हैलो स्लीप , मेरा नाम जिला नालंदा की दीपक कुमारी नगनोसा है , मैं अपनी पौष्टिक रसोई में खाना पकाने की प्रतियोगिता में भाग लेना चाहती हूं और मैं आपको बताऊंगी कि खिचडी कैसे बनाई जाती है । प्रोटीन तत्व और विटामिन सभी राही हूं खिचडी में पाए जाते हैं । यह खिचडी एक ऐसा व्यंजन है जिसे बच्चे , युवा और बूढ़े दोनों ही खाते हैं । खिचडी को बीमारी में भी खाया जाता है । हां , तो खीचड़ी बनाने के लिए बता दें कि सबसे पहले हम चावल लेंगे , हम जिस परिवार के हैं , उसके अनुसार चावल , मूंग की दाल , मसूर की दाल , अगर पसंद आएगी तो लेंगे । यदि इसमें दो से चार दालें मिलाई जाती हैं , तो खिचडी और भी बेहतर होती है , इसलिए हम हरी मटर , फूलगोभी , दहजर , ताजा सेम काटते हैं और उन्हें छोटे टुकड़ों में काटते हैं । कटा हुआ टमाटर , प्याज , धनिया , टैपिओका , सभी छोटे टुकड़ों में , हम उन्हें भूनेंगे , दाल , चावल डालेंगे और खीर मसाला बनायेंगे । हमारी खीचड़ी अच्छी तरह से तैयार हो जाएगी और खीचड़ी तैयार है , इसलिए जिस खीचड़ी में कोई दांत नहीं है , उसे भी खाया जा सकता है । बच्चों को खिचडी भी दी जाती है । ऑपरेशन में खिचडी भी दी जाती है । या बीमारी से पीड़ित किसी भी व्यक्ति को खीचड़ी दी जाती है क्योंकि खीचड़ी में प्रून , पोषण , बीटामी भी होती है , खीचड़ी में हरी पत्तेदार सब्जियां भी होती हैं , जो हमें प्रोटीन देती हैं ।