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साथियों, इन दिनों बिहार में गर्मी का पारा तो चढ़ ही रहा है, साथ ही छात्रों में तनाव भी बढ़ रहा है. यह तनाव और चिंता है अपने करियर को लेकर. छात्रों के साथ उनके अभिभावक भी परेशान हैं. जब से इंटरमीडिएट का रिजल्ट आया है तब से ही छात्र यह सोच रहे हैं कि आखिर कौन सा विषय लेकर आगे की पढ़ाई की जाए, ताकि उन्हें अच्छी नौकरी मिल सके. तो इसलिए इस बार हमने जनता की रिपोर्ट में "इंटरमीडिएट का रिजल्ट घोषित, अब रोजगारपरक विषय के चुनाव के लिए परेशान छात्र अभिभावक" विषय पर चर्चा की है तो सुना अपने, छात्र अपने करियर की योजनाएं बनाने में जुटे हुए हैं. कोई सरकारी नौकरी करना चाहता है तो कोई प्राइवेट कंपनी में काम करने का इच्छुक है. अब आप हमें बताएं कि किस क्षेत्र में करियर के सबसे शानदार विकल्प मिल सकते हैं. आपनी बात रिकॉर्ड करें मोबाइल में नम्बर तीन दबाकर और सुनते रहें मोबाइलवाणी एप.
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अभिनेता आमिर खान ने मतदान की जागरूकता के विषय में कहा कि जितना ध्यान और वक्त हम सब्ज़ी चुनने में लगाते हैं ,क्या उसका आधा भी हम देश के नेता चुनने में लगाते हैं ?हमारे चुनाव क्षेत्र में कितने उम्मीदवार खड़े हैं ? वो कितने पढ़े लिखे हैं ? उनके खिलाफ कोई क्रिमिनल केस तो नहीं ? ये सारी जानकारी जनता 56070 पर एसएमएस कर ,माई नेता स्पेस ,आपका पिन कॉर्ड या पोस्टल कॉर्ड या फिर 18100110440 में कॉल कर जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
17 वीं लोकसभा चुनाव के दुसरे चरण का मतदान संपन्न हुआ , और दुनिया के सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश भारत , लोकतंत्र के आस्था का पर्व मना रहा है. हर किसी की जिम्मेदारी तय की जा रही है और ऐसा माना जाता है की लोकतंत्र तभी मजबूत होगा जब नागरिक जागरूक होंगे ,अपने कर्तव्यों की निष्ठा पूर्ण निर्वहन करेंगे. भारत में हर नागरिक जिनकी उम्र 18 साल से अधिक है वो निर्वाचन के लिए पंजीकृत है और वह अपने संवैधानिक अधिकार मत दान के अधिकारों को अभ्यास करेंगे. यह राज्य की जिम्मेदारी है वह नागरिकों के मतदान के अधिकारों की रक्षा करे और उन्हें वह सहुलतें मुहैया कराये जिससे वह अपने मताधिकार का उपयोग कर सके. लेकिन दोस्तों , आबादी का बड़ा हिस्सा काम की तलाश में एक राज्य से दुसरे राज्य या अपने ही राज्य में एक शहर से दुसरे शहर, घर से मीलों दूर काम कर जिंदगी वसर करते हैं. टाइम्स ऑफ़ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार सन 2014 में कुल पंजीकृत मतदाताओं की संख्या 83 करोड़ 40 लाख थी उसमें से 28 करोड़ जनता ने अपने मताधिकार का प्रयोग ही नहीं किया, तकरीबन 60 % आबादी ऐसे लोगों की थी जो मतदान करना चाहते थे लेकिन उनके पास मतदान करने का साधन नहीं था यानी कि यह सभी लोग पलायन कर दुसरे शहर में रह रहे थे और उनके मौजूदा निवास पर मतदान पहचान पत्र नहीं था इसलिए अगर उन्हें वोट देना है तो वापस अपने घर जाकर वोट देना होगा और यह कई कारणों से संभव नहीं. मताधिकार से संबंधित अधिक जानकारी यह कार्यक्रम सुने।
बिहार राज्य के नालंदा जिला के एकंगरासरया प्रखंड से राहुल कुमार जीविका मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है,की मैं तमिल नही जानता था तो मुझे बहुत दिक्क्तों का सामना करना पड़ता था। मैं शुरू में जब वहा गया तो रहने,खाने,पानी और अच्छे काम का समस्या हुआ। लेकिन मैं उन से रिलेशन बना कर धिरे-धिरे तमिल सीखा,और अब हमारी दिकते कम हुई।
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