जैसा की आपको पता है की बच्चों के पेट में होने वाले कृमि संक्रमण को रोकने के लिए प्रदेशभर में राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस अभियान चलाये जा रहे है जिससे बच्चे स्वस्थ्य और सुरक्षित रहे। हर साल 10 फरवरी को भारत राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस मनाता है।इस दिन सभी आँगनबाड़ी केन्द्रो , सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रो पर एवं सभी प्राथमिक व उच्च माध्यमिक स्कूलों में 1 से 14 वर्ष तक के बच्चों में कीड़ों के असर को खत्म करने की दवा खिलायी जाती है। देश भर में बच्चों के स्वास्थ्य में सुधार और कृमि मुक्ति के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए उठाया गया यह एक सराहनीय कदम है। दोस्तों हर वर्ष की भाँति इस वर्ष भी कृमि रोग के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए एक खास थीम बनाई गयी है.,इस साल यानी 2024 की थीम है “एसटीएच हटाएं: बच्चों के स्वस्थ भविष्य में निवेश करें”। यह थीम देश को कृमि मुक्त कैसे करें,यह समझने में मदद करने के लिए बनायीं गई है। कृमि रोग बच्चों में होने वाली गंभीर स्वास्थ्य समस्या है जो बच्चो के मानसिक और शारीरिक विकास को प्रभावित करता है। इसलिए आइये हम सब मिलकर एक संकल्प ले और इस अभियान का हिस्सा बन कर देश को कृमि मुक्त बनाये और बच्चों के भविष्य को सुंदर बनाये और सुरक्षित करें। मोबाइल वाणी परिवार की और से आप सभी श्रोताओं को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस की बहुत बहुत शुभकामनाएं

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शासकीय कन्या शिक्षा परिसर छिंदवाड़ा में स्कूली छात्राओं को सेनिटरी पेड का वितरण कार्यक्रम और कार्यशाला का आयोजन 8 फरवरी को ================================================== जनजातीय कार्य विभाग और यूनिसेफ के सहयोग से कार्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी के अंतर्गत स्वयंसेवी संगठन स्काई सोशल के माध्यम से भारतीय स्टेट बैंक द्वारा 8 फरवरी को प्रात: 11 बजे नरसिंहपुर रोड छिंदवाड़ा स्थित शासकीय कन्या शिक्षा परिसर में स्कूली छात्राओं को पुन: प्रयोग करने योग्य सेनिटरी पेड का वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया है । साथ ही मासिक धर्म में स्वच्छता का बढ़ावा देने के उद्देश्य से एक कार्यशाला भी आयोजित की गई है जिसमें छात्राओं को सुरक्षित, सतत और स्वास्थ्यपूर्ण मासिक धर्म पर शिक्षित किया जायेगा । भारतीय स्टेट बैंक के प्रधान कार्यालय भोपाल के जनसंपर्क एवं सामाजिक सेवा बैंकिंग विभाग के सहायक महाप्रबंधक श्री अनित्य श्रीवास्तव ने बताया कि बैंक द्वारा मासिक धर्म में स्वच्छता का बढ़ावा देने के उद्देश्य से प्रदेश के 25 चयनित जिलों की लगभग 500 कन्याओं को सेनिटरी पेडों के वितरण के साथ ही कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है जिसमें छिंदवाड़ा जिला भी शामिल है । इस कार्यक्रम के माध्यम से यह समृध्द दृष्टिकोण मासिक धर्म स्वच्छता प्रबंधन में सुधार लाता है और युवा लड़कियों को उनकी शैक्षणिक यात्रा में शिक्षित करता है ।

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छोटे बच्चों की गृह आधारित देखभाल। कड़ी संख्या-5 कुपोषण का अर्थ, लक्षण एवं बचाव के उपाय।

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