झारखण्ड राज्य के हज़ारीबाग़ जिला से राज कुमार मेहता मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहते हैं कि सामाजिक दबाव और प्रचलित सांस्कृतिक प्रथाएं भूमि पर अपने अधिकार का दावा करने से रोकती है। यदि संपत्ति उनके नाम पर है तो चाहे वह उनके माता या पिता के पक्ष में हो या उनके ससुराल पक्ष में हो महिलाओं को उनका हिस्सा भाई या परिवार के किसी अन्य पुरुष के पक्ष में देने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है
झारखण्ड राज्य के हज़ारीबाग़ जिला से राज कुमार मेहता मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहते हैं कि भारत में महिलाओं को भूमि पर अधिकार होना चाहिए क्योंकि ये उनकी सशक्तिकरण लैंगिक समानता और आर्थिक स्थिरता के लिए आवश्यक है। हालांकि कानून के साथ अब बेटियों को पिता के पैतृक संपत्ति में बेटो के बराबर अधिकार मिलता है और महिला द्वारा खरीदी गई या उपहार में मिली सम्पत्ति पूरी तरह उनकी होती है और भूमि अधिकार से महिलाओं को बेहतर पोषण ,शिक्षा और सामुदायिक निर्णय लेने में तमाम शक्ति मिलती है।
झारखण्ड राज्य के हज़ारीबाग़ जिला से राज कुमार मेहता मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहते हैं कि महिलाओं को सशक्त बनाना जरूरी है। बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ पहलों के कारण साक्षरता दर बढ़ रही है। महिलाओं को आगे बढ़ाने के लिए कई कार्यक्रम और योजनाएं चलाई जा रही है
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उत्तर प्रदेश राज्य के बहराइच जिला के पयागपुर से हमारे श्रोता मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहते हैं कि शादी के बाद महिलाओं को प्रॉपर्टी हिस्सा नहीं मिलना चाहिए। यह कानून को ख़त्म करना चाहिए। महिला कचहरी में ब्यान देने नहीं आती है। उनको लालच हो जाती है
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