झारखण्ड राज्य के धनबाद ज़िला के तोपचांची प्रखंड से रविंदर महतो झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि पूरे तोपचांची प्रखंड में विधायक,मुखिया तथा पी.एच.डी विभाग द्वारा लगाए गए जल मीनार केवल दिखाने योग्य रह गया हैं। हरियारपुर पंचायत में वर्षो से जलापूर्ति बंद हैं वही तोपचांची पंचायत में पिछले दो माह से जलापूर्ति बाधित हैं।मुखिया व जलसहिया द्वारा लापरवाही हो रही हैं।सही तरह से संचालन व रख-रखाव के अभाव में जनता को परेशानी का सामना करना पड़ रहा हैं। खैस्मी पंचायत के ग्रामीणों द्वारा जल समस्या को ले कर विधायक व संसद के पास शिकायत दर्ज़ की गई परन्तु इसका समाधान नहीं निकाला गया। यहाँ तक कि समस्या की शिकायत मुख्यमंत्री जन संवाद केंद्र तक भी पहुँचाया गया परन्तु अब तक कोई समाधान नहीं निकला। ग्रामीण अभी भी जल के अभाव में कुओं व दूसरे के घर में स्थित चापानलों को प्रयोग में लाने को विवश हैं। इस कारण ग्रामीण वर्त्तमान सरकार के कार्य पर रोष व्यक्त कर रहे हैं हैं।

झारखण्ड राज्य के धनबाद ज़िला से खीरु महतो मोबाइल वाणी के माध्यम से एक लोक गीत प्रस्तुत किए हैं।

झारखण्ड राज्य के धनबाद ज़िला के तोपचांची प्रखंड से खीरु महतो झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से झारखण्ड की माटी पर झूमर गीत प्रस्तुत किए हैं।

झारखण्ड राज्य के धनबाद जिला के तोपचांची प्रखंड से रविंद्र महतो मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते हैं कि स्वक्षता के बिना मनुष्य अच्छे स्वास्थ्य की कामना नहीं कर सकते हैं। हर व्यक्ति का स्वास्थ्य तभी अच्छा रह सकता है जब हमारे आस-पास का वातावरण साफ़-सुथरा होगा। क्योंकि परिवेश में लगने वाले गन्दगी के कारण ही लोगों को तरह-तरह की बिमारियों से ग्रसित हो रहें हैं। अक्सर ऐसी समस्या गांव में देखने को मिलता है जब लोग कहीं भी मल मूत्र किया करते हैं और मृत पशुओं के शिशुओं को कहीं भी खुले जगहों में फैक देते हैं। यही नहीं समुदाय में सरकार द्वारा बनने वाले शौचालय का निर्माण भी केवल नाम के लिए बनाया गया है। कुछ जगहों में यदि शौचालय बना भी है तो लोग उसका इस्तेमाल नहीं करते हैं। पंचायतों में मुखियाओं के द्वारा बिना सोचे समझें नाली का निर्माण कर दिया गया जो इस्तेमाल योग नहीं है। इसमें लाखों रूपए की बरबादी हो गई साथ ही गंदगी को फैलाने में आम ग्रामीण भी पूरा सहयोग निभाते नजर आती है। जनता अपने घरों के कचड़े को घर के समीप नालियों में फैक देते हैं। जिससे नालियां अवरुद्द हो जाती है और बारिश के मौसम में नालियों का पानी भर कर सड़क पर आ जाता है। दूसरी ओर कुछ पंचयों में विशेष समुदाय के लोगों के द्वारा सडकों पर गंदे पानी को बहा दिया जाता है। जिससे लोगों को आवगमन करने में काफी परेशानी होती है। इसके बावजूद भी जनप्रतिनिधियों के द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है। गांव को स्वस्थ रखने में आम जनता को भी अपना पूरा सहयोग करने की जरुरत है। उन्हें अपने सोच में बदलाव लाना चाहिए और अपने घरों के सामने साफ-सफाई बनाए रखना चाहिए। तभी हमारा समाज स्वस्थ रहेगा और हमारा स्वास्थ्य में अच्छा रहेगा

झारखण्ड राज्य के धनबाद जिला के तोपचांची प्रखंड से खीरु महतो मोबाइल वाणी के माध्यम से एक लोक गीत प्रस्तुत कर रहे हैं। इस गीत के माध्यम से कहते हैं कि पोसल सूगा रे काहे सूगाउड़ गैले..

