बोकारो पुलिस लाइन स्थित फोरलेन से सप्तनपुर तक जाने वाली सड़क वर्षों से अंधेरी और सुनसान रहती थी। लेकिन समाजसेवी रतन लाल लाइक राजेश सिंह मृत्युंजय, जी. एन. के. पी. सिंह और अन्य लोगों ने जर्जर सड़क को रोशन करने के लिए खुद आर्थिक रूप से मदद कर लाइट की व्यवस्था की। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।
प्राकृतिक सौंदर्यता जीवन कल के विभिन्न परिस्थितियों पर आश्रित है।
पर्यावरण को गति ही आनंदित करती है जैसे लहराते खेत खलियान, झूमता बारिश, सरसरती हवाये, खुशनुमा बाग बगीचे इत्यादि जो हमें काल्पनिक दुनिया से वास्तविक दुनिया का अनुभूति करती हे। जो हर लोगों को आनंदित करती है।
झारखंड में 28,404 उधोगों के संचालन की है अनुमति, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने दी है स्वीकृति।उद्योगों के संचालन के लिए कुल 52780 आवेदन प्राप्त हुए जिनमें से चौदह हजार बावन आवेदन अस्वीकार कर दिए गए।
जे एल के एम का वनभोज सह कार्यकर्ता मिलन समारोह सम्पन्न।विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।
बोकारो स्टील प्लांट में हुई दुर्घटना में ठेकाकर्मी की मौत, आश्रित को नियुक्ति पत्र मिला। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।
ऊर्जा का श्रोत कभी नहीं मरता, इसलिए प्राकृति को बचना अतिआवश्यक है, जिसतरह प्राकृति नहीं मरणशील उसी प्रकार ऊर्जा। यही ऊर्जा के अविनाशिता सिद्धांत है।
विश्व मंच पर भारत का अभिन स्थान होने का एक प्रमुख कारण ये हे कि हम प्रकृति को जीवन में अमूल्य स्थान देते हे।
रक्षा क्षेत्र में युवाओं के लिए बहुत सारे विकल्प खुले हुए हे। इनमें मुख्यतः तीन मंत्रालय कार्यग्रत हे रक्षा मंत्रालय , गृह मंत्रालय और निजी क्षेत्र के रक्षा विभाग।
कोई भी सोच टेक्नोलॉजी के विरुद्ध बातों को नहीं रखते, बस फर्क इतना होता है मानव के मस्तिष्क का उपयोग कम न हो। पूर्ण ऑटोमेटेड टेक्नोलॉजी में मानव प्रयत्न कभी कम होता हे। बहुत कम लोग ये मल्टीटास्किन हो पाते है।टेक्नोलॉजी एक समुद्र के भाती काम करते हे। अगर आप आय के लिए इस्तेमाल करना चाहते हैं, तो उसमें व्यवसाय के अनंत उपाय हैं, अगर उसे आप सामाजिक दूरियां मिटाने के लिए इस्तेमाल करना चाहते हैं तो अनगिनत विकल्प है। इसे किसी विचार जोड़ना उचित नहीं होता। विकास के लिए आवश्यक हे। परन्तु मुख्यतः लोग उसपर लोग या तो सामाजिक या फिर उसे व्यवसाय से जोर पाते हे। बस फर्क इतना होता हे की आपका सोच कैसा है।