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झाँसी ,कन्हौली ,एक बार ही सम्मान निधि का पैसा मिला पर अब नहीं आ रहा है
हैलो शोटा दोस्तों , झांसी मोबाइल वानी पर मैं विकेश प्रजापति हूं और आप किसानों की चर्चा सुन रहे हैं । हम लगातार झांसी के किसानों से बात कर रहे हैं । हमारे साथ एक किसान है जो अपनी मांगों के साथ अभियान चला रहा है , चलो उसके साथ चर्चा करते हैं क्या नाम है चाचा आपका कोमल सिंह अच्छा तो चाचा आपका का लगा के जो किसान की जो मांग के लेकर किसान अभी अपनी मांग कर रहे हैं तो जहां पे का हूण जजजीत जहां पे देखो । किसानों की बात सुनी जानी चाहिए । किसान लंबे समय से परेशान हैं । कई साल बीत चुके हैं और कई किसानों की मौत हो चुकी है । अब तक उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई है । सरकार कहती है कि हम किसानों की आय दोगुनी करेंगे । किसानों को सभी योजनाओं का लाभ मिलेगा । बात करते हैं कि ऐसी कई योजनाएं चल रही हैं जो सरकार किसानों के लिए चला रही है , उसके बाद भी किसानों की आय इतनी नहीं बढ़ रही है कि किसान अपनी फसल भी बेच रहे हैं । मुझे उनसे पूरी तरह से स्पष्ट लाभ नहीं मिल पा रहा है , इसलिए जैसा कि हमने सोचा कि आलू समय के अंतराल पर कितनी बार हुआ है , तो आज यही स्थिति है । पच जी भी करो आठ करो है ना तो क्या आपके विचार है की जो मांग है किसान की जो जो जो जो जानती कर दिया है सर जिस तरह से सरकार कर रही है वह ठीक है लेकिन किसान आप ? सर कितना मजबूर राज़हर को जांते आपके आखिरी मेरे विचार क्या बचाओ को अपनी बात को बहुत कौन है । थोड़ा मुझे बताएँ कि आप क्या सोचते हैं , विचार यह है कि किसान की बात सुनी जानी चाहिए , उसकी समस्याओं का समाधान किया जाना चाहिए । उन्हें सस्ते कनेक्शन मिलने चाहिए , छोटे कनेक्शन स्वीकृत होने चाहिए , छोटे किसान छोटे , ऊंचे और छोटे हैं , उन्हें पानी दिया जाता है , उनकी पूरी फसल उन्हें पांच कनेक्शन देकर ली जाती है ।
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बुंदेलखंड की महिलाओं में इतना कॉन्फिडेंस देखकर मुझे बड़ा ताजुब हुआ, "कौन बनेगी बिज़नस लीडर" प्रतियोगिता में जिस प्रकार महिलाओं ने प्रेजेंटेशन किया वह मेरे लिए एक नया अनुभव था. क्योंकि हमारे बुंदेलखंड में पर्दा प्रथा कुछ ज्यादा है जिसके कारण महिलाएं स्टेज पर आकर बात करना तो दूर की बात एक दूसरे से बात भी करने में झिझकती हैं। यह प्रोग्राम सराहनीय था इस प्रकार के और प्रोग्राम होते रहना चाहिए।