जेंडर हिंसा के खिलाफ चल रहे हमारे इस कार्यक्रम बदलाव का आगाज़ में आज सुनिए यशस्विनी जी को, जो जेंडर आधारित हिंसा पर कानूनी मामलों की जानकार हैं। यशस्विनी जी का कहना है कि अगर हिंसा है तो उसे करने वालों के खिलाफ कार्रवाई का कड़ा प्रावधान भी है. बस जरूरत है तो... कदम बढ़ाने की!

दोस्तों, अगर गौर किया जाए तो हमारे आसपास होने वाली छोटी—बड़ी लड़ाईयों, झगड़ों, बहस और नाखुशी के पीछे की वजह अधिकारों का हनन है। महिला है तो उससे आत्मनिर्भर बनने का अधिकार छीन लिया जाता है, बच्चा है तो पढने का, किसी से जाति के नाम पर तो किसी से गरीबी के नाम पर अधिकारों का हनन जारी है और यही है फसाद की वजह। आज जब हम 10 दिसंबर को मानव अधिकार दिवस मना रहे हैं तो फिर एक बार इस विषय पर बात करना जरूरी हो जाता है

संविधान और भारत के लोग कार्यक्रम विषय में जागरूक नागरिक हिरामन महतो का इंटरव्यू

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संविधान द्वारा प्रदत्त अधिकारों को हासिल करने के लिए शिक्षा व जागरूकता जरूरी है

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दल बदलू नेताओं के बारे में एक व्यवसाई का इंटरव्यू।

झारखंड राज्य के पेटरवार प्रखंड से मिथिलेश करमाली कहते हैं कि झारखण्ड मजदूर एक्टू यूनियन का बैठक सम्मेलन हुई। बैठक में यूनियन के अध्यक्ष एवं सचिव मौजूद थे

कोई भी जागरूक नागरिक यह जानता है कि लोकतंत्र में वोट की क्‍या कीमत है. वोट का अधिकार ही वह बुनियादी अधिकार है, जो लोकतंत्र में हमारी हिस्‍सेदारी और हमारे नागरिक अधिकारों को सुनिश्चित करता है। दुनिया भर की महिलाओं को यह अधिकार लंबी लड़ाई के बाद हासिल हुआ है।

झारखंड राज्य के बोकारो जिला से मोबाइल वाणी संवाददाता जे.एम रंगीला ने हिरामन महतो से साक्षात्कार लिया जिसमें उन्होंने बताया की बिहार में जो जति आधारित जनगणना किया गया वो बहुत ही बेहतरीन है। यह जनगणना पुरे देश में होना चाहिए। खबर को सुनने के लिए ऑडियो पर क्लिक करें। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा जातियां आधारित जनगणना कराने के बाद राजनीतिक दलों में उबाल आ गया है इसी मुद्दे पर एक नागरिक का इंटरव्यू