बिहार के जिला जमुई,प्रखण्ड सिकंदरा से विजय कुमार सिंह जी मोबाईल वाणी के माध्यम से बता रहे है कि आये दिन महिलाओं पर हमले हो रहे है। आज के ज़माने में महिलायें घरों में भी सुरक्षित नहीं है।घरो में भी महिलाओं पर जुल्म और कई प्रकार के अत्याचार किये जाते है।कामकाजी महिलाओं को तो घर से बाहर निकलते ही तरह-तरह की दुश्वारियों से गुजरना पड़ता है।आज इन सारी परेशानियों से निजात दिलाने के लिए कोई भी महापुरुष या कोई बड़ा राजनेता एक सशक्त कदम उठाने के बजाय अपनी राजनीति की रोटी सेकने में लगे हुए है।कई कवियों ने महिलाओं पर हो रहे अत्याचार को अपनी कविताओं के जरिये दर्शाया है।लेकिन इसका समाज के ऊपर कोई असर नहीं हुआ।आज पुरुषों को महिलाओं के प्रति अपनी मानसिकता बदलनी होगी। और यह समझना होगा की महिलायें किसी भी मामले में उनसे कमजोर नहीं है।

बिहार के जिला जमुई,प्रखण्ड सिकंदरा से विजय कुमार सिंह जी मोबाईल वाणी के माध्यम से बता रहे है कि जमुई मुख्यालय में बीते दो दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश से शहर की सड़को और मुहल्ला में पानी भर गया है।बारिश के कारण कृष्णपट्टी का सम्पर्क शहर से टूट गया है।एक तरफ विकास को लेकर नगर परिषद तारीफों की झड़ी लगा देता है,परन्तु बड़ा सवाल यह है की बरसात के दिनों में खस्ताहाल सड़को से पानी की निकासी के लिए निगम क्यों नहीं कोई कदम उठा रहा है।क्यों शहरवासियों को हो रही परेशानियों के बावजूद भी नगर परिषद इस मसले से निपटने में असफल साबित हो रहा है।शहर के कई मोहल्ले अभी भी जल-मग्न है।

ज्योति कुमारी,जिला जमुई के सिकंदरा प्रखंड से मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती है कि विज्ञान को अभिशाप बनने नहीं देना चाहिए।विज्ञान का यह युग समाज में वरदान के साथ साथ अभिशाप भी है।आवश्यकता की पूर्ति और विकास की दौड़ में इतना प्रदुषण फैलाया जा रहा है की खुली हवा में जीवन दिन प्रतिदिन मुश्किल होता जा रहा है।कल-कारखानों से निकलने वाला भारी कार्बनडाईऑक्साइड की वजह से गोलबवार्मिंग का भी खतरा विश्वव्यापी हो गया है।वही दूसरी ओर पेड़ों की अंधाधुंध कटाई जारी है।पर्यावरण को बचाना हमारी जिम्मेवारी है इसलिए जहाँ भी हम पेड़ों की कटाई करते है वहाँ कम से कम दो पेड़ अवश्य लगाना चाहिए।इसलिए इनका कहना है की आस-पास के वातावण को स्वच्छ रखना चाहिए क्योकि वृक्षरोपण एक ऐसा माध्यम है जिसके जरिये हम विज्ञान को अभिशाप बनने से रोक सकते है।

ज्योति कुमारी,जिला जमुई के प्रखंड सिकंदरा से मोबाईल वाणी के माध्यम से बता रही है कि हमें कपड़े से बने थैले का इस्तेमाल करना चाहिए। प्रदूषण का ख्याल हमें अक्सर तब आता है जब हम इसकी वजह से बीमार पड़ते है।प्लास्टिक का इस्तेमाल तरह-तरह की बिमारियों का मुख्य वजह है।मानव की जाने-अनजाने क्रियाकलापों की वजह से वायुमंडल प्रदूषित हो रहा है।वही समय पर वर्षा कम होना एक प्रकार की चेतावनी जैसी है।हमारी नदियाँ भी इस प्रदूषण का शिकार हो चुकी है।जहाँ-तहाँ कचरे का ढ़ेर दिखाई देता है और इन कचड़ो में सबसे ज्यादा हानिकारक प्लास्टिक है । इसलिए प्लास्टिक के थैले का बहिष्कार करना चाहिए और कपड़े से बनी थैली का इस्तेमाल करना चाहिए।

जिला जमुई प्रखंड सिकंदरा से विजय कुमार जी मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि देश में मौजूदा कृषि संकट का ईलाज कृषि बाजार में बड़े सुधार के अंदर है,ना की कर्ज माफ़ी और सब्सिडी जैसे कदम में।असली मसला यह है कि दिन प्रतिदिन किसानों की कृषि लागत बढ़ रही है तब तमाम रियायतो के मिलने के बावजूद भी किसान अपनी उत्पादन का वाज़िब मूल्य नहीं हासिल कर पा रहे है।ऐसे में जिला कृषि बाजारो में सुधार में निहित,सरकार के भीतर कृषि विभाग का मुख्य फोकस खेती ,किसानी ही रहा है।वे मुख्य रूप से खाद,बीज और कीटनाशक की उपलब्धता को संभालते रहे है।खेती में अगर समय से सब कुछ ना हो तो उसका कोई अर्थ नहीं रहता।तकनिकी तरक्की के कारण आज इनपुट मैनजमेंट ज्यादा मुश्किल नहीं रह गया है।असली मक़सद यह है की किसानों को उनकी पैदावार के सही मूल्य मिले

