सुनिए इस कहानी को जो बच्चों को प्रेरित करती है दूसरों की मदद करके को लेकर |ये कहानी आपको कैसी लगी? क्या आपके बच्चे ने ये कहानी सुनी? इस कहानी से उसने कुछ सीखा? अगर आपके पास भी है कोई मज़ेदार कहानी, तो रिकॉर्ड करें फ़ोन में नंबर 3 का बटन दबाकर।

हम सभी रोज़ाना स्वास्थ्य और बीमारियों से जुड़ी कई अफवाहें या गलत धारणाएं सुनते है। कई बार उन गलत बातों पर यकीन कर अपना भी लेते हैं। लेकिन अब हम जानेंगे उनकी हकीकत के बारे में, वो भी स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मदद से, कार्यक्रम सेहत की सच्चाई में। याद रखिए, हमारा उद्देश्य किसी बीमारी का इलाज करना नहीं, बल्कि लोगों को उत्तम स्वास्थ्य के लिए जागरूक करना है।सेहत और बीमारी को लेकर अगर आपने भी कोई गलत बात या अफवाह सुनी है, तो फ़ोन में नंबर 3 दबाकर हमें ज़रूर बताएं। हम अपने स्वास्थ्य विशेषज्ञों से जानेंगे उन गलत बातों की वास्तविकता, कार्यक्रम सेहत की सच्चाई में।

मेरा नाम चुनू देवी है , मैं मुज़फ़्फ़रपुर सरैया का निवासी हूँ । आज हम इस जगह पर हैं जहाँ कुछ दीदी लोग बैठे हैं और हम दीदी लोगों से बात करेंगे । पूछें कि क्या नल्ला उल्ला है , कचरा संग्रह है , तो हम अभी भी लोगों से इसके बारे में बात करेंगे , यह कैसे काम करता है , प्रमुख यहाँ आता है या नहीं , हाँ दिवि , आपका नाम क्या है , आपका नाम विस्तार से बताया जाएगा । नमस्ते । दे नमस्कार ये कोई नहीं बोली ना मैं बेबी देवी बात कर रही है क्या बेबी जी यहाँ हम देख रहे हैं जब आपके घर के बाहर बहुत सारा कचरा होता है तो यहाँ मत आओ नहीं नहीं आते हैं नहीं आते हैं नहीं देखते हैं दीदी देखो कसरी ।

बिहार राज्य के जिला मुजफ्फरपुर से हमारे श्रोता, मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहती है कि उनको सरकारी योजना का लाभ नहीं मिला है

बिहार राज्य के मुजफरपुर जिला के डोंगरा पंचायत से रानी कुमारी बतातीं हैं की उनको सरकार की और से कोई सुबिधा नहीं मिला है

लड़कियों के सपने सच में पुरे हो , इसके लिए हमें बहुत सारे समाजिक बदलाव करने की ज़रूरत है। और सबसे ज्यादा जो बदलाव की ज़रूरत है, वो है खुद की सोच को बदलने की। शिक्षा महिलाओं की स्थिति में बड़ा परिवर्तन ला सकती है लेकिन शिक्षा को लैंगिक रूप से संवेदनशील होने की जरूरत है। गरीब और वंचित समूह के बच्चों को जीवन में शिक्षा में पहले ही सीमित अवसर मिलते हैं उनमें से लड़कियों के लिए और भी कम अवसर मिलते हैं, समान अवसर तो दूर की बात है। सरकारी स्तर पर जितने ही प्रयास किये जा रहे हों, यदि हम समाज के लोग इसके लिए मुखर नहीं होंगे , तब तक ऐसी भयावह रिपोर्टों के आने का सिलसिला जारी रहेगा और सही शौचालय न होने के कारण छात्राओं को मजबूरी में स्कूल छोड़ने का दर्द सताता रहेगा। तब तक आप हमें बताएं कि *----- आपके गांव में सरकारी स्कूल में शौचालय है, और क्या उसकी स्थिति कैसी है? *----- क्या आपको भी लगता है कि सरकारी स्कूल में शौचालय नहीं होने से लड़कियों की शिक्षा से बाहर होने का बड़ा कारण है *----- शौचालय होने और ना होने से लड़कियों की शिक्षा किस प्रकार प्रभावित हो सकती है?

बिहार राज्य के जिला मुजफ्फरपुर से रेखा देवी , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहती है उनको सरकारी योजना का लाभ नहीं मिला है

नाला बनवाने की प्रक्रिया क्या है

Transcript Unavailable.

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