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महाराष्ट्र राज्य के नागपुर जिला से जीतेन्द्र मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे है कि, यमुना नदी के किनारे ग्रीन बेल्ट का निर्माण किया जाना चाहिए। ग्रीन बेल्ट का मतलब है कि पेड़ और पौधे लगाए जाने चाहिए। इससे यमुना नदी में बाढ़ में बह जाने वाले पेड़ पौधे नहीं बहेंगे और हरियाली आएगी और पर्यावरण का शुद्धिकरण भी होगा ।

इस कार्यक्रम में हम जानेंगे जल संरक्षण और ऊर्जा बचत से जुड़ी सरकारी योजनाओं के बारे में। साथ ही, यह कार्यक्रम बताएगा कि आप इन योजनाओं का लाभ कैसे उठा सकते हैं और अपने गाँव के विकास में कैसे योगदान दे सकते हैं। स्वच्छ पानी और सतत ऊर्जा के महत्व को समझते हुए, हम एक बेहतर कल की ओर कदम बढ़ाएंगे। क्या जल सरंक्षण की योजनाओं के बारे में आपने भी सुना है, क्या आप इन योजनाओं का लाभ आपने भी उठाया है, क्या आपके गाँव में जल सरंक्षण की कोई प्रेरणादायी कहानी है ?

यह एपिसोड बताता है कि हम अपने रोज़मर्रा के जीवन में कैसे छोटे-छोटे बदलाव करके बिजली और पानी बचा सकते हैं। इससे न सिर्फ हमारा खर्च कम होगा, बल्कि हम अपनी धरती की भी रक्षा कर पाएंगे। आसान तरीकों से हम सभी मिलकर पर्यावरण को बचाने में मदद कर सकते हैं।क्या आपने भी अपनी ज़िन्दगी में कुछ ऐसे बदलाव किए हैं? अगर हाँ, तो हमें बताइए।

इस एपिसोड के मुख्य विषय, वर्षा जल संग्रहण, को दर्शाता है। "बूंद-बूंद से सागर" मुहावरा छोटे प्रयासों से बड़े परिणाम प्राप्त करने की भावना को व्यक्त करता है। यह श्रोताओं को प्रेरित करता है कि वर्षा की हर बूंद महत्वपूर्ण है और उसका संग्रहण करके हम बड़े बदलाव ला सकते हैं। क्या आप वर्षा जल को इक्कट्ठा करने और सिंचाई से जुडी किसी रणनीति को अपनाना चाहेंगे? और क्या आपके समुदाय में भी ऐसी कहानियाँ हैं जहाँ लोगों ने इन उपायों का इस्तेमाल करके चुनौतियों का सामना किया है?

यह एपिसोड बदलते मौसम और असामान्य बारिश के कारण कृषि क्षेत्र पर पड़ने वाले विभिन्न प्रभावों की व्यापक चर्चा करता है। फसल उत्पादन, मिट्टी की गुणवत्ता, पानी प्रबंधन और किसानों की आजीविका पर पड़ने वाले असर का विस्तृत विवरण दिया गया है। साथ ही, इन चुनौतियों से निपटने के लिए किसानों द्वारा अपनाए जा रहे समाधानों और सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता पर भी प्रकाश डाला गया है।

यह कार्यक्रम मौसम में आ रहे बदलावों और उनसे हमारी रोजमर्रा की जिंदगी पर पड़ने वाले प्रभावों पर केंद्रित है। इसमें बारिश के अनिश्चित पैटर्न से उत्पन्न चुनौतियों और उनके संभावित समाधानों पर चर्चा की गई। कार्यक्रम में यह भी बताया जाएगा कि कैसे ये बदलाव किसानों से लेकर शहरी नागरिकों तक, सभी के जीवन को प्रभावित कर रहे हैं। आपने और आपके आसपास के लोगों ने बदलते बारिश के पैटर्न के बारे में क्या अनुभव किया है? क्या आपको या आपके जानने वालों को इससे कोई चुनौती झेलनी पड़ी है?

झारखण्ड राज्य के रांची जिला से सुनील सरजी मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे है की हमारे देश में पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन जैसे कारकों को ध्यान में रखना चाहिए । देश भर में गाड़ियों की संख्या बहुत बढ़ गई और उनसे निकलने वाले धुएं की वजह से गर्मी ज्यादा होती है। मौसम लगातार खराब होता जा रहा है और पर्याप्त रूप से भी बारिश नहीं हो रही है। लोगो को इस पर ध्यान देने की जरुरत है।

पर्यावरण संरक्षण के उद्देश्य से राज्य में "एक पेड़ मां के नाम अभियान" चलाया जा रहा है। राज्य में प्रशासन ने महिलाओं के प्रति कृतज्ञता व सम्मान की दृष्टि से इस कार्यक्रम का आयोजन राज्य स्तर पर किया है। महिला सुरक्षा शाखा द्वारा पौधरोपण अभियान की इस कड़ी में 23 जुलाई 2024 को पुलिस महानिरीक्षक म.सुरक्षा जोन कार्यालय एवं महिला हेल्पलाइन (1090) के कार्यालय परिसर में एडीजी श्रीमती प्रज्ञा ऋचा श्रीवास्तव, आईजी श्रीमती हिमानी खन्ना एवं एआईजी श्रीमती किरणलता केरकेट्टा (महिला सुरक्षा) के साथ कार्यालय के अधिकारियों और कर्मचारियों ने पौधरोपण किया।

इस एपिसोड में जलवायु परिवर्तन और उसके प्रभावों को एक किसान परिवार की कहानी के माध्यम से दिखाया गया है। बदलते मौसम पैटर्न, अनियमित वर्षा, और कृषि पर पड़ने वाले प्रभावों पर चर्चा की गई है। साथ ही, जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए समुदाय-स्तर पर कार्रवाई करने का आह्वान किया गया है।