पेटरवार के पोरदाग स्थित चिल्ड्रन पाराडाइज पब्लिक स्कूल में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के उपलक्ष पर कक्षा एक से आठ तक की विज्ञान प्रदर्शनी शुक्रवार को लगायी गयी. जिसमें बच्चों ने 41 तरह के मॉडल प्रस्तुत किए.  इस अवसर पर  प्राचार्य विकास कुमार ने विद्यार्थियों से गहन प्रश्न पूछे जिनका विद्यार्थियों ने सटीक जवाब दिए. इस मौके पर  प्राचार्य ने कहा कि विज्ञान प्रदर्शनी विद्यार्थियों में विज्ञान पढ़ाने का सरल जरिया है जो विद्यार्थियों के दिल में गहन जगह बना लेता हैं. प्रयोग द्वारा आसानी से सीख सकते हैं. इस अवसर पर उन्होंने सभी भाग लेने वाले विद्यार्थियों को बधाई दी तथा कहा कि भविष्य में सभी विद्यार्थी कक्षा एक से आठ के विज्ञान प्रदर्शनी में भाग ले तो सबसे सुंदर कार्य होगा. इस अवसर पर प्रदर्शनी देखने आये अभिभावकों ने विज्ञान प्रदर्शनी केलिए छात्र छात्राओं की सराहना किया.  इस मौके पर विज्ञान विषय के हेड ऑफ़ डिपार्टमेंट अमित कुमार ने मॉडल बनाने वाले विद्यार्थियों से अनेक सवाल पूछे. इस मौके पर निर्णायक मंडल ने कक्षा आठ की स्वीटी एंड ग्रुप का एसिड रेन माडल सर्वश्रेष्ठ घोषित किया गया. जो ईमारतों पर किस प्रकार से नुकसान पहुंचा रहा है इससे सम्बंधित था. दूसरे स्थान पर हैड्रॉलिक जेसीबी चुना गया. तीसरे स्थान पर कक्षा छह से प्रियांशु, आलिया एवं ग्रुप सूर्य एवं चंद्र ग्रहण पर आधारित प्रयोग अति सराहनीय रहा. उन्होंने बॉल और टॉर्च की सहायता से पृथ्वी सूर्य के चारो ऒर परिक्रमा का मॉडल प्रदर्शित कर रखा था.  प्रदर्शनी में हाइड्रोलिक सिस्टम, स्वच्छ वातावरण, सोलर सिस्टम, पवन चक्की, पवन चक्की से बनने वाली बिजली को बहुत सुंदर ढंग से दर्शाया था. मौक़े पर विद्यालय के अध्यक्ष ब्रजेश कुमार मिश्रा, अभिषेक कुमार सिन्हा, अमित कुमार सिन्हा, सिंटू कुमार, अर्चना कुमारी, अनु कुमारी, समायरा परवीन, पूजा सिंह, कंचन कुमारी, दीपचंद प्रसाद,निकहत फिरदोस,नीतू सिन्हा, परमीला कुमारी, शिवदयाल महतो, अरविन्द कुमार, काजोल प्रसाद,अबोध गुरु सहित समस्त शिक्षक एवं शिक्षिकायें व अभिभावक उपस्थित थे.

