मौसम की बेरहमी से खरी़फ सीजन में किसानों का दम निकल रहा है। किसान मौसम की बेरुखी की मार झेल रहे हैं। प्रचंड गर्मी ने खेती बारी को चौपट कर रखा है। चाह कर भी किसान खेती के लिए कुछ कर नहीं पा रहे हैं। लगातार गर्मी का कहर झेल रहे किसानों पर अब आफत के बादल मंडराने लगे हैं। किसानों को फसल बचाने में पसीने छूट रहे हैं। किसान निजी पंपसेट व बोरिंग से सुख रही गन्ना फसल को बचाने की मशक्कत कर रहे हैं। लेकिन गर्मी का तेवर इतना तीव्र है कि किसान फसल को बचाने में कामयाब नहीं हो पा रहे हैं। यही हाल हरी सब्जी की है। हरी सब्जियों में रोज पटवन करना किसानों के बूते के बाहर हो रहा है। जिससे किसान मायूस दिख रहे हैं। सबसे बुरा हाल तो धान के बिचड़े की तैयारी की है। अभी तक महज 25 से 30 प्रतिशत ही धान का बीज किसान गिराए हैं। बाकी किसान बारिश के इंतजार में हैं। मानसून भी दगा दे रहा है । जिससे किसानों का कुछ वश नहीं चल रहा है। बारिश नहीं होने से खरीफ खेती पिछड़ने के आसार दिखने लगे हैं। उल्लेखनीय है कि जिले में इस वर्ष 1.83 लाख हेक्टेयर में धान की खेती का लक्ष्य है। इधर जिला कृषि पदाधिकारी चंद्र देव प्रसाद ने बताया कि मौसम की बेरुखी से धान के बिचड़े तैयार करने में किसानों को परेशानी हो रही है।