बिहार राज्य के जिला जमुई से नागमणि कुमार की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से बिनु कुमारी से हुई। बिनु कुमारी यह बताना चाहती है कि महिलाओं के खिलाफ हिंसा और भेद -भाव को ख़तम करने लिए सबसे पहले शिक्षा पर ज़ोर जरूरी हो जाता है। जब तक महिला शिक्षित नहीं होगी तब तक वह जागरूकता समझ नहीं सकती है और न ही समाजिक रीती रिवाज समझ सकती है। लैंगिक असमानता और महिलाओं के अधिकारों को बढ़ावा देने में मुख्य रूप से पुरुषों और महिलाओं की भूमिका रहती है। ऐसा इसीलिए संभव होता है की आज के जमाने में लड़का और लड़की में कोई अंतर नहीं होता है। लड़का और लड़की स्वतंत्र रूप से पढ़ाई - लिखाई , खेल - कूद में अहम् भूमिका निभा रहे है। महिलाओं के लिए समाजिक न्याय और समानता को बढ़ावा देने में आवश्यक हो जाता है जिसमे मीडिया अहम् भूमिका निभाती है। जिसके माध्यम से समाज की बुराइयों के बारे में पता चलता है और उसके बारे में उचित और अनुचित का ज्ञान होता है।