दिल्ली एनसीआर के गुरुग्राम से नन्द किशोर की बातचीत साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से श्रमिक अनीश से हुई। अनीश बताते है कि फुल पीस के लिए कंपनी जो रेट तय करती है अगर श्रमिक उस रेट में खुश रहते है तो काम होता है अगर नहीं तो रेट को बढ़ाया जाता है। वही पार्ट के लिए अलग अलग रेट तय किया जाता है। पहले के तुलना में अब काम मंदा होने की बात कहते हुए पीस रेट कम मिलने लगा है। इसलिए सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए और इस पर भी रेट निर्धारित कर देना चाहिए ताकि श्रमिकों को पीस रेट में काम करने में कोई परेशानी न हो