केंद्र सरकार ने 10,000 एफपीओ स्कीम के तहत पूरे देश में दस हज़ार ए़फपीओ बनाने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए विभिन्न सरकारी व ़गैरसरकारी संगठनों द्वारा किसान उत्पादक संगठन का संवर्धन किया जा रहा है। ए़फपीओ खेत से बाज़ार तक किसानों की भागीदारी सुनिश्चित करती है और किसान उत्पादक संगठन से जुड़कर किसान आत्मनिर्भर होंगे। साथ ही उनकी सामाजिक एवं आर्थिक स्थिति में भी बदलाव आएगा। यह बातें नाबार्ड के डीडीएम आनंद अतिरेक ने मंगलवार को एफपीओ के निरीक्षण के दौरान कही। श्री अतिरेक ने पीपराकोठी, संग्रामपुर, मोतिहारी व तुरकौलिया ए़फपीओ का निरीक्षण किया। उन्होंने ए़फपीओ के निदेशक मंडल व कार्यकर्ताओं को ए़फपीओ के कुशल प्रबंधन को लेकर सुझाव दिया। गौरतलब है कि जिले के संग्रामपुर, तुरकौलिया, मोतिहारी, पीपराकोठी, चकिया, पकड़ीदयाल, मेहसी, कल्याणपुर, अरेराज, हरसिद्धि व रामगढ़वा में कौशल्या ़फाउंडेशन द्वारा किसानों को जागरूक कर किसान उत्पादक संगठन बनाया गया है । इन बारह एफपीओ के साथ 4500 किसान जुड़े हैं। चकिया, संग्रामपुर व रामगढ़वा के ए़फपीओ को राज्य के कृषि विभाग के तऱफ से ़फार्म मशीनरी बैंक भी प्रदान किया गया है। कौशल्या ़फाउंडेशन के मैंनेजिंग ट्रस्टी कौशलेंद्र ने बताया कि किसान संगठित होकर उत्पादन से विपणन तक लागत में कमी कर सकेंगे और अच्छा मूल्य प्राप्त कर बेहतर आय प्राप्त कर सकेंगे।
