देशभर में कोरोना का संक्रमण तेजी से फैल रहा है। इसे रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन के कारण लाखों लोग अपने घर लौट रहे हैं। दूसरे राज्यों में फंसे बिहार के लोग रोज श्रमिक स्पेशन ट्रेन से यहां पहुंच रहे हैं। शुक्रवार को 20 ट्रेन से लगभग 20 हजार लोग बिहार के अलग-अलग जिलों में पहुंचेंगे। इसबीच नीतीश कुमार की सरकार प्रदेश में लौटे प्रवासी श्रमिकों को यही रोजगार देने की तैयारी में जुट गई है।  राज्य के सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के सचिव अनुपम कुमार ने बताया कि मनरेगा, जल-जीवन-हरियाली, नल-जल, सड़क निर्माण आदि कार्यों को शुरू कराया गया है। लॉकडाउन के दौरान अब तक 12 विभागों के तीन लाख 44 हजार योजनाएं शुरू की गई हैं, जिसके तहत एक करोड़ 34 लाख कार्य दिवस का सृजन किया गया है।  रोजगार सृजन के लिए सभी विभाग अग्रिम तैयारी रखें मुख्यमंत्री ने सभी विभागों के प्रमुखों कहा है कि प्रवासी मजदूरों के स्किल सर्वे से प्राप्त प्रोफाइल के अनुसार रोजगार सृजन के लिए अग्रिम तैयारी कर लें। जिससे स्किल के अनुरूप उनसे काम लिया जा सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सब की जिम्मेदारी है कि बाहर से आ रहे हमारे श्रमिकों का प्रदेश में कोई दिक्कत ना हो। उन्हें यही रोजगार मिले। इसके लिए अभी ये ज्यादा तैयारी की जरूरत है।  किसी को ना हो कोई परेशानी :  मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि प्रखंड स्तरीय क्वारंटाइन सेंटर में निर्धारित मानक प्रक्रिया के तहत पूरी व्यवस्था रखें, ताकि वहां पर रह रहे किसी भी व्यक्ति को कोई समस्या नहीं हो। साथ ही पंचायत स्तरीय क्वारंटाइन सेंटर को भी सुविधाओं से लैस करें और उसे भी अपग्रेड कर प्रखंड स्तरीय क्वारंटाइन सेंटर की तरह सुदृढ़ करें। मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव और अन्य आलाधिकारियों के साथ कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए किये जा रहे उपायों की समीक्षा की और कई निर्देश दिए।