जमुई जिले के गिद्धौर प्रखंड से संजीवन कुमार सिंह जी मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे है कि मकर संक्रांति के आगमन की आहट के साथ ही प्रखंड क्षेत्र में गुड़ और तिल की सुगंध फैलने लगी है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस दिन सूर्य धनु राशि को छोड़कर मकर राशि में प्रवेश करता है, और मकर राशि में सूर्य का प्रवेश अत्यंत फलदायक होता है। इसलिए भी मकर संक्राति का विशेष महत्व है। इस दिन तिल, गुड़ एवं दही खाने का भी विशेष महत्व है। इसको लेकर सभी घरों में जमकर तिल व अन्य पारंपरिक लाय बनाए जाते हैं। इसकी तैयारी भी अभी से शुरू है। पारंपरिक ओखली-समाठ की आवाज से ही क्षेत्र में मकर सक्रांति के आने की धमक सुनाई देने लगी है। पिछले कुछ वर्षों में अंग्रेजी नववर्ष के जश्न ने मकर संक्रांति की महत्ता में भी सेंधमारी की है। तिल-गुड़ के लाय से ज्यादा स्वाद अब कहीं ना कहीं अंग्रेजी केक में लोगों को मिलने लगा है। खासकर शहरी परिक्षेत्र में यह चलन बढ़ी है, लेकिन ग्रामीण इलाकों में पौराणिक संस्कृति पूरी तरह अक्षुण्ण है।