दिल्ली एनसीआर के फरीदाबाद से शंकर सोनी ,श्रमिक वाणी के माध्यम से बताते है कि वो निधि ऑटो कंपनी में काम करते थे। लगभग एक माह ही काम को हुआ था कि वो दुर्घटना के शिकार हो गए। वो कुर्सी ख़राब होने की खबर सुपरवाइजर को दिए और बदलने को कहे पर यह नहीं होने पर उनके साथ हादसा हो गया। उनकी ऊँगली कट गए। हादसा होने के बाद कंपनी मदद नहीं करते है और कंपनी की ही गड़बड़ी होती है कि मशीनों की मेंटेनन्स जल्दी नहीं करवाते है। हादसा होने के बाद उन्हें ईएसआई के तहत 2400 रूपए ही मिलता है।