चम्पारण के किसानों के लिए अच्छी खबर है। धान की नई किस्म राजेन्द्र सरस्वती की खुशबू से चम्पारण की फिजां गमकेगी। राजेंद्र केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के विज्ञानियों ने धान की नई प्रजाति राजेंद्र सरस्वती विकसित की है। इस सुगंधित प्रजाति से किसान अच्छी पैदावार के साथ बढ़िया मुनाफा भी कमा सकते हैं। विज्ञानियों ने धान की नई प्रजाति राजेंद्र सरस्वती विकसित कर प्रदेश के किसानों को एक नया उपहार दिया है। इस प्रजाति को केंद्रीय शोध संस्थान ने भी किसानों के लिए जारी कर दिया है। अब बिहार राज्य बीज निगम इसका बीज किसानों को मुहैया कराएगा। इसके लिए तैयारी शुरू कर दी गई है। इसका बीज केविके ने किसानों को इस मौसम में खेती के लिए उपलब्ध कराया है। केविके प्रमुख डा.अरबिंद कुमार सिंह का कहना कि राजेंद्र सरस्वती मध्यम दर्जे के खेतों के लिए है। इसकी खेती पूरे प्रदेश में की जा सकती है। वही चम्पारण की जलवायु इसके लिए काफी उपयोगी है। यह 110 से 115 दिनों में तैयार होने वाली प्रजाति है। 45 से 55 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है उपज बताया कि राजेंद्र सरस्वती एक सुगंधित प्रजाति की किस्म है। हाल के वर्षों में न केवल राज्य में बल्कि देश भर के सुगंधित धान के किस्मों की मांग बढ़ी है। इसी के मद्देनजर विश्वविद्यालय प्रशासन ने सुगंधित किस्म की नई प्रजाति विकसित की है। इसकी उपज 45 से 55 क्विंटल हो सकती है। किसान इस प्रजाति के धान को ज्यादा जलजमाव वाले खेतों में न लगाएं तो बेहतर होगा। उच्च एवं मध्यम दर्जे के खेतों में इसकी अच्छी पैदावार होती है।