झारखण्ड शिक्षा परियोजना परिषद स्कूली शिक्षा में मुखिया की भागीदारी को लेकर प्रखंड सह अंचल कार्यालय के सभागार में गुरुवार को एक दिवसीय मुखिया सम्मेलन का आयोजन बीआरसी पेटरवार की ओर से किया गया. सम्मेलन का उद्घाटन बीडीओ संतोष कुमार महतो, अतिरिक्त जिला कार्यक्रम पदाधिकारी उदय कुमार सिंह एवं मुखिया जनप्रतिनिधियों ने दीप प्रज्वलित कर संयुक्त रूप से किया. बीडीओ ने कहा कि राज्य में निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत शिक्षा के विकास हेतु पंचायती राज संस्थान के प्रतिनिधियों को अत्यंत ही महत्वपूर्ण जिम्मेवारी दी गयी है. ग्राम स्तर पर मुखिया पंचायती राज संस्थान का प्रमुख प्रतिनिधि है. प्रारंभिक विद्यालयों के विद्यालय प्रबंधन समिति में पंचायती राज संस्थान के प्रतिनिधि को शामिल किया गया है. विद्यालय के सुचारू रूप से संचालन में इनकी अहम भूमिका है. देखा गया है कि जिस पंचायत के विद्यालयों का देखभाल पंचायत के मुखिया द्वारा किया जाता है, वैसे विद्यालयों में व्यवस्था व गुणवत्ता देखने को मिलता है. कहा कि निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 एवं नई शिक्षा नीति का प्रमुख उद्देश्य 3-18 आयु वर्ग के बच्चे को स्कूली शिक्षण व्यवस्था से जोड़ते हुए स्कूली शिक्षा पूर्ण कराना है. निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा-अधिकार अधिनियम के तहत मुखिया को कई दायित्व सौपे गए हैं. सौपे गए अधिकार के तहत अपने क्षेत्राधीन 6-14 आयु वर्ग के सभी बच्चों का ग्राम शिक्षा रजिस्टर तैयार करना, प्राथमिक शिक्षा बीच में छोड़ने वाले बच्चों को चिन्हित कर उनका नामांकन पुनः विद्यालय में कराना, बच्चों को दी जाने वाली सुविधाओं का वितरण एवं मध्याहन भोजन वितरण का निरीक्षण करना, प्रारंभिक शिक्षा के लिए स्कूलों का सामाजिक अंकेक्षण एवं ग्राम सभा का आयोजन करना, क्षेत्र में  स्थित विद्यालयों का निरीक्षण करना एवं निरीक्षण टिप्पणी विद्यालय प्रबंधन समिति को उपलब्ध कराना, प्रारंभिक विद्यालयों के शिक्षकों (पारा शिक्षकों सहित) की नियमित उपस्थिति का निरीक्षण करना, विद्यालय में यह सुनिश्चित करना कि किसी भी बालक -बालिका के साथ से जाति, वर्ग, धार्मिक या लिंग संबंधी विभेद पैदा नहीं हो सके. बैठक में विभिन्न पंचायतों के मुखिया, बीपीओ इकबाल अतहर वारसी, कस्तूरबा गांधी उच्च विद्यालय के वार्डेन पूनम कुमारी, कम्प्यूटर ऑपरेटर कुमार कौशलेश सहित अन्य उपस्थित थे.

किसी भी सही विश्लेषण के लिये द्विपक्षीय संवाद का होना अतिआवश्यक है चाहे मसला कोई भी हो। किसी भी विकास का उदय तब होता है जब दो पक्ष आमने सामने हो। जरूरतों के हल को ही आविष्कार का हल माना जाता है।यही आधुनिकता के लिये महत्पूर्ण वजह है।

शिक्षा में मानसिक विकास साथ साथ शारीरिक विकास का भी होना जरूरी है। तब जाके मनुष्य का पूर्ण विकास होता है।

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बाल संस्कार केन्द्र द्वारा अक्षर ज्ञान के साथ साथ भारतीय संस्कृति का ज्ञान दिया जा रहा है। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

