उत्तरप्रदेश राज्य के जिला बलरामपुर से श्री देवी सोनी , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहती है कि महंगाई बहुत बढ़ गई है

उत्तरप्रदेश राज्य के जिला बलरामपुर से श्री देवी सोनी , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहती है कि महंगाई बहुत बढ़ गया है

2024 के आम चुनाव के लिए भी पक्ष-विपक्ष और सहयोगी विरोधी लगभग सभी प्रकार के दलों ने अपने घोषणा पत्र जारी कर दिये हैं। सत्ता पक्ष के घोषणा पत्र के अलावा लगभग सभी दलों ने युवाओं, कामगारों, और रोजगार की बात की है। कोई बेरोजगारी भत्ते की घोषणा कर रहा है तो कोई एक करोड़ नौकरियों का वादा कर रहा है, इसके उलट दस साल से सत्ता पर काबिज राजनीतिक दल रोजगार पर बात ही नहीं कर रहा है, जबकि पहले चुनाव में वह बेरोजगारी को मुद्दा बनाकर ही सत्ता तक पहुंचा था, सवाल उठता है कि जब सत्ताधारी दल गरीबी रोजगार, मंहगाई जैसे विषयों को अपने घोषणापत्र का हिस्सा नहीं बना रहा है तो फिर वह चुनाव किन मुद्दों पर लड़ रहा है।

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उत्तरप्रदेश राज्य के जिला बलरामपुर से श्री देवी सोनी , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहती है कि एक फरवरी दो हजार से चौबीस के बीच पच्चीस का अंतरिम बजट पेश किया गया है , अगर इस पर विचार किया जाए तो यह देखने की बात होगी कि वित्त वर्ष में पच्चीस के लिए शिक्षा मंत्रालय को कितना आवंटित किया जाएगा , हालांकि पिछले दो वित्त वर्षों में भी शिक्षा कौशल विकास आज का बजट भी बहुत बढ़ा है । वर्ष 220 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार के केंद्र में दूसरे कार्यालय का पहला बजट पेश किया । शिक्षा क्षेत्र के लिए एक हजार तीन सौ करोड़ रुपये आवंटित किए गए । यह आवंटन वार्षिक आधार पर पाँच प्रतिशत अधिक था । इसके अलावा अगर कौशल विकास के लिए तीन सौ करोड़ रुपये आवंटित किए जाते तो बजट में शिक्षा क्षेत्र में निवेश किया जाता । राष्ट्रीय शिक्षा नीति के लिए दो हजार बीस को लाने और लागू करने पर ध्यान केंद्रित किया गया था । दो हजार उन्नीस मई में राष्ट्रीय शिक्षा नीति का मूल सौदा भी जारी किया गया था जिसमें शिक्षा पर सकल घरेलू उत्पाद का काम किया गया था । यदि वैश्विक स्तर पर सहयोग को बढ़ावा देने के लिए इस बजट में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश ( एफडीआई ) और बाहरी सहायता को शामिल किया जाता है तो शिक्षा क्षेत्र में कम से कम छह प्रतिशत खर्च करने का प्रस्ताव किया गया था । इस बजट में अगर शिक्षा मंत्रालय ने बावन हजार चौबीस करोड़ रुपये आवंटित किए थे , तो शिक्षा क्षेत्र में वास्तविक खर्च पिछले साल की तुलना में ढाई प्रतिशत अधिक था ।

उत्तरप्रदेश राज्य के जिला बलरामपुर से श्री देवी सोनी , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहती है कि महंगाई बहुत बढ़ती जा रही है। हमारे केंद्रीय कर्मचारियों के महँगाई भत्ते में चार प्रतिशत की वृद्धि की गई है । उज्ज्वला योजना पर तीन सौ रुपये की सब्सिडी एक साल के लिए बढ़ा दी गई थी । आज के समय में सोना पहली बार पैंसठ हजार रुपये तक पहुंच गया है । अगर हम कल की बात करें तो इसे खबरों में डी . ए . से जोड़ा गया है । सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों के लिए महँगाई भत्ता ( डीए ) बढ़ा दिया है । मंत्रिमंडल की बैठक भी 7 मार्च को हुई थी । सरकार ने चार प्रतिशत दिन की बढ़ोतरी की घोषणा की है , 1 जनवरी , 2024 से कर्मचारियों का भत्ता 46 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर दिया गया है और सोने की कीमत भी पहली बार 65 हजार रुपये तक पहुंच गई है । इसी तरह चांदी भी पांच सौ पचास रुपये महंगी हो गई है और बत्तीस हजार दो सौ पैंसठ रुपये प्रति किलोग्राम की कीमत पर पहुंच गई है ।

उत्तरप्रदेश राज्य के जिला बलरामपुर से श्री देवी सोनी , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहती है कि समय के साथ महंगाई बढ़ती जा रही है। महंगाई के कारण लोगों को बहुत परेशानी हो रही है।

उत्तर प्रदेश राज्य के बलरामपुर जिला से विभा ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि "राजीव की डायरी" लोगों को बहुत अच्छा लगा। इस कार्यक्रम के मुद्दे बहुत अच्छे होते हैं। सभी ऐसे ही मुद्दे रोज सुनना चाहते हैं। महंगाई दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है,जिससे जनता बहुत दुखी है। रोजमर्रा की ज़िन्दगी का कोई ऐसा क्षेत्र नही है ,जिसे महंगाई ने प्रभावित नही किया है। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

एडीआर संस्था ने अपनी एक और रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट में राजनीतिक पार्टियों की कमाई और खर्च का उल्लेख है। यह रिपोर्ट बताती है कि कैसे राजनीतिक पार्टियां अपने विस्तार और सत्ता में बने रहने के लिए बड़े पैमाने पर खर्च करती हैं। इस रिपोर्ट के मुताबिक देश के सबसे बड़े सत्ता धारी दल ने बीते वित्तीय वर्ष में बेहिसाब कमाई की और इसी तरह खर्च भी किया। इस रिपोर्ट में 6 पार्टियों की आय और व्यय के आधार पर तैयार किया गया है। इसमें भाजपा, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, सीपीआई एम और बीएसपी और एनपीईपी शामिल हैं। दोस्तों, *---- आपको क्या लगता है, कि चुनाव लडने पर केवल राजनीतिक दलों की महत्ता कितनी जरूरी है, या फिर आम आदमी की भूमिका भी इसमें होनी चाहिए? *---- चुनाव आयोग द्वारा लगाई गई खर्च की सीमा के दायेंरें में राजनीतिक दलों को भी लाना चाहिए? *---- सक्रिय लोकतंत्र में आम जनता को केवल वोट देने तक ही क्यों महदूद रखा जाए?

उत्तरप्रदेश राज्य के बलरामपुर जिला से विभा ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि बच्चों को शिक्षित करने की इच्छा और महंगाई दिन - ब - दिन बढ़ती जा रही है , आम जनता इतनी अधिक महंगाई में अपने बच्चों को शिक्षित करने की स्थिति में नहीं है