बिहार राज्य से सत्येंद्र पासवान जी साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते है, कि वे एक कंपनी में कार्य करतें है। जहाँ कंपनी द्वारा लापरवाही किये जाने के कारण पीएफ ऑफिस में गलत जन्म तिथि दर्ज कर दिया गया है। जब वे पीएफ ऑफिस में शिकायत लेकर जाते है, तो वहाँ के कर्मचारी उन्हें कंपनी से लिखित लिखा कर लाने को कहा जाता है। जब कम्पनी में शिकायत करते हैं तो कंपनी कहती है, की आधारकार्ड एवं पेनकार्ड में सुधार करवालें। परन्तु आधारकार्ड और पेन कार्ड दोनों में सही जन्म तिथि अंकित किया हुआ है। जिसे कंपनी गलत को सही नहीं परन्तु सही को गलत करवाने में लगी हुई है।अतः पीएफ कार्यालय द्वारा इस समस्या पर कोई पहल की जाए।

राज्य बिहार, के बेगूसराय से वरुण साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से ये पूछना चाहते हैं कि श्रमिक के बेटे के विवाह में दी जाने वाली राशि के लिए क्या -क्या प्रमाण पत्र की आवश्यकता है।

Comments


साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से दीपिका जी ने वरुण जी के सवाल का जवाब दिया। जिसमे उन्हें बताया गया की सुविधा का लाभ लेने के लिए आधार कार्ड के साथ साथ लेबर कार्ड की कॉपी,शादी के कार्ड की कॉपी भी होनी जरुरी है और इसे वेबसाइट पर अपलोड कर सकते हैं। और उनके बाद एप्लिकेशन फॉर्म भर के सुविधा का लाभ ले सकते हैं
Download | Get Embed Code

May 29, 2018, 4:47 p.m. | Location: 1129: Dl- Ncr, Delhi | Tags: govt entitlements   int-PAJ   UID  

Transcript Unavailable.

बिहार राज्य के बेगूसराय जिला से वरुण कुमार ने साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बतातें है कि न्यायालय ने जो श्रमिकों के बेटे के लिए 21000 रूपये विवाह लिए राशि के लिए आदेश जारी किया है।उसे प्राप्त करने के लिए क्या -क्या प्रमाण की आवश्यकता पड़ेगी।

Comments


साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से बताती है कि,यह योजना श्रम विभाग द्वारा पंजीकृत श्रमिकों के लिए बनाया गया है।जिसमें श्रमिक के बेटे की प्रथम बार शादी के लिए 21000 रूपये की राशि दी जाएगी।इस राशि का भुगतान शादी के तीन दिन पहले किया जाएगा।ताकि मजदूरों को शादी के लिए कर्ज नहीं लेना पड़े।मजदूरों को 15 दिन पहले ऑनलाइन या ऑफ़लाइन शादी की फाइल श्रम विभाग को भेजनी होगी।यह भी बताया गया की श्रमिकों के लिए पंजीकरण के प्रक्रिया को सरल किया गया है।श्रम विभाग से मान्यता प्राप्त 5 श्रमिक संगठनों या ग्राम सचिव अथवा पटवारी बीडीओ व स्थानीय निकाय के माध्यम से भी श्रमिक अपना पंजीकृत करा सकतें है।
Download | Get Embed Code

May 25, 2018, 1:06 p.m. | Tags: govt entitlements   int-PAJ   labour  

Transcript Unavailable.

Transcript Unavailable.

बिहार राज्य के मुज़फ्फरपुर जिला से विनोद पासवान साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम बताते हैं कि उनके वहां बाईस हज़ार मजदुर निबंधित हैं। आज चार से पांच साल हो गया बिहार भवन में बढ़ा हुआ लेकिन आज तक पेमेंट नहीं हो रहा है। नया कार्ड बनाने के लिए कितने मजदुर घूम रहे हैं और अब तक कितने मज़दूरों की मौत हो चुकी है। सभी से आठ सौ रुपया या नौ सौ रुपया लेकर सबका रिनुवल हुआ लेकिन किसी का आज तक कोई पेमेंट नहीं हुआ है। उन्होंने पहले भी यह बात मोबाईल वाणी को बताया था। इसका क्या समाधान हुआ वो बताया जाए ताकि मजदुर भाइयों का कल्याण हो।अब एक भी काम मुज़फ्फरपुर जिला के श्रम विभाग में नहीं हो रहा है। उन्होंने बहुत धरना प्रदर्शन किया मंत्री को भी निबंधन किया पर अब तक कोई काम नहीं हो रहा है। सरकार से गुज़ारिश है की जितने भी श्रमिक भाई है उनका पेमेंट कर दिया जाए।

उत्तरप्रदेश राज्य के सुंदरगढ़ जिला से साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से अंगद मौर्य बताते है कि वे सिलाई का कार्य करतें हैं, और वें एक कम्पनी में काम करतें है।वे पीएफ के लिए पीएफ ऑफिस 4 महीनों से दौड़ रहें है, परन्तु कंपनी के द्वारा गलत तरीके से फर्म को भरा गया । इस कारण उन्हें बैंक में और पीएफ ऑफिस में दौड़ाया जाने लगा। उन्होंने बताया कि कंपनी की लापहरवाही के कारण मजदूरों को गंभीर समस्याओं से गुजरना पड़ता है। उन्हें कभी इस ऑफिस तो कभी उस ऑफिस का हवाल देकर कम्पनी मजदूरों को परेशान करती रहती है।

Transcript Unavailable.

राजधानी दिल्ली से हमारे संवाददाता रफ़ी ने राम उजागर जी के साथ बातचीत की। इस बातचीत में राम उजागर ने साझा मंच के माध्यम से बताया कि वे एक निजी फैक्ट्री में 2015 से कार्यरत थे, जिनका काम करने के दौरान हॉंथ के चार उगंली काट गई थी। इस सबनध में उन्होंने थाना में शिकयत किया तो पुलिस वालों ने फैक्ट्री के मालिक से घुस ले लिए और उनका केस को दबा दिया। उन्होंने कंपनी के मैनेजर से भी इस समस्या को बताया परन्तु मैनेजर ने भी कहा कि कंपनी ऊँगली काट जाने पर कोई सहयता नहीं देती है। साथ ही उन्होंने बताया की उनका ईसाई कार्ड को भी बंद कर दिया गया है। उन्हें अब अपने खर्च पर अपना ईलाज करवाना पड़ रहा है।