झारखंड राज्य के धनबाद जिला के तोपचाँची प्रखंड से रविंद्र महतो ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि बाल विवाह समाज के लिए एक अभिशाप है। भले ही सरकार द्वारा बाल-विवाह को रोकने के लिए क़ानून बनाया गया है , किन्तु ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी बाल विवाह जारी है। जब बच्चों की पढ़ने की उम्र होती है , तो वें गृहस्थ जीवन के चक्र में उलझ जाते है। जिसका परिणाम यह होता है कि वे गरीबी का दंश जीवन भर झेलते रहते है। दूसरा कि कम उम्र में लड़के तथा लड़कियों की शादी के कारण वें दिमागी तौर पर परिपक्व नहीं हो पाते है। लड़कियों के कम उम्र में गर्भ धरण करने के कारण भी जच्चा-बच्चा दोनों अस्वस्थ भी रहते है।

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जिला धनबाद के तोपचांची प्रखंड से रविंदर महतो जी ने मोबाईल वाणी के माध्यम से बताया कि तोपचांची प्रखंड के अंतर्गत खेसमी पंचायत में खेसमी से रतनपुर जाने वाली सड़क का समाचार कुछ दिनों पहले धनबाद मोबाईल वाणी पर प्रसारित हुआ था। जिसका संज्ञान लेते हुए खेसमी पंचायत के मुखिया ने सड़क का पुनः निर्माण कराना शुरू किया। जिससे ग्रामीण के साथ-साथ बच्चे बूढ़े सभी ने खुशी जाहिर की

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जिला धनबाद तोपचांची से फर्केश्वर महतो जी मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते हैं कि 10 सितम्बर 2013 को देश भर में खाद्य सुरक्षा अधिनियम यानी भोजन का अधिकार अधिनियम को लागु किया गया। इसे लागु करने के लिए राज्य सरकार द्वारा झारखण्ड में 2011 सामाजिक जनगणना को आधार मान कर रासन कार्ड का वितरण किया गया। कानून के अनुसार गोटा अनाज जैसे-गेहूं,तेल,सोयाबीन एवं अन्य सामग्री भी दिया जाना है। लेकिन अबतक कार्डधारियों को केवल चावल,किरोसिन तेल,नमक एवं चीनी ही दिया जाता है।वहीँ सफ़ेद रासन कार्डधारियों को केवल किरोसिन तेल ही नसीब हो पता है।इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए जन-वितरण प्रणाली में कम्प्यूट्रीकृत मशीन के द्वारा अनाज वजन कर वितरण किया जाए। साथ ही जनवितरण केंद्रों की देखरेख करने के लिए सामाजिक कार्यकर्ताओं एवं पंचायत के जन प्रतिनिधियों को सुनिश्चित किया जाए तभी इसमें पारदर्शिता आएगा।इसके अतिरिक्त समय पर खाद्यान नहीं उपलब्ध रहता है इसके लिए भी भण्डारण की व्यवस्था प्रखंड स्तर से किया जाए।

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जिला धनबाद के तोपचांची प्रखंड से खीरु महतो जी मोबाइल वाणी के माध्यम से मलेरिया से बचाव पर आधारित एक गीत प्रस्तुत कर रहे हैं

जिला धनबाद के तोपचांची प्रखंड से रविंद्र महतो मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते हैं कि भारत एक कृषि प्रधान देश है और यहां के लगभग 70% लोग कृषि पर निर्भर रहते हैं। खेती करने वाले किसान रबी और खरीफ दोनों फसलों की खेती करते हैं।तोपचांची प्रखंड में भी रबी फसलों की खेती की जाती है।कहीं-कहीं आलू,चना और सरसों की भी खेती की जाती है। वे कहते हैं कि तोपचांची प्रखंड में मिटटी की गुणवक्ता और सिचाई की सुविधा होने के बावजूद सरकारी तंत्र के उदासीनता के कारण आज लोग कृषि से दूर होते नजर आ रहे हैं। उनका कहना है कि आज किसानों को कई तरह की सुविधाएँ उपलब्ध कराई जाती है बावजूद इसके किसानों को कोई भी लाभ नहीं मिल पाता है। किसान अपने पैसे खर्च कर खेती करते हैं लेकिन खेतों में लगे फसल को सुरक्षित नहीं रख पाते हैं । और कई बार तो किसानों के फसलें सिर्फ इसलिए नष्ट हो जाती है क्योंकि गांव के कुछ दबंग व्यक्तियों द्वारा अपने आवारा पशुओं को खुले में छोड़ दिया हैं ,जो खेतों में लगी फसलों को नष्ट कर देता है। इस बात से त्रस्त होकर कई बार किसान मुखिया से इसकी शिकायत भी करते हैं , लेकिन मुखिया द्वारा किसानों की इस समस्या पर कोई ध्यान नहीं दिया जाता है।

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