उत्तर प्रदेश राज्य के ग्राम लक्ष्मणपुर से पूनम देवी मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि पुरुषों की अपेक्षा लड़कियों के पास ज्यादा काम रहता है। शादी होने के बाद लड़कियाँ घर के साथ काम भी संभालती हैं

महिलाओं को अक्सर शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, रोजगार और राजनीतिक भागीदारी जैसे क्षेत्रों में भेदभाव का सामना करना पड़ता है। यह भेदभाव उन्हें अपनी पूरी क्षमता तक पहुंचने से रोकता है। महिलाओं के खिलाफ घरेलू हिंसा, यौन उत्पीड़न, दहेज हत्या और बाल विवाह जैसी हिंसा लैंगिक असमानता का एक भयानक रूप है। यह हिंसा महिलाओं को शारीरिक और मानसिक रूप से नुकसान पहुंचाती है और उन्हें डर और असुरक्षा में जीने के लिए मजबूर करती है। लैंगिक असमानता गरीबी और असमानता को बढ़ावा देती है, क्योंकि महिलाएं अक्सर कम वेतन वाली नौकरियों में काम करती हैं और उन्हें भूमि और संपत्ति जैसे संसाधनों तक कम पहुंच होती है। दोस्तों, आप हमें बताइए कि *-----लैंगिक असमानता के मुख्य कारण क्या हैं? *-----आपके अनुसार से लैंगिक समानता को मिटाने के लिए भविष्य में क्या-क्या तरीके अपनाएँ जा सकते हैं? *-----साथ ही, लैंगिक असमानता को दूर करने के लिए हम व्यक्तिगत रूप से क्या प्रयास कर सकते हैं?

उत्तरप्रदेश राज्य के मिर्जापुर जिला से शिला देवी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से पूजा देवी से बातचीत की। बातचीत में उन्होंने बताया कि लड़का लड़की एक समान होते हैं इसलिए उन्हें पढ़ा लिखाकर आगे बढ़ाना चाहिए उन्हें गर्भ में नहीं मारना चाहिए

उत्तरप्रदेश राज्य के मिर्जापुर जिला से शिला देवी मोबाइल वाणी के माध्यम से बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के तहत बेटियों को पढ़ाया जाता है। क्यूंकि बेटा बेटी एक समान होती है इसलिए गर्भ में बेटियों को नहीं मारना चाहिए

आज अधिक से अधिक महिलाएं अपने घरों से बाहर निकल रही हैं औरविभिन्न क्षेत्रों में अपनी पहचान बना रही हैं। अभी भी काम के कई क्षेत्र हैं जिन्हें करने की आवश्यकता है, महिला जननांग से लेकर महिलाओं को घर के कामों तक सीमित करने तक आजकल महिलाएँ किसी से कमजोर नहीं हैं, वे अपना निर्णय खुद ले सकती हैं और अपना ख्याल रख सकती हैं।

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जब महिलाएं शादी करती हैं, तो यह उनकी अपनी नियति बन जाती है। अगर यहां महिलाएं शिक्षित नहीं हैं, तो उन्हें आत्मनिर्भर और सुसज्जित बनाना सरकार की जिम्मेदारी है। महत्वाकांक्षी योजनाओं के माध्यम से उन्हें शिक्षित करें और उन्हें आत्मनिर्भर बनाएं ताकि वे अपने पैरों पर खड़े रह सकें।

उत्तर प्रदेश राज्य के श्रावस्ती जिला से पूनम वर्मा मोबाइल वाणी के माध्यम से घरेलु हिंसा के मुद्दे पर चर्चा कर रही है। अक्सर लड़किये को दहेज़ को लेकर प्रताड़ित होना पड़ता है

उत्तरप्रदेश राज्य के मिर्जापुर जिला से नीतू मोबाइल वाणी के माध्यम बता रही हैं कि महिलाएं पुरुषों के जैसे आठ घंटे काम करती हैं। वे समान काम कर रहे हैं लेकिन आज भी उनका शोषण किया जा रहा है, अगर समग्र रूप से देखा जाए तो उन्हें उतना वेतन नहीं मिल रहा है जितना उन्हें मिलना चाहिए था।

उत्तरप्रदेश राज्य के मिर्जापुर जिला से शिला देवी मोबाइल वाणी के माध्यम बता रही हैं कि बेटियां बोझ नहीं होती हैं ,