यह नौकरी उन लोगों के लिए है जो नार्थईस्ट फ्रंटियर रेलवे के द्वारा निकाली गई अप्रेंटिस वेरियस ट्रेड के 5647 पदों पर काम करने के लिए इच्छुक हैं। वैसे उम्मीदवार इन पदों के लिए आवेदन कर सकते हैं, जिन्होंने किसी भी बोर्ड से दसवीं पास किया हो और साथ ही आईटीआई की परीक्षा में उत्तीर्ण किया हो। उम्मीदवार की न्यूनतम आयु सीमा 15 वर्ष और अधिकतम आयु सीमा 24 वर्ष होनी चाहिए। इच्छुक उम्मीदवार अपना आवेदन ऑनलाइन भर सकते हैं।अधिक जानकारी के लिए आवेदनकर्ता इस वेबसाइट पर जा सकते हैं। वेबसाइट है : app.nfr-recruitment.in .याद रखिए इन पदों पर आवेदन करने की अंतिम तिथि 03 /12 /2024 है ।
"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के अंतर्गत कृषि विशेषज्ञ श्री जिव दास साहू गेहूं के फसल बुवाई करने का सही समय और किस्मों की जानकारी दे रहे हैं। इसकी पूरी जानकारी सुनने के लिए ऑडियो पर क्लिक करें.
"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के तहत कृषि विशेषज्ञ कपिल देव शर्मा फूलगोभी और पत्ता गोभी में लगने वाले माहू कीट के बारे में जानकारी दे रहे हैं। विस्तारपूर्वक जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें .
माता-पिता के रूप में जहाँ हम परवरिश की खूबियाँ सीखते हैं, वहीँ इन खूबियों का इस्तेमाल करके हम अपने बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ावा दे सकते है।आप अपने बच्चे के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ाने और उन्हें सीखाने के लिए क्या-क्या तरीके अपनाते है? इस बारे में बचपन मनाओ सुन रहे दूसरे साथियों को भी जानकारी दें।
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दोस्तों,14 नवंबर, 1889 को जन्मे देश के प्रथम प्रधानमंत्री और बच्चों के चहेते चाचा नेहरू के नाम से प्रचलित पंडित जवाहरलाल नेहरू की जयंती के अवसर पर देश भर में हर साल 14 नवंबर को बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है ।इस दिन न सिर्फ पंडित नेहरू को सच्चे मन से श्रद्धांजली अर्पित की जाती है, बल्कि बच्चों को उनके शिक्षा, स्वास्थ्य संबंधित अधिकारों के प्रति भी जागरूक किया जाता है।आइये हम भी आज उन्हें याद करें और उनके बताए रास्ते पर चलने का संकल्प करें। मोबाइल वाणी परिवार के तरफ से बाल-दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं !!
"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के अंतर्गत कृषि विशेषज्ञ श्री जिव दास साहू आलू की खेती के लिए खाद और सिचाई से जुड़ी जानकारी दे रहे हैं। इसकी पूरी जानकारी सुनने के लिए ऑडियो पर क्लिक करें.
"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के तहत कृषि विशेषज्ञ कपिल देव शर्मा मसूर फसल की बुवाई से सम्बंधित जानकारी दे रहे हैं। विस्तारपूर्वक जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें .
पिछले छह महीने से चल रहे कार्यक्रम 'अपनी जमीन अपनी आवाज़ ' को काफी हद तक श्रोताओं ने सराहा है और सभी ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया। कई श्रोताओं ने इस कार्यक्रम को लेकर सकारात्मक प्रतिक्रिया भी दिया । कार्यक्रम के माध्यम से समाज में कई परिवर्तन आ रहा है। एक महिला को पति के देहांत के बाद ससुराल से निकाल दिया गया ,मायके से सहयोग तो मिला पर भाई की तरफ से सहयोग नहीं मिला। पिता को पैतृक संपत्ति में बेटी का अधिकार की जानकारी नहीं थी ,पर कार्यक्रम के ज़रिये पिता को समझाया गया जिसके बाद उन्हें जमीन में हिस्सा मिला ,जिसके माध्यम से वो सशक्त और आत्मनिर्भर बनी। वहीं एक महिला उर्मिला देवी का कहना है कि इनके घर में अपनी जमीन अपनी आवाज़ कार्यक्रम सुना जाता है और इस कार्यक्रम से प्रभावित हो कर विचार में बदलाव आया और यह निर्णय लिया कि वो अपनी बेटी को दहेज़ न देकर जमीन का हिस्सा देंगी। दोस्तों , भले ही कार्यक्रम समाप्त हो रहा है लेकिन समाज में बदलाव की बयार धीरे धीरे ही सही बहने लगी है।