बीते दिनों महिला आरक्षण का बहुत शोर था, इस शोर के बीच यह भी ध्यान रखा जाना चाहिए की अपने को देश की सबसे बड़ी पार्टी कहने वाले दल के आधे से ज्यादा भू-भाग पर शासन होने के बाद भी एक महिला मुख्यमंत्री नहीं है। इन सभी नामों के बीच ममता बनर्जी इकलौती महिला हैं जो अभी तक राजनीति में जुटी हुई हैं। वसुंधरा के अवसान के साथ ही महिला नेताओं की उस पीढ़ी का भी अवसान हो गया जिसने पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय तक महिलाओं के हक हुकूक की बात को आगे बढ़ाया। यह सब ऐसे समय में हो रहा है जबकि देश में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण दिये जाने की बात की जा रही है। एक तरफ महिला नेताओं को ठिकाने लगाया जा रहा है, दूसरी तरफ नया नेतृत्व भी पैदा नहीं किया जा रहा है।

सवाल है कि जिस कानून को इतने जल्दबाजी में लाया जा रहा हैं उसके लागू करने के लिए पहले से कोई तैयारी क्यों नहीं की गई, या फिर यह केवल आगामी चुनाव में राजनीतिक लाभ पाने के दृष्टिकोण से किया जा रहा है।

बहेड़ी: लोकसभा में महिला आरक्षण बिल प्रस्तुत किए जाने का माध्यमिक शिक्षक नेता अरूण कुमार निराला ने स्वागत किया है। उन्होंने कहा है कि इसका लाभ उन महिलाओं को मिलना चाहिए जो इस का वास्तविक हकदार है। श्री निराला ने कहा है कि महिलाओं के हित में सभी राजनीतिक दलों को एक होना चाहिए।

Transcript Unavailable.

जिला परिषद अध्यक्ष सुनीता कुमारी बताती है कि महिला अपने आप को देश के पटल पर बेहतर कर रही है और भारत से सभी कार्य में अव्वल रहने का प्रयास रहती है

Transcript Unavailable.

Transcript Unavailable.

Andhira kumari

सुप्रीम कोर्ट ने बिहार आर्थिक पिछड़ा वर्ग आयोग पर लगाई रोक। सुप्रीम कोर्ट ने बिहार में नगर निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण तय करने के मामले में आर्थिक पिछला वर्ग आयोग को अधिसुचित करने पर रोक लगाकर बिहार राज्य से जवाब मांगा है। राज्य सरकार यह जवाब चार हफ्ता में देगी। कोर्ट ने पहले एक फैसले में कहा था की नगर निकाय चुनाव में ओबीसी चुनाव आरक्षण देने के लिए ट्रिपल टेस्ट का पालन ज़रूरी है। कोर्ट ने यह नोटिस सुनील कुमार की एसएलपी पर जारी किया है

Transcript Unavailable.