100 दिन सेवा संकल्प अभियान के अंतर्गत आयोजित होने वाले स्वास्थ्य शिविर का विस क्षेत्र चौरई के ग्रामीण मंडल अंतर्गत ग्राम साजपानी के निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर में भाजपा पूर्व जिलाध्यक्ष विधायक पं रमेश दुबे जी ने सहभागिता कर शिविर का शुभारंभ किया ।मान दुबे जी ने जिला उपाध्यक्ष बंटी पटेल, जिलापं सदस्य लखन वर्मा, जनपद अध्यक्ष सरोज राधेश्याम रघुवंशी, पूर्व मंडल अध्यक्ष शैलेन्द्र रघुवंशी, मंडल अध्यक्ष विजेंद्र ठाकुर, मंडल अध्यक्ष नीरज पटेल के साथ दीप प्रज्वलित कर शिविर का शुभारंभ किया ।
छिंदवाड़ा पांढुर्णा सांसद आदरणीय श्री विवेक बंटी साहू जी की पहल से विधानसभा क्षेत्र चौरई के शासकीय नवीन हाई स्कूल ग्राम साजपानी टोला में आयोजित 100 दिन सेवा संकल्प के तहत निशुल्क स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया। इस अवसर पर लोकप्रिय विधानसभा प्रभारी श्री लखन कुमार वर्मा जी सम्मिलित हुए।चौरई ग्रामीण मंडल द्वारा आयोजित स्वास्थ्य शिविर में क्षेत्र के निवासियों को निशुल्क स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की गईं। विधानसभा प्रभारी श्री वर्मा जी ने उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं।
जिला चिकित्सालय छिंदवाड़ा की आयुष विंग में विगत दिवस व्यावसायिक शिक्षा एवं स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सांवरी, मोहखेड़ ब्लॉक के लगभग 50 विद्यार्थियों ने सहभागिता की। इस दौरान आयुष विंग छिंदवाड़ा के प्रभारी डॉ.नितिन टेकरे द्वारा विद्यार्थियों को आयुष चिकित्सा पद्धति, स्वास्थ्यकर जीवनशैली, रोगों की रोकथाम एवं अस्पताल की विभिन्न सेवाओं की जानकारी प्रदान की गई। विद्यार्थियों को व्यावसायिक प्रशिक्षक सुश्री स्वेता सनोडिया, श्री कपिल लोखंडे एवं श्री राकेश वासनिक के मार्गदर्शन में अस्पताल भ्रमण कराया गया तथा रात्रिचर्या-ऋतुचर्या, औषधीय पौधों एवं मसालों का औषधीय उपयोग, योग, एनीमिया, संधिवात, चर्मरोग, सिकल सेल, पर्यावरण संरक्षण, पौधारोपण एवं आनंदमय जीवनशैली जैसे विषयों पर मार्गदर्शन दिया गया।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.नरेश गोन्नाडे के दिशा-निर्देशन में राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत आज ग्राम आरोग्य केन्द्र गुरैया, पिण्डरईकला में मानसिक स्वास्थ्य शिविर एवं जनजागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम मनोचिकित्सक डॉ. सुमांशु शर्मा के द्वारा मानसिक रोग से संबंधित बीमारियों, मानसिक रोग से होने वाले दुष्प्रभावो एवं लक्षणों के बारे में जानकारी दी गई। उन्होनें मानसिक रोग के लक्षण के बारे में बताया कि मानसिक रोग से पीड़ित व्यक्ति में सामान्यतः हर समय उदासी महसूस, बेचैन रहना, ध्यान केंद्रित न कर पाना, बहुत चिंता या भय होना, समाज, परिवार एवं दोस्तों से दूरी, शरीर में थकान एवं ऊर्जा की कमी का अनुभव होना। मानसिक तनाव को दूर करने के लिये उपायों के बारे में बताया कि मानसिक रोगी के साथ सामान्य एवं विनम्र व्यवहार करने, करीबी दोस्तों के साथ समय बिताने, उनसे विनम्रतापूर्वक व्यवहार व बाते करनी चाहिये जिसके माध्यम से मानसिक रोगी के स्वास्थ्य में सुधार लाया जा सकता है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.