जिला जमुई प्रखंड सिकंदरा से विजय कुमार जी मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि सरकार द्वारा शुरू किया गया स्वच्छता अभियान देश को कुछ हद तक स्वच्छ करने में कामयाब हो गया हो।पर अभी भी कई ऐसे लोग है जो किसी भी राष्ट्रीय दिवस पर महज इसलिए झाड़ू उठाते है की उनकी तस्वीर मीडिया में आ जाये। उसके बाद वह झाड़ू अगले साल ही उठते है।इन दिनों अच्छी-खासी बारिश हो रही है प्रशासन की ओर से नालियों की सफ़ाई भी की जा रही है।जिससे जनता को मुश्किलों का सामना ना करना पड़े।पर गंदगी की सबसे बड़ी वजह आम लोगो का रवैया है जो कि अपने घर व दुकानों का कचड़ा वे यु हीं सड़को व नालियों पर फेंक देते है।इससे नालियां स्वाभाविक रूप से जाम हो जाती है।फिर जनता लगती है सरकार को कोसने की उसने कोई काम नहीं किया।क्या यह देश के हर नागरिक की जिम्मेदारी नहीं है की वह घर व आस-पास की साफ-सफाई खुद करे।जब तक हर एक नागरिक इस कार्य में सहयोग नहीं करेगा तब तक स्वच्छता का सपना अधूरा ही रहेगा।

विजय कुमार सिंह,जिला जमुई के सिकंदरा प्रखंड से मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि जनसँख्या वृद्धि पर नियंत्रण करना चाहिए।आज देशों की जनसँख्या लगभग सात अरब से ज्यादा है जिसमें अकेले भारत की जनसँख्या सवा अरब से भी अधिक है।आजादी के समय अपने देश की जनसँख्या मात्र तैतीस करोड़ थी जो सत्तर सालों में चार गुना बढ़ गई है।इसका कारण है परिवार नियोजन के कमजोर क्रियानवयन,अशिक्षा,स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता की कमी,अन्धविश्वाश और विकासात्मक असंतुलन के कारण यह समस्या गंभीर बनती जा रही है।इसलिए यह सरकार के लिए चिंता का विषय है क्योकि अबतक की सरकारे इन तथ्यों को दरकिनार करती आई है लेकिन अब देश की बढ़ती जनसंख्या पर नियंत्रण लगाने की जरुरत है।

जिला जमुई प्रखंड सिकंदरा से विजय कुमार मोबाइल वाणी के माध्यम से जानकारी दे रहे है कि केंद्र सरकार की कैबिनेट मीटिंग में पांचवी से लेकर आठवीं कक्षा तक के बच्चों को फेल ना करने की नीति को ख़त्म करने की मंजूरी दे दी गयी है।ज़ाहिर है अब शिक्षा के अधिकार कानून में संशोधन किया जायेगा।केंद्र सरकार का यह फैसला सराहनीय है।क्योंकि विद्यार्थी अक्सर यह सोचते है की वे नहीं पढ़ेंगे तब भी पास हो ही जायेंगे।पर अब यह नहीं होगा विद्यार्थियों को पढ़ना होगा तभी वे सही मायने में तरक्की कर पाएंगे।हालाँकि सिर्फ इसी नीति के बुते देश में शिक्षा की तस्वीर ठीक नहीं हो सकती है।जब तक अच्छे शिक्षकों की कमी बनी रहेगी तब तक शिक्षा व्यवस्था दुरुस्त नहीं होगी।बच्चों को फेल करे लेकिन देश का शैक्षणिक माहौल को भी बेहतर करे।इसके आलावा समान शिक्षा नीति पर भी जोर देने की जरुरत है

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जिला जमुई प्रखंड सिकंदरा से विजय कुमार सिंह जी मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे है की इन दिनों वीडियो गेम में ब्लू वेल गेम की तूती बोलना खतरे की घंटी है।अपने देश में इससे मौत का मामला सामने आया है।हमें समझना होगा की ऑनलाइन गेम में फँसना खुद का नुकसान करना है,गेम चाहे कोई सा भी हो।आज मुश्किल यह है की बच्चे तो बच्चे बड़े भी गेम के पीछे पागल रहते है,और यही वजह है की ब्लू वेल जैसे खतरनाक गेम में फँस जाते है।जब बड़े ही गेम खेलते रहेंगे तो भला वे बच्चो को इससे कैसे दूर रख सकते है।गेम ने बच्चो को आजकल की दुनिया से अलग कर दिया है।वे अपने ही दुनिया में मग्न रहते है यह आभासी दुनिया ख़त्म होनी चाहिए।इसके लिए जरुरत है की बच्चो को स्कुल से ही इसके बारे में जानकारी दी जाए।