पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश संजय करोल रविवार की दोपहर भगवान महावीर पावन जन्मभूमि क्षत्रियकुंड लछुआड़ पहुंचे।इस दौरान लछुआड़ धर्मशाला में जिला पुलिस बल द्वारा सबसे पहले सम्मान में उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। कुछ देर धर्मशाला में रुकने के बाद मुख्य न्यायाधीश ने भगवान महावीर की जन्मकल्याणक मंदिर के पूजन दर्शन को लेकर जन्मस्थान निकल पड़े।जहां उन्होंने अष्ट प्रकारी पूजा विधि के तहत भगवान महावीर की पूजा अर्चना की तथा मंदिर के चारों ओर घूम घूमकर भगवान महावीर के प्राचीन इतिहास का अवलोकन किया।इससे पूर्व भगवान महावीर के जन्मकल्याणक मंदिर जाने के क्रम में कुण्डघाट की तलहटी में विराजमान भगवान महावीर की च्यवन व दीक्षा कल्याणक मंदिर जाकर दर्शन पूजन किया।जैन धर्मशाला में तीर्थ यात्रियों की अच्छी सुबिधाओ को देखते हुए धर्मशाला प्रबंधन को काफी सराहा।हालांकि इस दौरान पहाड़ों की गोद में बसे भगवान महावीर के मंदिर के साथ रमणिक स्थल को देख वह भाव विभोर हो उठे।इस अवसर पर मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि इसे पर्यटन स्थल के रूप में और विकसित करने जरूरत है।जिससे क्षत्रियकुण्ड लछुआड़ को लोग विश्व के मानचित्र पर देख सकें।कहा कि पर्यटन के रूप में विकसित होने पर इलाके के लोगो को रोजगार का सृजन भी प्राप्त होगा।इस दौरान धर्मशाला के प्रबंधक उज्ज्वल रत्ना द्वारा मुख्य न्यायाधीश को माथे पर तिलक लगाकर महावीर की मोमेंटो व अंगवस्त्र भेंटकर उन्हें सम्मानित किया गया।बता दें कि मुख्य न्यायाधीश संजय करोल लखीसराय में जुवेनाइल जस्टिस एक्ट 2015 एवं पॉक्सो एक्ट 2012 पर संवेदीकरण सह जागरूकता कार्यक्रम में शामिल होने के साथ चाइल्ड फ्रेंडली कोर्ट के नवनिर्मित भवन का उदघाटन करने आये हुए थे।इस अवसर पर पटना उच्च न्यायालय के न्यायाधीश राजीव रंजन कुमार,जिलाधिकारी जमुई अवनीश कुमार सिंह के अलावा कई अन्य उपस्थित थे।विस्तृत जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें।