उत्तरप्रदेश राज्य के जिला बलरामपुर से वीर बहादुर यादव , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहते है कि महिला घर में बच्चों को स्तनपान कराना , बुजुर्गों की देखभाल करना , घर में सभी के लिए खाना बनाना ये सभी काम करती है। सरकार भी महिलाओं के लिए योजनाएं लाते है।

उत्तरप्रदेश राज्य के जिला बलरामपुर से नीलू , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहती है कि भ्रूण हत्या नहीं करना चाहिए , लड़के और लड़कियों में फर्क नहीं करना चाहिए।

उत्तरप्रदेश राज्य के जिला बलरामपुर से नीलू , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहती है कि प्रदुषण से बचने के लिए हमें पेड़ जरूर लगाना चाहिए

उत्तरप्रदेश राज्य के जिला बलरामपुर से नीलू , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहती है कि सरकार के द्वारा बेटियों की पढ़ाई के लिए अभियान चलाया जा रहा है "बेटी बचाव बेटी पढ़ाओ" ुस्कोहे कहा कि बेटियों को भी बेटे के बराबर पढ़ाना चाहिए

उत्तप्रदेश राज्य के बलरामपुर से लक्ष्मी ,मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती है कि कुछ क्षेत्रों में पानी की स्थिति बहुत ख़राब है। लोगों को पानी के लिए कई दूरी तय करना पड़ता है। कुछ क्षेत्र में जहाँ पानी की किल्लत नहीं है वहाँ लोग पानी का दुरूपयोग कर रहे है। ऐसे समय में पानी बचाना बहुत ज़रूरी है

उत्तप्रदेश राज्य के बलरामपुर से लक्ष्मी ,मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती है कि अनावश्यक पेड़ों की कटाई से मानसून प्रभावित हो रही है। अत्यधिक गर्मी पड़ रही है और धरती में ऑक्सीजन की कमी हो रही है

उत्तर प्रदेश राज्य के बलरामपुर जिला से प्रियंका सिंह ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि मनरेगा मजदूर गांवों में रोजगार पाने के लिए भटक रहे हैं। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

उत्तर प्रदेश राज्य के बलरामपुर जिला से प्रियंका सिंह ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि मेथी दाना शुगर,ओबिसिटी और कोलेस्ट्रॉल के लिए सबसे बेहतर आयुर्वेदिक उपाय है। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

उत्तर प्रदेश राज्य के बलरामपुर जिला से प्रियंका सिंह ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि नीम-हकीमों के हाथों गर्भपात करवाना महिला के जीवन के लिए खतरनाक होता है। गर्भपात सम्बंधित अधिनियम का मकसद महिलाओं को उनके शरीर पर अधिक नियंत्रण देने और भलाई के लिए गर्भपात को उदार बनाना है। लेकिन अब यह अधिनियम पुराना हो गया है।विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

उत्तर प्रदेश राज्य के बलरामपुर जिला से प्रियंका सिंह ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि 1994 से 2012 के बीच 133 मिलियन भारतीय गरीबी से बहार निकले।यह एक ऐसी उपलब्धि है जिस पे भारत और दुनिया को गर्व हो सकता है.परन्तु सफलता और भी आनंददायक होती अगर अधिक संख्या में महिलाएं कार्यबल में अपना योगदान दे पाती। 2012 में 79 प्रतिष्ठान पुरुषों की तुलना में केवल 27 प्रतिशत भारतीय महिला के पास नौकरी थी या वो सक्रीय रूप से नौकरी की तलाश में थी।दरअसल 2005 और 2012 के बीच लगभग बीस मिलियन महिलाएं कार्यबल से बाहर हो गई थी ।चिंता की बात यह है कि भारत के तेजी से हो रहे सशक्तिकरण ने अभी तक अधिक महिलाओं को श्रम शक्ति में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित नहीं किया है। ग्रामीण नौकरियां कम हो रही हैं और पर्याप्त ग्रामीण महिलाएं शहरी क्षेत्र में कामकर के सक्षम नही हो पा रही हैं। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।