नरेश गोन्नाड़े ने बताया कि प्राय: शीत लहर माह दिसंबर एवं जनवरी में घटित होती हैं, जिसके चलते सर्द हवाओं के कारण स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव संभावित है। शीत लहर का नकारात्मक प्रभाव वृद्धजन एवं 05 वर्ष से कम उम्र के बच्चों पर अधिक होता हैं। इसके अलावा दिव्यांगजनो, बेघर व्यक्तियों, लम्बे समय से बीमारियों से ग्रसित रोगियो, खुले क्षेत्र में व्यवसाय करने वाले छोटे व्यवसायियों के लिये शीत लहर के दौरान विशेष सतर्कता बरतना जरूरी है। आगामी दिवसों में शीत लहर एवं तीव्र शीत लहर चलने की संभावना है। ऐसी स्थिति मे दीर्घकालीन बीमारियों (कोनिक डिसीज) जैसे डायबिटीज, उच्च रक्तचाप, श्वास संबंधी बीमारियों वाले मरीज, वृद्धजनों, पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों तथा जनसामान्य को ऐसे मौसम में सावधानियां बरतना अत्यंत आवश्यक है।
ज़िन्दगी के कुछ पलों में लड़को को भी रोने का मन करता है और ऐसे समय में रो लेना कितना ज़रूरी है। पर क्या हमारा समाज इतनी आसानी से लड़कों को रोने की आज़ादी दे दे सकता है ? क्या केबल रोने या न रोने से ही साबित होता है की वो इंसान कितने मज़बूत किरदार का मालिक है ? और क्या इसी एक वाक्य से हम बचपन में ही लिंग भेद का बीज बच्चो के अंदर ने दाल दे रहे है जो पड़े होते होते न जाने कितने और लोगो को अपनी चपेट में ले चूका होता है ! आप के हिसाब से अगर लड़के भी दिलका बोझ हल्का करने के लिए रोयें और दूसरों से नरम बर्ताव करे तो समाज में क्या क्या बदल सकता है ? इस सभी पहलुओं पर अपनी राय प्रतिक्रिया और सुझाव जरूर रिकॉर्ड करें अपने फ़ोन में नंबर 3 दबाकर। और हां साथियों अगर आपके मन में आज के विषय से जुड़ा कोई सवाल हो तो वो भी जरूर रिकॉर्ड करें। हम आपके सवाल का जवाब तलाश कर आप तक पहुंचाने की पूरी कोशिश करेंगे।
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आपलोग हमें बताएं कि केवल परीक्षा में लाये हुए अच्छे नंबर ही एक अच्छा और सच्चा इंसान बनने का माप दंड कैसे हो सकता है? अक्सर देखा जाता है कि माता पिता अपने बच्चों के तुलना दूसरे बच्चों से करते है. क्या यह तुलना सही मायने में बच्चे को बेहतर प्रदर्शन के लिए प्रोत्साहित करती है या उनके मन में नकारात्मक सोच का बीज बो देती है ? आपको क्या लगता है? इस पर आप अपनी राय, प्रतिक्रिया जरूर रिकॉर्ड करें। और हां साथियों अगर आज के विषय से जुड़ा आपके मन में किसी तरह का सवाल है तो अपने सवाल रिकॉर्ड करें अपने फ़ोन नंबर 3 दबाकर। हम आपके सवालों का जवाब ढूंढ कर लाने की पूरी कोशिश करेंगे।
आप हमें बताएं कि आखिर ऐसा क्यों होता है कि आज के समय में अक्सर लोग दूसरों को निचा दिखाने की कोशिश करते हैं बिना इसकी परवाह किये की उनके मानसिक स्वास्थ्य पर इस बात का क्या असर पड़ेगा ? आपके अनुसार इस तरह के भेदभाव को हमारे सोच और समाज से कैसे मिटाया जा सकता है ? दोस्तों इस से जुड़ी आपके मन में अगर कोई सवाल है तो जरूर रिकॉर्ड करे . हम आपके सवाल का जवाब तलाशने की कोशिश करेंगे।
साथियों, ऐसा देखने को मिलता है कि आज के पढ़े लिखे और सभ्य समाज में भी शारीरिक और मानसिक रूप से असामान्य लोगों को अलग दृष्टि से देखा जाता है आखिर इस तरह के लोगों के व्यवहार के पीछे क्या कारण हैं ? आपको को क्या लगता है ऐसा क्यों होता है कि समाज में एक सामान्य व्यक्ति अपने से अलग लोगों को स्वीकार नहीं कर पाता ? आपके अनुसार समाज में फैले इस तरह की भेदभाव की भावना को कैसे दूर किया जा सकता है ? दोस्तों, आपके मन में आज के विषय से जुड़ा कोई भी सवाल है तो जरूर रिकॉर्ड करें अपने फ़ोन में नंबर 3 दबाकर। हम आपके सवाल का जवाब ढूंढ कर आप तक पहुंचाने की पूरी कोशिश करेंगे।
