2016 में 14 प्रतिशत छात्र औपचारिक शिक्षा के बाहर थे जो कि देश में 2023 में भयानक सुधार होने के बाद भी अब मात्र 13.2 प्रतिशत भर है। 2016 में 23.4 प्रतिशत अपनी भाषा में कक्षा दूसरी का पाठ नहीं पढ़ पाते थे। आज 2024 में अति भयानक सुधार के साथ किया आंकड़ा 26.4 प्रतिशत है। देश के आज भी 50 फीसदी छात्र गणित से जूझ रहे हैं। और 2024 में कैसी हो हमारी शिक्षा इसी विषय पर आज हमारे साथ लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी की महिला प्रकोष्ठ से डाॅ. शिवा श्रीवास्तव ताई ने मोबाइल वाणी से जुड़कर अपने प्रतिक्रिया मोबाइल वाणी के साथ साझा की।