बिहार राज्य के मुंगेर जिले से अमर सक्सेना ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बाहर से आए मजदुर शुभाष पासवान से साक्षात्कार किया जिसमें शुभाष जी बताते हैं की वो तारापुर के रहने वाले हैं और वो मजदूरी के लिए सिकंदरा पुर गए थे।जहाँ वे होटल में काम करते थे।जिसमे प्रतिदिन 300 रूपए की कमाई हो जाती थी।उन पैसों का बचत वो बैंक में करते थे। शुभाष जी का कहना है की वहाँ उनको पहले दिनों में भाषा समझ नहीं आती थी पर बाद में वो सीख गए। साथ ही वे बताते हैं की उनके मालिक बिलकुल भी अच्छे नहीं थे। अगर उनके काम में कोई गलती हो जाती थी तो हमेशा उनको गाली देते थे और पुलिस की बात आती थी तो पुलिस वाले भी मालिक की ही बात सुनते थे।साथ ही ये भी बताते हैं की इनको बिहार में काम न मिलने की वजह से ये सिकंदरापुर रोजगार के लिए गए थे.इसलिए इनका कहना है की यदि बिहार में कोई कंपनी खुल जाए तो ये रोजगार के लिए बाहर नहीं जाएंगे।