प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विपक्ष पर बोला हमला,कहा भ्रष्टाचारियों को भेजेंगे जेल।

डुमरी विधानसभा से जयराम महतो एवं इंद्रजीत कुमार ने किया नामांकन

बिरंची नारायण को तीसरी बार भाजपा प्रत्याशी बनाए जाने पर ,भाजपाईयों ने जैनामोड़ में गाजे बाजे के साथ किया स्वागत्।

नए नए आजाद हुए देश के प्रधानमंत्री नेहरू एक बार दिल्ली की सड़कों पर थे और जनता का हाल जान रहे थे, इसी बीच एक महिला ने आकर उनकी कॉलर पकड़ कर पूछा कि आजादी के बाद तुमको तो प्रधानमंत्री की कुर्सी मिल गई, जनता को क्या मिला, पहले की ही तरह भूखी और नंगी है। इस पर नेहरु ने जवाब दिया कि अम्मा आप देश के प्रधानमंत्री की कॉलर पकड़ पा रही हैं यह क्या है? नेहरू के इस किस्से को किस रूप में देखना है यह आप पर निर्भर करता है, बस सवाल इतना है कि क्या आज हम ऐसा सोच भी सकते हैं?

समाज कि लड़ाई लड़ने वाले लोगों के आदर्श कितने खोखले और सतही हैं, कि जिसे बनाने में उनकी सालों की मेहनत लगी होती है, उसे यह लोग छोटे से फाएदे के लिए कैसे खत्म करते हैं। हालांकि यह पहली बार नहीं है जब कोई प्रभावशाली व्यक्ति ने इस तरह काम किया हो, नेताओं द्वारा तो अक्सर ही यह किया जाता रहा है। हरियाणा के ऐसे ही एक नेता के लिए ‘आया राम गया राम का’ जुमला तक बन चुका है। दोस्तों आप इस मसले पर क्या सोचते हैं? आपको क्या लगता है कि हमें अपने हक की लड़ाई कैसे लड़नी चाहिए, क्या इसके लिए किसी की जरूरत है जो रास्ता दिखाने का काम करे? आप इस तरह की घटनाओं को किस तरह से देखते हैं, इस मसले पर आप क्या सोचते हैं?

भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश महामंत्री रुपेश सिन्हा और मनीष दुबे का पेटरवार तेनु चौक पर पेटरवार प्रखंड भाजयुमो के प्रखंड अध्यक्ष पिंटू महतो और महामंत्री रौनक प्रसाद की ओर से अंगवस्त्र देकर स्वागत किया गया. ये प्रदेश महामंत्री पार्टी के कार्यक्रम में शामिल होंने के लिए रांची से जामताड़ा जा रहे थे. इस दौरान कुछ देर के लिए पेटरवार तेनु चौक पर रुके थे जहां उनका स्वागत किया गया. इस मौके पर मुख्य रूप से पेटरवार प्रखंड भाजपा  अध्यक्ष रवि शंकर जायसवाल भी मौजूद थे.

आक्रोश रैली को सफल बनाने को लेकर रांची रवाना हुए भाजपाई

झारखण्ड राज्य के बोकारो जिला से मोबाइल वाणी संवाददाता जे.एम.रंगीला ने बताया कि राज्यसभा सांसद खीरू महतो को राज्यसभा में जदयू के संसदीय दल का सचेतक बनाया गया है। झारखंड में जदयू के नेताओं ने पार्टी के सचेतक की नियुक्ति पर हर्ष व्यक्त किया। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

पेटरवार स्थित विवाह मंडप में बुधवार को भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी बोकारो जिला परिषद की ओर से   आंदोलनात्मक कार्यक्रमों को निर्धारित करने को ले कर  तथा आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारी के लिए एक दिवसीय बैठक की गयी. अध्यक्षता आईडी सिंह ने की. बैठक में रिपोर्ट पेश करते हुए पार्टी के जिला सचिव पंचानन महतो ने कहा कि अखिल भारतीय किसान समन्वय समिति के आह्वान पर आगामी 1 सितंबर को आयोजित होने वाले मांग दिवस के कार्यक्रम को बोकारो में आगामी 5 सितंबर को बोकारो समाहरणालय के समक्ष आयोजित करने का प्रस्ताव दिया. जिसे बैठक ने स्वीकार कर लिया. बैठक में विचारोंपरान्त  सभी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने का भी निर्णय लिया गया.  बैठक को संबोधित करते हुए कहा भाकपा नेता एवं झारखंड आंदोलनकारी इफ्तेखार महमूद ने कहा कि आईपीसी, सीआरपीसी तथा सक्ष्य अधिनियम के जगह पर वर्तमान केंद्र सरकार ने मनमानी ढंग से जो नया न्याय संहिता (कोड) 1 जुलाई 2024 से प्रभावित किया है-उस न्याय संहिता से न्यायपालिका कमजोर हो गई और सरकार के नियंत्रण में काम करने वाली पुलिस विभाग को असीमित अधिकार मिल गया है. कहा कि नया कानून के अंतर्गत किसी भी मुकदमा में जमानत के बाद भी पुलिस को हिरासत में लेने का अधिकार मिल गया है।.श्री महमूद ने कहा कि जमानत होने के बाद भी हिरासत में लेने का पुलिस को मिल गयी शक्ति से जमानत और न्यायपालिका का कोई महत्व ही नहीं रहा जाता है. उन्होंने बतलाया कि 7 साल से कम सजा होने वाली धाराओं में मुकदमा दर्ज करने की थानेदार की बाध्ययता को समाप्त कर उसके मर्ज़ी पर छोड़ दिया गया है. श्री महमूद ने बतलाया कि 1जुलाई से लागू नया आपराधिक कानून जन आंदोलनो को कुचलने का एक हथियार है.  बैठक को आफताब आलम, सत्येंद्र कुमार, दिवाकर महतो, शाहजहां, महेंद्र मुंडा, आईडी सिंह इत्यादि ने संबोधित करते हुए बोकारो जिला में पार्टी को और सशक्त बनाने और जबरदस्त आंदोलन करने  पर प्रकाश डाला. बैठक में आनंद कुमार सिंह, राधेश्याम राम, दशरथ मांझी, चुम्बन महतो, सोमर मांझी, देवानंद प्रजापति, महादेव महतो, सरजू महतो, प्रदुमन सोनी, शकीरा बानो, मुकुंद साव इत्यादि मुख्य रूप से उपस्थित थे.

भारतीय संविधान किसी के आर्टिकल 14 से लेकर आर्टिकल 21 तक समानता की बात कही है, इस समानता धार्मिक आर्थिक राजनीतिक और अवसर की समानता का जिक्र किया गया है। इस समानता किसी प्रकार की जगह नहीं है और किसी को भी धर्म, जाति और समंप्रदाय के आधार पर कोई भेद नहीं किये जाने का भी वादा किया गया है। उत्तर प्रदेश सरकार के हालिया फैसले में साफ तौर पर देखा जा सकता है कि वह धर्म की पहचान के आधार भेदभाव पैदा करने की कोशिश है।दोस्तों आप इस मसले पर क्या सोचते हैं? क्या आप सरकार के फैसले के साथ हैं या फिर इसके खिलाफ, जो भी हो इस मसले पर आपकी क्या राय है? आप इस मसले पर जो भी सोचते हैं अपनी राय रिकॉर्ड करें