बिहार राज्य के समस्तीपुर जिला से मोबाइल वाणी संवाददाता जानकारी दे रहे हैं की तमाम प्रयास के बावजूद समेकित बाल विकास परियोजना अंतर्गत आंगनबाड़ी केंद्रों के संचालन में कोई सुधार नहीं हो रहा है। इस कारण आंगनबाड़ी केंद्रों से गर्भवती, धात्री माताओं सहित बच्चों को किसी भी प्रकार का कोई लाभ नहीं मिल रहा है। बताया जाता है कि अधिकतर आंगनबाड़ी केंद्र समय पर नही खुलते हैं। कुछ खुलते भी हैं तो उस पर बच्चों की किलकारियां सुनाई नहीं देती है। वहीं कई आंगनबाड़ी केंद्र का सरकारी भवन रहने के बावजूद सेविकाओं द्वारा अपने-अपने घरों पर आंगनबाड़ी केंद्र का संचालन किया जाता है। जहां उनके द्वारा जम कर मनमानी की जाती है। गढसिसई पंचायत के आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 141 पर बच्चों की उपस्थिति बहुत कम थी। सेविका सहायिका का कोई अता पता नहीं नहीं था। स्थानीय लोगों ने बताया कि केन्द्र कब खुलती और कब बंद होती है। किसी को कोई पता नहीं चलता है। बताया कि केंद्र से लाभुकों को किसी भी प्रकार का कोई लाभ नहीं मिलता है। ग्रामीणों ने बताया कि आंगनबाड़ी केंद्र का संचालन नियमानुसार नहीं होने से बच्चों को नाश्ता व भोजन नहीं मिल रहा हैं। ग्रामीणों ने आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि जब आंगनवाड़ी केंद्र से उन्हें कोई लाभ मिलता ही नहीं है तो इसे बंद ही कर देना चाहिए।