं को उनका हक़ नहीं दिया जाता है। जमीन पर महिलाओं का महिलाकना हक़ नहीं होने से वे स्वतन्त्र नहीं होती है और स्वतन्त्र रूप से कोई निर्णय लेने का अधिकार भी महिलाओं को नहीं दिया जाता है। इसलिए महिलाओं को जमीन पर अधिकार अवश्य मिलना चाहिए। जमीन पर अधिकार मिलने से महिलाएं सशक्त बनेंगी
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उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती जिला से रमजान अली ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि यह नियम सरकार द्वारा लागू किया गया है की जब भूमि महिलाओं के नाम पर पंजीकृत होगी तो रजिस्ट्री का लागत भी कम लगता है। इसलिए महिलाओं के नाम से संपत्ति लेना चाहिए, इससे लोगों का काफी बचत भी होगा
उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती जिला से रमजान अली ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि महिलाओं और पुरुषों के बीच समानता का नारा है, वो एक माना जाना चाहिए, लेकिन कहीं न कहीं यह देखा जाता है कि लोग महिलाओं और पुरुषों के बीच भेदभाव करते हैं और पुरुषों को ज्यादा सम्मान देते हैं। जब पुरुष और महिला दोनों समान अधिकार हैं तो दोनों को समान अधिकार मिलना चाहिए और उनकी संपत्ति भी उनके नाम पर होनी चाहिए। कई बार देखा जाता है कि महिला को संपत्ति से बेदखल कर दिया जाता है और जब ससुराल जाती है तो उन्हें दिक्कत होती है