झारखण्ड राज्य के धनबाद ज़िला से खीरु महतो झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से एक मधुर गीत प्रस्तुत किए हैं।जिसके बोल हैं "सदा ना रहा हैं ,सदा ना रहेगा जमाना किसी का ,नहीं चाहिए दिल दुखाना किसी का...."

झारखण्ड राज्य के धनबाद ज़िला के तोपचांची प्रखंड से खीरु महतो झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से एक झूमर गीत प्रस्तुत किए हैं।

झारखण्ड राज्य के धनबाद जिला के तोपचांची प्रखंड से रविंद्र महतो ने झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि व्रजपात ज्यादातर पहाड़ी इलाकों में होता है और इससे जन-जीवन बहुत प्रभावित होता है,यहाँ तक कि हर साल इसकी चपेट में आने से सैकड़ों जीव-जंतुओं और प्राणिओं की जान चली जाती है। वज्रपात से होने वाले नुकसान को कम करने के उद्देश्य से सरकार ने घनी आबादी वाले इलाकों में स्थित भवनों पर बिजली संरक्षण उपकरणों को लगवाया है ,परन्तु सभी उपकरण उचित देखभाल एवं रख-रखाव के अभाव में चोरी हो गए।साथ ही रविंदर महतो ने वज्रपात से बचने के लिए कुछ महत्वपूर्ण सुझाव साझा करते हुए बताया कि बारिश के दौरान आकाशीय बिजली के चमकने पर घरों में बिजली द्वारा चलने वाली चीज़ो को प्रयोग में नहीं लाना चाहिए। साथ ही यदि खुली जगह पर हो तो, बारिश से बचने के लिए सिमट कर और अपनी दोनों एड़ियों को सटा कर बैठ जाए और अपने अंगूठे से दोनों कानो को बंद करलें ।अगर संभव हो,तो बारिश के वक़्त घर से बाहर न निकलें । धातु से बनी कोई भी आभूषणों का प्रयोग ना करें।यदि कोई व्यक्ति व्रजपात का शिकार हो जाते हैं,तो अविलम्ब उस व्यक्ति को प्राथमिक उपचार के लिए मिट्टी या आलू का लेप उसके पूरे शरीर में लगाना चाहिए एवं तुरंत ही निकट के अस्पताल में ले जाना चाहिए।

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झारखंड राज्य के धनबाद जिला के बाघमारा प्रखंड से रविंद्र महतो मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते हैं कि पंचायत चुनाव होने के बाद गांव में कई सकारात्मक बदलाव आए हैं।पंचायतों में तीन-तीन आंगनबाड़ी केंद्र खोले गए साथ ही छोटे-छोटे बच्चों को निःशुल्क शिक्षा के साथ-साथ पोषाहार भी दिया जाने लगा। पंचायत चुनाव के बाद गांव के सड़कों और नालियों का निर्माण किया गया जो पहले काफी दयनीये स्थिति में था।गांव में बाँध,डोभा का भी निर्माण किया गया।पानी की समस्या से निजात दिलाने के लिए वाटर सप्लाई के लिए वाटर टैंक भी लगाया गया। जिससे लोगों को पानी की समस्या से राहत मिली है।पंचायत चुनाव के बाद सबसे बड़ी उपलब्धि महिलाओं का सशक्तिकरण हुआ जिससे आज महिलाएं पहले से ज्यादा आत्मनिर्भर हुई हैं। लोगों को बिजली की समस्या से भी निजात मिला है।पंचायत चुनाव के बाद गांव का चौमुखी विकास हुआ है। परन्तु गांव में कुछ कार्य आज भी थोड़ी धीमी गति से हो रही है जैसे-शौचालय बनाने का कार्य अबतक पूरा नहीं हुआ है। इसके साथ ही पंचायतों के विकास के लिए एक नागरिक होने के नाते पंचायत सेवक को थोड़ी और जागरूक होने की आवश्यकता है। साथ ही कोई भी योजना को लागू करने से पूर्व गांव में ग्रामीणों के बीच आम सभा कर योजना की पूरी जानकारी ग्रामीणों को दिया जाना चाहिए। ताकि ग्रामीण योजना का लाभ आसानी से उठा सकें।कई पंचायतों में कार्य गोपनीय तरीके से किया जाता है जिससे लोगों में पंचायतीराज अधिनियम के प्रति विश्वास नहीं जाग पाता है।