जी हाँ साथियों, शिक्षा का मानव जीवन में एक अलग महत्व है. शिक्षा ही एक मात्र ऐसा हथियार है जो न सिर्फ एक व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाता है बल्कि समाज को एक सही रास्ता भी दिखाता है। शिक्षा से समाज में फैले अंधकार को मिटाया जा सकता है। शिक्षा हर वर्ग के लोगों के लिए जरूरी है. हरेक वर्ग को शिक्षा के महत्व को समझाने के उद्देश्य से विश्व साक्षरता दिवस मनाया जाता है।दुनिया भर में साक्षरता दर को बढ़ावा देने के उदेश्य से और सभी को शिक्षा के प्रति जागरूक करने के लिए यूनेस्को ने 7 नवंबर 1965 में इस दिन को मनाने का पहल किया। इसके बाद 8 सितंबर 1966 को पहली बार विश्व साक्षरता दिवस मनाया गया और तब से लेकर हर वर्ष 8 सितंबर को साक्षरता दिवस मनाया जाता है. तो साथियों, आइये हम सब मिलकर शिक्षा के प्रति लोगों को जागरूक करने का प्रण लें और इस पहल में अपना योगदान दें। आप सभी श्रोताओं को समस्त मोबाइल वाणी परिवार की ओर से विश्व साक्षरता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ।

सरकार द्वारा लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं के लिए एक तिहाई सीट आरक्षित करने और गांवों में पीएम आवास योजना के तहत 70 प्रतिशत से ज्यादा मकान महिलाओं को देने से देश में महिलाओं की गरिमा बढ़ी तो है। हालांकि, इन सबके बावजूद कुछ ऐसे कारण हैं जो महिलाओं को जॉब मार्केट में आने से रोक रहे हैं। भारत में महिलाओं के लिए काम करना मुश्किल समझा जाता है. महिलाएं अगर जॉब मार्केट में नहीं हैं, तो उसकी कई सारी वजहें हैं, जिनमें वर्कप्लेस पर काम के लिए अच्छा माहौल न मिल पाना भी शामिल है . दोस्तों, हर समस्या का समाधान होता है आप हमें बताइए कि *----- नौकरी की तलाश में महिलाओं को किन-किन समस्याओं का सामना करना पड़ता है। *----- आपके अनुसार महिलाओं के नौकरी से दूर होने के प्रमुख कारण क्या हैं? *----- महिलाओं को नौकरी में बने रहने के लिए क्या कदम उठाए जा सकते हैं?

धनबाद विभाग द्वारा आयोजित विभाग स्तरीय प्रश्नमंच के वैदिक गणित बाल वर्ग में पूज्य तपस्वी श्री जगजीवन जी महाराज ज्योति सरस्वती शिशु विद्या मंदिर, पेटरवार के छात्रों ने प्रथम स्थान प्राप्त किया. जिन्हें विद्यालय में पुरस्कार दे कर सम्मानित किया गया.  इस विद्यालय के कक्षा सप्तम के भैया ओम कुमार, भैया सुमित कुमार एवं भैया आर्यन कुमार प्रसाद ने सामूहिक रूप से सरस्वती शिशु मंदिर कस्तूरबा श्री विद्या निकेतन ढोरी में आयोजित धनबाद विभाग के विभाग स्तरीय प्रश्नमंच के वैदिक गणित (बाल वर्ग) में प्रथम स्थान प्राप्त कर विद्यालय का नाम रौशन किया. विद्यालय की ओर से प्रभारी सुरेश साव एवं वैदिक गणित के आचार्य राजीव रंजन मिश्रा ने इन विद्यार्थियों को पुरुस्कार देकर सम्मानित किया एवं उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए प्रान्त स्तरीय प्रश्नमंच में भी सफलता प्राप्त करने का आशीर्वाद दिया.  इनकी सफलता में विद्यालय के अन्य सभी आचार्य एवं दीदी जी का भी भरपूर सहयोग रहा.

झारखंड राज्य के बोकारो जिला से मोबाइल वाणी संवाददाता नरेश महतो जानकारी दे रहे हैं कि विद्यासागर हाई स्कूल दुग्दा में एक सम्मान समारोह आयोजित किया गया और मेधावी छात्रों को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि ने कहा कि शिक्षा के बिना मानव जीवन अधूरा है और इसलिए बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दी जानी चाहिए।