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झारखंड राज्य के धनबाद जिला के तोपचांची प्रखंड से खीरु महतो जी मोबाइल वाणी के माध्यम से बेटी की बिदाई पर आधारित एक सुन्दर गीत प्रस्तुत कर रहे हैं।

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झारखंड राज्य के धनबाद जिला के तोपचांची प्रखंड से खीरु महतो जी मोबाइल वाणी के माध्यम से एक सुन्दर गीत प्रस्तुत कर रहे हैं।

झारखण्ड राज्य के धनबाद ज़िला के तोपचांची प्रखंड से रविंद्र महतो मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते हैं कि धनबाद जिला में डेयरी उत्पादन से हजारों लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर प्राप्त हुए हैं।डेयरी फार्म खुलने से किसानों को भी कम दामों में खाद प्राप्त हो जा रहा है।जिससे वे कम लागत में अपने खेतों में गोबर खाद डाल पा रहे हैं।डेयरी फार्म खुलने से धनबाद के आस-पास के क्षेत्रों में दूध की आपूर्ति आसानी से की जा रही है। डेयरी फार्म से किसानों को सब्सिडरी में गाय भी मिल जाता है।गाय से प्राप्त दूध को बेच कर किसान गाय का लोन चुकाते हैं।साथ ही डेयरी फार्म भी स्वयं किसानों से दुग्ध खरीदते हैं और आम जनता के बीच बेचते हैं। इससे लोगो को कोई परेशानी नहीं होती है।अतः दुग्ध की मांग को देखते हुए धनबाद जिला में प्रखंड स्तर पर और भी डेयरी फार्म खोलने की आवश्यकता है।

झारखंड राज्य के धनबाद जिला के तोपचाँची प्रखंड से रविंदर महतो ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि आठ मार्च को पुरे विश्व में अंतराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया गया। परन्तु सत्यता यह है कि समाज में आज भी महिलाओं को घृणा की दृष्टि से देखा जाता है।आज स्थिति यज है कि जब भी घर की महिलाएं आगे बढ़ कर अपने परिवार की मदद करती है तो समाज उन्हें बंधनो में जकड़ लेता है।हमारे झारखंड राज्य में महिलाओं की दशा काफी ख़राब है।शिक्षित नहीं होने के कारण महिलाओं को दलालों द्वारा दिल्ली ,मुंबई,गुजरात जैसे बड़े शहरों में काम दिलाने के झांसा देकर ले जाते हैं।जहां उनका शोषण होता है।वे कहते हैं कि ऐसे मामले कई बार बार प्रशासन के सामने भी आया है। परन्तु इस तरह के मामले को गभीरता से नहीं लिया जाता। इसे रोकने के लिए जरुरी है कि महिलाओं को शिक्षित करना होगा और उन्हें रोजगार मुहैया कराना होगा। ताकि वो दूसरे राज्यों की ओर काम के तलाश में पलायन न करें। साथ ही महिलाओं के प्रति समाज की मानसिकता बदलने के लिए कार्यकर्म चलाये जाने की जरुरत है।

झारखंड राज्य के धनबाद ज़िला के तोपचांची प्रखंड से रविंदर महतो मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताते हैं कि, तोपचांची प्रखंड अंतर्गत खेशमी पंचायत में रहने वाली अनीता महतो जिसने अपनी शादी के बाद न जाने कितनी समस्याओं को झेला। परन्तु दृढ़ मानशिकता वाली इस महिला ने कभी भी समस्याओं को अपने ऊपर हावी नही होने दिया।उनका उदाहरण गांव के हर तबके के लोग देते हैं। आज वो अपने मेहनत के बलबूते आस पास के ग्रामीण इलाकों में सरकार द्वारा मिलने वाले लाभों से लोगों को आवगत कराती हैं। और स्वयं प्रयास कर गरीबों के भलाई के लिये कामों में जुटी हुई हैं।आज अपनी शिक्षा के साथ-साथ घर परिवार और बच्चों की पढ़ाई के साथ समाज को भी अपने साथ लेकर चल रही हैं । अनीता महतो ने यह भी बताया कि घर पर कैद हो कर रहना कभी मंजूर नहीं था। समाज में अपनी पहचान बनाने के लिए पुरुषों के साथ-साथ कदम मिला कर चलना सीखा है। आज वो महिला मोर्चा की सशक्त अध्यक्ष बन कर महिलाओं के लिए प्रेरणा श्रोत बनी हैं।

झारखण्ड राज्य के धनबाद जिला के तोपचाँची प्रखंड से रविंदर महतो मोबाईल वाणी के माध्यम से बताते हैं कि तोपचाँची प्रखंड एक पठारी इलाका है।यहाँ शुद्ध जल प्राप्ति के लिए कुआं चापानल तथा नदी आदि का लोग इस्तेमाल करते हैं । परन्तु गर्मी के दिनों में प्रायः सभी कुआँ सुख जाते हैं। चापानल से भी पानी निकलना बंद हो जाता है।साथ ही दो से तीन सौ फीट गहराई पर भी बोरिंग करने से पानी नहीं मिलता।वे कहते हैं कि तोपचाँची में एक बड़ा झील है जिसे अंग्रेजो ने बनाया था। इस झील से पानी की सप्लाई झरिया व धनबाद शहरों में किया जाता है लेकिन इससे स्थानीय लोगो को कोई लाभ नहीं मिलता। तोपचाँची प्रखंड ग्रामीण इलाका होंने के कारण लोगों को समस्या का सामना करना पड़ता है।कहीं कहीं सोलर टेंक लगाए गए हैं जिससे लोगों को जल आपूर्ति किया जाता है। पानी की समस्या को दूर करने के लिए ऐसे क्षेत्रों को जहाँ जल का खुद भण्डार है,चिन्हित कर पाईप बिछा कर जलापूर्ति योजना के तहत ग्रामीणों को लाभ दिया जा सकता है। अथवा पेयजल संकट से मुक्ति पाने के लिए यमुना नहीं और तोपचाँची झील से जल आपूर्ति किया जा सकता है।

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धनबाद के तोपचांची प्रखंड से रविंदर महतो जी झारखंड मोबाईल वाणी के माध्यम से बता रहे है कि भारत में स्थित धनबाद एक ऐसा शहर है जो कोयले के खानों के लिए मशहूर है।यह शहर भारत में कोयला व खनन के लिए सबसे अमीर है।झरिया, कतरास, जामाडोभा और भौंरा क्षेत्र से कोयला बहुत मात्रा में निकाला गया।और जो जगह खाली हुआ उस जगह बालू भराई का काम किया जाना था।परन्तु BCCL अथवा CCL प्रबंधन की लापरवाही के कारण बालू भराई का काम नहीं हो पाया।जिसके कारण वर्तमान में मौजूद कोयला क्षेत्र झरिया, कतरास, जामाडोभा और भौंरा में भूमिगत आग लग चुकी है।और यह विकराल रूप धारण भी कर चुकी है।धनबाद से चंद्रपुरा के बीच चलने वाली सवारी गाड़ियों को रोक दिया गया है।आये दिन खदानों में दुर्घटनाये होती रहती है।अगर कभी दुर्भाग्यवश धनबाद क्षेत्र में तीव्र भूकंप आया तो पूरा का पूरा क्षेत्र जमींदोज हो जायेगा।