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बोकारो जिला से सुमंत कुमार मोबाइल वाणी के माधयम से बताते है कि नावाडीह प्रखंड के गुंजाडीह पंचायत स्थित नव प्राथमिक विद्यालय में आज 58 छात्र एवं छात्राओं के बीच दो-दो सेट पोशाक का वितरण किया गया।इस मौके पर नावाडीह के प्रमुख पूनम देवी और मुखिया रीना देवी उप मुखिया और वार्ड सदस्य ने मिल कर पोशाक का वितरण किया।इस मौके पर विद्यालय प्रबंधन समिति के अध्यक्ष,उपाध्यक्ष सहित दर्जनों की संख्या में महिला और पुरुष मौजूद थे।
झारखण्ड राज्य के जिला बोकारो प्रखंड नावाडीह से सुमंत कुमार जी मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि शिशु विधा मंदिर के प्रांगण में आगामी 18 दिसंबर को खेल प्रतियोगिता है आयोजन किया जायेगा।11 स्कूलों के विद्यार्थी इस खेल प्रतियोगिता में भाग लेंगे।इसमें फुटबॉल ,खो खो ,कबड्डी ,वॉलीबाल और हॉकी जैसे खेल शामिल किये गए है। इस खेल प्रतियोगिता में मुख्य अतिथि के रूप जगरनाथ महतो रहेंगे।दोस्तों इनकी तरह कोई जानकारी या किसी विषय पर अपना विचार मोबाइल वाणी के साथ बाँटना चाहते हैं ,तो मिस्ड कॉल जरूर करें निःशुल्क नंबर
झारखण्ड राज्य के जिला बोकारो प्रखंड नावाडीह से सुमंत कुमार जी मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि दिन में औसतन फाटक दस घंटे रहता है बंद ,फिर भी ओवरब्रिज की योजना नहीं है।एक मालगाड़ी या ट्रेन गुजरने पर फाटक दस से पंद्रह मिनट तक बंद रहता है। रेलवे के अनुसार रोजाना 32 माल गाडी व अन्य गाड़िया गुजरती है ऐसे में अगर दस और पंद्रह मिनट समय लगे तो चालीस गाड़ियों को पार कराने के दौरान दस घंटे तक फाटक बंद ही रहता है। इसके बाद भी प्रशासन और रेलवे विभाग भूमिगत रेल या ओबरब्रिज बनाने पर ध्यान नहीं दे रहा है।
जिला बोकारो के नवाडीह प्रखंड से सुमंत कुमार मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है की उत्क्रमित उच्य विद्यालय सह मध्य विद्यालय गुंजरडीह में आठवीं के छात्र-छात्राओं को विद्यालय के प्रधानाध्यापिका के द्वारा साईकल का वितरण किया गया।इस मौके पर विद्यालय प्रबंधन के सभी सदस्य तथा विद्यालय के शिक्षकगण एवं छात्र-छात्राएं मौजूद थे
बोकारो जिला से सुमंत कुमार मोबाइल वाणी के माधयम से बताते है कि गुंजाडीह पंचायत के उच्च विद्यालय और मध्य विद्यालय में बच्चों के मध्य निःशुल्क पोशाक एवं छात्रवृति राशि का वितरण किया गया।कक्षा 1 से ले कर कक्षा 8 के छात्र एवं छात्राओं के बीच प्रमुख पूनम देवी और मुखिया रीना देवी ने मिल कर पोशाक का वितरण किया।इसके साथ ही वर्ग १ के छात्र एवं छात्राओं के मध्य छात्रवृति 500 रूपये की राशि का भी वितरण किया गया।इस मौके पर स्कूल के प्रधानध्यापक राजेश महतो ने बच्चों से नियमित रूप से विद्यालय आने के लिए कहा।इस मौके पर विद्यालय प्रबंधन समिति के सदस्य आदित्य ठाकुर,सुमन देवी विद्यालय के सभी शिक्षक और छात्र एवं छात्राएं उपस्थित थे
बोकारो जिला से सुमंत कुमार मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते हैं कि पंचायती राज व्यवस्था केप्रांरभ होने से ग्रामीण क्षेत्रोँ के लोगों में एक उम्मीद की किरण दिखी थी।लेकिन पंचायत के प्रतिनिधि उनके उम्मीदों पर खड़ा नहीं उतर रहे।पंचायत के विकास के लिए सरकार करोड़ो रूपये आबंटित कर रही है,पर इस राशि का आपसी मेल-जोल से अपने निजी सुख सुविधा में खर्च किया जाता है।घोटाले बाजी अपनी चरम सीमा पर है।जिला स्तर से ले कर ब्लॉक अधिकारी तक राशियों का बँटवारा किया जाता है।गावँ के विकास के लिए इंदिरा आवास ,कुआँ निर्माण,पंचायत भवन निर्माण,आगनबाड़ी केंद्र तथा ऐसे कई चीज़ों के नाम पर राशि आती है। इन राशियों से सिर्फ अधूरा काम और अधूरा विकास किया जाता है।सिर्फ इसलिए की इस राशि को अधिकारी आपस में ही बंदरबांट कर लेते हैं।ऐसे हालत में गाँवो का विकास कहाँ से संभव है।जिन गरीबों के नाम बीपीएल सूची और इंदिरा आवास योजना के लिए होना चाहिए था उनकी जगह उन व्यक्तियों के नाम होते हैं जिनके पास पैसों और सुख सुविधाओं की कोई कमी नहीं होती है।इससे भी ज्यादा आश्चर्य की बात ये है की समाज के शिक्षित व्यक्ति भी सिर्फ तमाशबीन की तरह तमाशा ही देखते हैं।ऐसे में विकास होना असम्भव है।इस समस्या के समाधान के लिए सरकार को जनप्रतिनिधि के रूप में ईमानदार और शिक्षित व्यक्तियों को निगरानी हेतु निगरानी समिति का गठन हर गाँव में करना चाहिए।हर महीने में एक बार जनता दरबार के माध्यम से गावं के लोगों को सरकारी योजनाओं की जानकारी देनी चाहिए।इसके साथ ही ग्रामीणों की समस्याओं को जानना चाहिए और प्राथमिकता के रूप में उन समस्याओं का समाधान भी करना चाहिए।गावं में चल रही योजनाओ का भी निरिक्षण करना चाहिए और उसमे कोई गड़बड़ी मिलने पर तुरंत ही कार्यवाही की जानी चाहिए।ग्रामीणों के सुझाव एवं प्रतीकिर्याओं पर गंभीरता से विचार किया जाना चाहिए।
बोकारो जिला से सुमंत कुमार मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते हैं कि पंचायती राज व्यवस्था का सबसे पहले शुरुआत राजस्थान के नागोड़ से हुआ था।पंचायती राज के चुनाव से जनता को यह उम्मीद थी कि अब गाँवों में सर्वांगीण विकास होगा।लेकिन परिस्थिति पूर्णतः ही विपरीत है।पंचायत प्रतिनिधि अपने दायित्वों से पूरी तरह विमुख हैं।पंचायत प्रतिनिधि गावँ के विकास हेतु आयी राशि का प्रयोग अपने निजी स्वार्थ पूर्ति हेतु करते हैं।ये अधिकारी आपस में ही कागजी हेर-फेर कर करोड़ो की प्रदत राशि को मेल-जोल से गमन कर लेते हैं।
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