उत्तरप्रदेश राज्य के हरदोई ज़िला से सुशिल कुमार ,मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि वो 100 प्रतिशत दृष्टिबाधित है। उन्होंने आवास योजना के लिए आवेदन जमा किया है। लेकिन इसकी जानकारी उन्हें नहीं मिल पा रही है कि उनका आवास योजना में नाम आया भी है या नहीं। उन्हें इस योजना के तहत लाभ चाहिए

उत्तरप्रदेश राज्य के हरदोई ज़िला के सिंघमोर ग्राम से सुशिल कुमार ,श्रमिक वाणी के माध्यम से कहते है कि वो 100 प्रतिशत दृष्टिहीन है। उन्हें आवास योजना का लाभ चाहिए और इसके लिए उन्होंने प्रधान के पास दस्तावेज़ जमा किया है

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उत्तर प्रदेश राज्य के हरदोई जिला के तहसील शाहबाद से नाथू लाल बर्मा ,मोबाइल वाणी के माध्यम से कह रहें हैं कि इन्हें पहले किसान सम्मान निधि योजना का लाभ मिल रहा था लेकिन पिछले एक साल से ये लाभ से वंचित हैं

मेरा नाम संतोष शिवजा है, मैं हरदोई जिला से बात कर रहा हूँ,विकलांगों को पहले पेंशन मिलती थी, उसको शुरू करने के लिए आवेदन कैसे देना पड़ेगा?

उत्तरप्रदेश से सुरेंद्र कुमार साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से यह जानना चाहते हैं कि गिरजा ग्लोबल में कार्य करते दौरान पीएफ काटा जाता था।निकासी होने के बाद अब पीएफ का पैसा नहीं मिला इसके लिए क्या-क्या करना पड़ेगा राय दें।

उत्तर प्रदेश हरदोई से आदित्य कुमार साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते हैं, कि कम्पनी द्वारा मजदूरों से प्रत्येक चीजों का अलग से पैसा लिया जाता है जैसे- रजिस्टेशन, सिक्यूरटी फ़ीस बाईस सौ रूपए, पोशाक चार्ज इत्यादि । फिर कम्पनी द्वारा नियुक्ति पत्र दिया गया।अब कम्पनी 15 सौ रूपए खाना खाने का चार्ज माँगा रही है। साथ ही 15 दिन प्रशिक्षण देने की बात कही गई, किन्तु प्रशिक्षण के दौरान कोई वेतन नहीं देने की बात कहा जा रही है। अतः ऐसी स्थिति में क्या करना चाहिए।

उत्तरप्रदेश के हरदोई जिले से नरेंदर कुमार जी साझा मंच के माध्यम से बता रहे है कि गुड़गाँव सेक्टर-37, प्लॉट नंबर 512 बी एम प्रोसिंग इंडस्ट्रीज में ये काम कर रहे थे।यहाँ के मलिन ने इनलोगों को छः महीने से तनख्वाह नहीं दिया है। और जब ये लोग अपनी तनख्वाह मांगने गए तो, इन लोगो को मालिक ने पैसे देने से इंकार कर दिया। फिर ये लोग पुलिस प्रशासन के पास मदद मांगने के लिए गए। लेकिन पुलिस प्रशासन ने भी इनलोगों की मदद करने से इंकार कर दिया। फिर ये लोह लेबर कोर्ट गए। लेबर कोर्ट के इंस्पेकटर ने इनलोगों को भरोसा दिलाया की इन्हे इनका पैसा दिलवाया जायेगा।इस मामले से निपटने के लिए लेबर कोर्ट ने इनलोगों को एक सप्ताह का समय दिया। जब ये लोग एक सप्ताह बाद लेबर कोर्ट का ऑफिस गए, तो उन्हें मदद देने से लेबर कोर्ट ने मना कर दिया।इस मामले पर आज तक किसी प्रकार की कोई सुनवाई नहीं हुई है